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झारखंड : हिंदुओं ने क्यों लगाए 'बिकाऊ है' के पोस्टर? गिरिडीह में ‘कैराना’ का सच

बीते महीने एक टीवी डिबेट पर बीजेपी नेता के पैगंबर मोहम्मद ( Prophet Mohammad Remark Row) पर बयान के बाद भड़के मुस्लिमों के प्रदर्शन का असर झारखंड में रांची के बाद गिरिडीह में भी दिखा.

Updated on: 17 Jun 2022, 05:08 PM

highlights

  • गिरिडीह पुलिस की कार्रवाई को गुस्साए लोग एकपक्षीय बता रहे हैं
  • मोहल्ले के हिंदू डरे हुए हैं और इलाका ही छोड़ने की बात कह रहे हैं
  • पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई का दावा किया है

नई दिल्ली:

झारखंड के गिरिडीह ( Giridih Jharkhand) में 14 जून को मुस्लिमों की पत्थरबाजी के बाद हिंदुओं के घर पर 'घर बिकाऊ है ( House on Sale)' के पोस्टर लगने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जिले के पचंबा स्थित हटिया रोड पर 12 जून को मुस्लिम-हिंदू सांप्रदायिक तनाव ( Communal Tension) के बाद पत्थरबाजी और पोस्टर के मुद्दे पर सियासत तेज होने लगी है. बीते महीने एक टीवी डिबेट पर बीजेपी नेता के पैगंबर मोहम्मद ( Prophet Mohammad Remark Row) पर बयान के बाद भड़के मुस्लिमों के प्रदर्शन का असर झारखंड में रांची के बाद गिरिडीह में भी दिखा. हटिया रोड में लगभग 150 हिंदू परिवारों ने अपने घरों-दुकानों के बाहर मकान या दुकान बिकाऊ है का पोस्टर चिपका दिया.

गिरिडीह में पचंबा के हटिया रोड में 12 जून की रात छेड़छाड़ के मामले को लेकर दोनों समुदायों के बीच हिंसक झड़प हो गया था. इस दौरान दुकानें धड़ाधड़ बंद हो गई, आम लोग घरों में चले गए और पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा था. हिंदुओं की ओर से कई लोगों ने पुलिस पर दूसरे पक्ष के लिए सहानुभूति दिखाने का आरोप लगाया. इसके अलावा बड़े पैमाने पर चर्चा शुरू हो गई कि उत्तर प्रदेश के कैराना से हिंदुओं के पलायन जैसी घटना सामने आ सकती है. कैराना में कुछ साल पहले हिंदुओं के घरों और दुकानों पर 'बिकाऊ है' के पोस्टर की खबर काफी दिनों तक सुर्खियों में रही थी.

पुलिस एक्शन को लेकर नाराजगी

पचंबा हटिया रोड सांप्रदायिक तनाव मामले में गिरिडीह पुलिस की कार्रवाई को गुस्साए हिंदू समुदाय के लोग एकपक्षीय बता रहे हैं. वहीं पुलिस के मुताबिक उन्होंने इस मामले में तुरंत कार्रवाई कर दो नाबालिगों समेत सात लोगों को गिरफ्तार कर दूसरे दिन सोमवार को हजारीबाग रिमांड होम और गिरिडीह जेल भेज दिया था. पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक्शन का दावा किया है. स्थानीय लोगों ने इस दावे सवाल उठाए हैं. गिरिडीह एसपी अमित रेणु ने कहा कि दो लोगों की लड़ाई को बेवजह सांप्रदायिक मामला बना दिया गया. उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की.

इस सबके बावजूद हटिया रोड के तनावग्रस्त मोहल्ले के हिंदू डरे हुए हैं और इलाका ही छोड़ने की बात कह रहे हैं. उन्होंने अपने घरों-दुकानों के आगे बिक्री का पोस्टर चिपका  दिया है. पोस्टर की तस्वीर और उसका वीडियो वायरल होने के बाद आसपास के लोग हटिया रोड में इकट्ठा होने लगे थे.

बहु-बेटियों से छेड़खानी की शिकायत

घटना के बाद पुलिसिया कार्रवाई से नाराज स्थानीय लोगों का कहना है कि चारों तरफ से मुस्लिम बहुल उनके मोहल्ले को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है. कुछ दिन पहले भी यहां पर पथराव किया गया था. उन्होंने कहा कि पथराव की घटना के बाद पुलिस ने निर्दोषों पर कार्रवाई की. इस तरह की घटनाओं की वजह से मोहल्ले के लोग सुरक्षित महसूस नहीं कर पाते. उनके साथ हमेशा ज्यादती की जाती है. छेड़खानियों के चलते उनकी बहू-बेटियों का घर से निकलना दूभर हो जाता है. पुलिस भी हमारी नहीं सुनती है. इसलिए सबकुछ बेचकर पलायन करना चाहते हैं.

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धरना पर बैठे बीजेपी के कई नेता

झारखंड में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बताया है. बीजेपी नेता और पूर्व विधायक निर्भय कुमार शाहबादी और कोडरमा सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव समेत कई लोग धरने पर बैठ गए. उन लोगों के मुताबिक यहां पिछले 6 माह से लोगों को परेशान किया जाता है. बच्चियों पर फब्तियां और घर-दुकान पर पथराव किया जाता है. पुलिस ने खुद का बचाव करने वालों को भी आरोपी बना दिया है. यहां समुदाय विशेष के लोगों की मनमानी चलती है. पुलिस के आला अधिकारियों के आश्वासन के बाद नेताओं ने धरना खत्म किया.