मिलिए फ्रांस के एमिमेम से, जो खुद को कहता है सड़कों की 'रोड़ी का सर्जन'
एमिमेम रूपी कलाकार का जन्म 2016 में एक टूटे-फूटे साइडवॉक पर हुआ. यानी एमिमेम ने 2016 से अपनी कला का इस अंदाज में प्रदर्शन शुरू किया.
highlights
- टूटी-फूटी फुटपाथ या साइडवॉक को कलात्मक ढंग से सजाते हैं एमिमेम
- फ्रांस के ल्यों शहर में उनका कला के अद्भुत नमूने बहुतायत में हैं बिखरे
- दुनिया के कई देशों में लग चुकी है उनकी कला की सोलो प्रदर्शनी
नई दिल्ली:
फ्रांस के एक शहर ल्यों का अनजान शख्स कला की दुनिया का बड़ा नाम बन गया है. वह खुद को एमिमेम के नाम से दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करता है और अपने आपको सड़क बनाने के काम आने वाली 'रोड़ी-गिट्टी का सर्जन' कहता है. वह सिरेमिक, लकड़ी और बिटुमेन से टूटे-फूटे फुटपाथ और पैदल चलने के लिए बने साइडवॉक की मरम्मत करता है, वह भी बेहद कलात्मक ढंग से. ल्यों शहर में रंग-बिरंगे मोजेक टाइल्स से ढंके गड्ढे और अन्य टूट-फूट को इमिमेम ने बेहद खूबसूरती के साथ सजाया-संवारा है. एमिमेम की इस कलाकारी के लिए लोग उन्हें 'फुटपाथों का सर्जन' और 'गड्ढों का नाइट' कह कर भी संबोधित करते हैं. उनके मोजेक डिजाइन की लोकप्रियता का आलम यह है कि इस महीने की शुरुआत में उनकी कलाकारी को डिस्ट्रिक्ट 13: इंटरनेशनल आर्ट फेयर में भी प्रदर्शित किया गया.
कौन है एमिमेम
ल्यों स्थित इस अद्भुत कलाकार की वेबसाइट के मुताबिक वह पहले एक लोकप्रिय रॉक समूह में गीतकार हुआ करते थे. एमिमेम रूपी कलाकार का जन्म 2016 में एक टूटे-फूटे साइडवॉक पर हुआ. यानी एमिमेम ने 2016 से अपनी कला का इस अंदाज में प्रदर्शन शुरू किया. तब से लेकर आज तक वह टूटे-फूटे फुटपाथ और साइडवाक को अपनी मोजेक कला से सजाते-संवारते आ रहे हैं.
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एमिमेम का काम
पिछले छह सालों में एमिमेम ने ल्यों में कम से कम 300 टूटे-फूटे फुटपाथ के हिस्सों और साइडवाक की मोजेक सर्जरी की है. वह जहां कहीं भी गड्ढे या अन्य टूट-फूट देखते हैं रात के अंधेरे में उसे मोजेक के जरिये फिर से सजा-संवार देते हैं. एमिमेम की इस कलाकारी को देख मीडिया में उनकी तुलना ब्रिटेन के लोकप्रिय स्ट्रीट आर्टिस्ट बैंक्सी से भी की जाती है.
किस तकनीक का करते हैं इस्तेमाल
एमिमेम फुटपाथ या साइडवॉक के टूटे-फूटे हिस्सों की मरम्मत के लिए सिरेमिक, लकड़ी और अस्फाल्ट का इस्तेमाल करते हैं. इनके जरिये वह फुटपाथों की टूट-फूट को कलात्मक अंदाज में सजाते-संवारते हैं. वह अपनी इस तकनीक को फ्लेकिंग करार देते हैं, जो वास्तव में एक फ्रांसीसी शब्द फ्ले से बना है, जिसका अर्थ होता है पोखर. इसे वह गड्ढे या छेद को भरने की कला के नाम से भी पुकारते हैं. रंग-बिरंगे मोजेक अलग-अलग आकार और रंग के टाइल्स से तैयार करते हैं. फिर उन्हें ज्यामितीय शैली में टूट-फूट वाले हिस्से के ऊपर सजाते-संवारते हैं. इन मोजेक डिजाइन पर सिग्नेचर स्टाइल में मकान के निर्माण में काम आने वाली कन्नी और एमिमेम का नाम देखने को मिलता है. उनकी वेबसाइट में इस काम को कुछ यूं बताया गया है- फुटपाथ या साइडवॉक पर प्लास्टर वास्तव में शहर रूपी फैब्रिक के उधड़े घाव सामने लाता है. यह एक समसामयिक कला का नमूना है.
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कहां-कहां है उनकी कला की उपस्थिति
एमिमेम की इस कला के दर्शन ल्यों की सड़कों और फुटपाथों पर तो होते ही हैं. इसके अलावा पेरिस, मैड्रिड, बार्सिलोना और मिलान में भी यह देखने को मिल जाती है. इसके अलावा साइडवॉक या मरम्मत की गई फुटपाथ की फोटो लेकर उसे आर्ट गैलरियों में आयोजित होने वाली वर्कशॉप या अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनियों में भी लगाया जाता है.उनकी पहली प्रदर्शनी 2018 में ल्यों की ही एक कलादीर्घा में लगी थी. इसके अलावा दुनिया के कई अन्य शहरों में भी उनकी कला प्रदर्शित की जा चुकी है, जिसमें 2021 का पेरिस आर्ट फेयर भी शामिल है. हाल के दिनों में एमिमेम साइकिल के लिए बने खास रास्तों को अपनी इस कला से सजाने-संवारने का काम कर रहे हैं, जो चार साल तक चलेगा.
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