राज्यसभा में पहले दिन के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित

सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही अब सोमवार को शुरु होगी।

सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही अब सोमवार को शुरु होगी।

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Deepak Kumar
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राज्यसभा में पहले दिन के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित

राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित

संसद के ऊपरी सदन में शुक्रवार को जमकर हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही अब सोमवार को शुरु होगी।

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विपक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान के साथ मिलकर साजिश रचने का आरोप लगाए जाने और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया।

राज्यसभा में भोजनकाल से पूर्व और भोजनकाल के बाद कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी। 

भोजनकाल के बाद जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने निर्वाचित प्रतिनिधियों पर मुकदमे के लिए त्वरित अदालत गठित करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में सरकार के हलफनामे पर व्यवस्था का प्रश्न उठाया। 

उपसभापति पी.जे. कुरियन ने इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं दी, जिसके बाद विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। 

कुरियन ने 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। लेकिन जैसे ही सदन की बैठक फिर से शुरू हुई, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए उपसभापति के आसन के करीब आ गए। कुरियन ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी। 

इससे पहले सदन की कार्यवाही संक्षिप्त समय के लिए स्थगित किए जाने के बाद प्रश्नकाल के लिए जैसे ही दोबारा शुरू हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर लगाए गए आरोपों को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच गरमागर्म बहस हुई और सदन की कार्यवाही अपराह्न् 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

मोदी ने कहा था कि कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के घर पर हुई बैठक में गुजरात चुनाव को लेकर भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त और पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी के साथ चर्चा की गई, और इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी शामिल थे। 

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'यह कोई साधारण आरोप नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति और कई सेवानिवृत्त राजनयिकों की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाया गया है।' उन्होंने इस मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा कराए जाने की मांग की। 

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हालांकि, सभापति एम. वेंकैया नायडू ने इस अनुरोध को खारिज कर दिया और सदस्यों से प्रश्नकाल की कार्यवाही जारी रखने के लिए कहा। 

इससे सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच तीखी बहस होने लगी और हंगामे के बीच नायडू ने इस बात पर जोर देते हुए कि सदस्य सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना चाहते, कार्यवाही को अपराह्न 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। 

इससे पहले जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता शरद यादव और अली अनवर अंसारी को अयोग्य घोषित किए जाने को लेकर सदन की कार्यवाही संक्षिप्त समय के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नायडू ने इसकी घोषणा की।

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विपक्षी सदस्यों के विरोध करने पर नायडू ने कहा कि अध्यक्ष के फैसले को लेकर कोई चर्चा नहीं हो सकती। 

इस पर आजाद ने कहा, 'हम आपकी अध्यक्षता को चुनौती नहीं दे रहे हैं, लेकिन अयोग्य ठहराए जाने के जो कारण बताए गए हैं, वे सही नहीं हैं। शरद यादव ने महागठबंधन नहीं छोड़ा, बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनेक सहयोगियों ने महागठबंधन छोड़ा। वास्तव में, उन लोगों को अयोग्य करार देना चाहिए।'

जेडीयू सांसदों ने इसका पुरजोर विरोध किया, जबकि विपक्षी नेता नारे लगाते हुए सभापति के आसन के पास पहुंच गए। इस पर सभापति ने अपराह्न 12 बजे तक राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी। 

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Source : News Nation Bureau

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