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Corona Omicron वेरिएंट पर नहीं असर डाल रही वैक्सीन, निर्माताओं ने माना

ओमीक्रॉन संक्रमण पर कोरोना वैक्सीन उस स्तर पर प्रभावी हो ही नहीं सकती, जैसी डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ थी.

Updated on: 01 Dec 2021, 12:27 PM

highlights

  • कोरोना के डेल्टा वेरिएंट जैसी प्रभावी नहीं ओमीक्रॉन पर वैक्सीन
  • वैक्सीन निर्माताओं को सिर्फ ओमीक्रॉन पर फोकस नहीं करने की चेतावनी
  • ओमीक्रॉन वेरिएंट से लंबा खिंच सकता है कोरोना संक्रमण का कहर

नई दिल्ली:

जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन (Omicron) के स्पाइक प्रोटीन में काफी म्यूटेशन हो चुका है. ऐसे में विशेषज्ञ इसके खिलाफ हाल-फिलहाल मौजूदा वैक्सीनों (Vaccine) के प्रभाव को कम होने का डर जता रहे हैं. मॉडेर्ना के चीफ एक्जीक्यूटिव स्टेफाने बेंसेल तो बगैर लाग-लपेट कहते हैं कि फिलहाल उपलब्ध कोरोना वायरस की वैक्सीन ओमीक्रॉन वेरिएंट से निपटने में कम प्रभावी हो सकते हैं. इसके साथ ही उन्होंने भी चेतावनी दी है कि नए वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता देने वाली वैक्सीन को बनाने में निर्माता कंपनियों को कई महीनों का समय लग सकता है. बेंसेल ने यह भी आशंका जाहिर की है कि स्पाइक प्रोटीन में बड़ी संख्या में म्यूटेशन से नया वेरिएंट ओमीक्रॉन वैक्सीन लगाने के बाद एंटीबॉडीज से बचने में सफल हो सकता है.

ओमीक्रॉन पर प्रभावी वैक्सीन पर ही सिर्फ न दें ध्यान
फाइनेंशियल टाइम्स अखबार को दिए एक इंटरव्यू में स्टेफाने बेंसेल के मुताबिक वैक्सीन उस स्तर पर प्रभावी हो ही नहीं सकती, जैसी डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ थी. बेंसेल के मुताबिक पूरे के पूरे वैक्सीन प्रोडक्शन को ओमीक्रॉन के खिलाफ मोड़ देना भी खतरनाक है. उन्होंने साफ-साफ कहा कि कोरोना के अन्य वेरिएंट का प्रसार हो रहा है और ये खतरनाक हो सकते हैं. इस बात से विज्ञानियों में यह आशंका भी जता रहे हैं कि कोरोना महामारी लंबे समय तक खिंच सकती है. विशेषज्ञ यह भी आशंका जता रहे हैं कि यह नया वेरिएंट लोगों को कहीं ज्यादा बीमार करने और इस वजह से अस्पताल में भर्ती होने की वजह भी बन सकता है.

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डब्ल्यूएचओ भी कर रहा है ओमीक्रॉन से आगाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी आगाह किया कि प्रारंभिक साक्ष्यों के आधार पर कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रोन से वैश्विक जोखिम बहुत ज्यादा दिख रहा है. संस्था ने कहा कि रूप परिवर्तित कर चुके वायरस से गंभीर परिणामों के साथ मामलों में वृद्धि हो सकती है. संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के इस आकलन में सदस्य देशों को एक तकनीकी ज्ञापन जारी किया गया है जो नये स्वरूप के बारे में डब्ल्यूएचओ की सबसे मजबूत, सबसे स्पष्ट चेतावनी है. इस स्वरूप की पहचान कुछ दिन पहले दक्षिण अफ्रीका में अनुसंधानकर्ताओं ने की थी. यह चेतावनी दुनियाभर के कई देशों द्वारा स्वरूप की जानकारी देने और यात्रा प्रतिबंधों के रूप में कार्रवाई किए जाने के बीच आई है, साथ ही वैज्ञानिक यह पता लगाने की कोशिश में जुटे हैं कि परिवर्तित स्वरूप कितना खतरनाक हो सकता है.