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लोकसभा चुनाव

कांग्रेस-टीएमसी में छिड़ी जुबानी जंग, अधीर ने आपा खोया... बोले नया पागलपन है

बीजेपी को खुश रखने के लिए आज ममता बनर्जी का रुख 'मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा' वाला है. उन्होंने यह भी कहा कि क्या ममता बनर्जी को नहीं पता यूपीए क्या है?

Updated on: 02 Dec 2021, 02:27 PM

highlights

  • महाराष्ट्र दौरे पर गईं ममता बनर्जी ने यूपीए के अस्तित्व पर उठाए सवाल
  • अधीर रंजन ने पलटवार कर बीजेपी-टीएमसी में सांठगांठ का लगाया आरोप
  • बोले- पूरा देश ममता-ममता का जाप नहीं कर रहा. एक नया पागलपन है

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय अवतार देने के प्रयासों के साथ-साथ 2024 लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सामने प्रमुख विपक्षी चेहरा बनने की कोशिशों में हैं. इस कड़ी में दीदी न सिर्फ मेघालय की तर्ज पर कांग्रेस में टूट कराने पर आमादा है, बल्कि कांग्रेस को तवज्जो न देकर अन्य विपक्षी दलों से मेल-मुलाकातों का दौरा भी कर रही है. ऐसे में कांग्रेस का भी दर्द बाहर आ रहा है और उसके नेता ममता बनर्जी पर तीखे हमले बोल रहे हैं. इस कड़ी में नया नाम जुड़ा है अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) का, जिन्होंने दीदी की विपक्षी दलों से मेल-मुलाकात को नया पागलपन करार दिया है.

बीजेपी-ममता बनर्जी में साठगांठ 
अधीर रंजन चौधरी तो ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच सांठगांठ का आरोप भी लगाने में पीछे नहीं रहे. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने एनआरसी पर अपना रुख बदला, यह चुनाव के साथ समाप्त हुआ. एनआरसी का डर दिखाकर वे चुनाव में फायदा उठाना चाहते थे इसलिए ममता बनर्जी जो कुछ भी कहती हैं, बीजेपी उससे सहमत है. बीजेपी को खुश रखने के लिए आज ममता बनर्जी का रुख 'मिले सुर मेरा तुम्हारा, तो सुर बने हमारा' वाला है. उन्होंने यह भी कहा कि क्या ममता बनर्जी को नहीं पता यूपीए क्या है? ममता बनर्जी को लगता है कि पूरा भारत ममता-ममता करना शुरू कर चुका है. भारत का मतलब बंगाल नहीं है और बंगाल का मतलब भारत नहीं है. बंगाल में ममता बनर्जी और भाजपा ने जो सांप्रदायिक खेल खेला था, वह अब उजागर हो रहा है. 

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दीदी ने बीजेपी के खिलाफ मजबूत वैकल्पिक रास्ते की वकालत की
गौरतलब है कि अपने महाराष्ट्र दौरे पर ममता बनर्जी ने न सिर्फ एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की, बल्कि शिवसेना नेताओं खासकर आदित्य ठाकरे से भी मिलीं. इसके पहले दीदी दिल्ली दौरे पर आई थीं, जहां उन्होंने पवन वर्मा, कीर्ति आजाद और अशोक तंवर को टीएमसी में शामिल कराया था. इसके ठीक चंद घंटों बाद ही मणिपुर में टीएमसी ने पूर्व सीएम मुकुल संगमा समेत दर्जन भर कांग्रेस विधायकों को तोड़ बगैर चुनाव लड़े ही मुख्य विपक्षी दल का तमगा हासिल कर लिया था. जाहिर है कांग्रेस में इसको लेकर भारी ऊहापोह है. बुधवार को तो दीदी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि अब यूपीए जैसी कोई चीज नहीं रही. ममता ने कहा कि चल रहे फासीवाद के खिलाफ किसी की लड़ाई के रूप में एक मजबूत वैकल्पिक रास्ता बनाया जाना चाहिए.