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'माचिस की डिब्बी' पर अड़ गए थे CDS रावत, ऐसे हुआ था NDA में चयन

सीडीएस बिपिन रावत कड़े निर्णय के लिए जाने जाते थे, उस पर सख्ती से कायम रहना उनकी जिंदगी का फलसफा रहा था.

Updated on: 09 Dec 2021, 10:08 AM

highlights

  • UPSC द्वारा आयोजित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा पास की थी
  • एक सवाल का जिक्र करते हुए उन्होंने छात्रों को दी थी नसीहत

नई दिल्ली:

सीडीएस बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं हैं, मगर उनकी यादें हमेशा बनी रहेंगी. उत्तराखंड से निकलकर भारत माता के सपूत ने लंबा सफर तय किया है. अपने 37 साल के करियर में उन्होंने महान उपलब्धियां हासिल की हैं. कड़े निर्णय लेना और उस पर सख्ती से कायम रहना उनकी जिंदगी का फलसफा रहा था. अपने शुरुआती दिनों में रावत ने इस खूबी को दिखाना शुरू कर दिया था. सीडीएस रावत ने एक बार उस घटना का जिक्र किया था, ​जब वे युवा थे और भारतीय सेना में एंट्री करने वाले थे. बिपिन रावत ने UPSC द्वारा आयोजित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा को पास किया था. साक्षात्कार में सैकड़ो छात्र थे. एक बार ​बिपिन रावत ने इंटरव्यू का पूरा वाक्या बयान किया था. इस दौरान उनसे कई सवाल पूछे गए थे. मगर जिस सवाल से उनका सिलेक्शन हुआ उसका उत्तर खास था.

बिपिन रावत ने कहा, आखिरकार मेरी बारी आई. मैं अंदर गया. सामने एक ब्रि​गेडियर रैंक के अधिकारी थे. वे इंटरव्यू लेने वाले थे. मैं डरा हुआ था. उन्होंने मेरे सामने एक सवाल रखा और पूछा यदि आपको ट्रैकिंग पर जाना हो और ये चार से पांच दिन चलनी है, तो आप एक सबसे अहम सामान का नाम बताएं जो आप अपने पास रखना चाहंगे. इस सवाल के जवाब में युवा छात्र बिपिन रावत ने कहा कि ऐसी स्थिति में वे अपने पास माचिस रखेंगे. इस पर साक्षात्कारकर्ता ने सवाल उठाया कि आखिर क्यों माचिस को चुना. 

बिपिन रावत ने अपने उत्तर को तर्कों से सही ठहराते हुए इंटरव्यू में कहा, अगर मेरे पास माचिस की डिब्बी है तो मैं ट्रैकिंग के दौरान इस एक चीज से कई काम कर सकता हूं और बहुत सारी गतिविधियों को अंजाम दे सकता हूं. बिपिन रावत ने कहा कि जब मनुष्य प्रारंभिक युग में आदिम अवस्था से आगे बढ़ा तो उन्होंने आग को खोज को सबसे महत्वपूर्ण माना. इसलिए उन्होंने माचिस की डिब्बी को ट्रैकिंग के लिए खास माना. 

जवाब बदलने का दबाव डाला

इस पर ब्रिगेडियर ने उनसे जवाब बदलने का दबाव डाला और कई  उदहारण भी दिए. उन्होंने कहा कि चाकू और किताब भी ले जाया जा सकता है. मगर बिपिन रावत ने उनकी  बातों को नहीं माना और अपनी बात पर अड़े रहे.  बिपिन रावत ने आगे छात्रों से कहा था कि पता नहीं उस जवाब का क्या असर हुआ, लेकिन नेशनल डिफेंस एकेडमी के उनका चयन हो गया. बिपिन रावत ने कहा कि बाद में उन्होंने गौर किया कि पहली बार जवाब के रूप में जो माचिस का जिक्र किया और दबाव के बाद भी वे नहीं पलटे, इसके बावजूद उनका चयन हो गया. यही वजह है कि कहीं न कहीं उनके सेलेक्शन के पीछे इस जवाब की भूमिका रही.