Vivo के 44 जगहों पर छापेमारी, टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला

चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ED)की  जांच और छापेमारी के बाद ही कंपनी के डायरेक्टर झेंगशेन ओउ और झांग जी देश से भाग गए.

author-image
Pradeep Singh
एडिट
New Update
vivo

वीवो मोबाइल कंपनी( Photo Credit : News Nation)


Advertisment

चीनी मोबाइल कंपनियों पर रॉयल्टी के नाम पर देश से बाहर पैसा भेजने और टैक्स चोरी का आरोप है. चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनियों के कुछ अधिकारी जाली दस्तावेज और फर्जी पता जमा किए थे. पिछले महीने, मोबाइल फोन निर्माता का जम्मू-कश्मीर वितरक ग्रैंड प्रॉस्पेक्ट इंटरनेशनल कम्युनिकेशन प्रवर्तन एजेंसियों की जांच के दायरे में आया, जब कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने पाया कि कम से कम दो चीनी शेयरधारकों ने जाली दस्तावेज और फर्जी भारतीय पते जमा किए थे.

देश में मोबाइल मार्केट में चाइनीज कंपनियों का बहुत दबदबा है. शाओमी (Xiaomi), ओप्पो (Oppo) और वीवो (Vivo) जैसी कंपनियां अच्छी कमाई कर रही हैं. इन सभी कंपनियों पर पिछले कुछ सालों के दौरान रेगुलेटरी फाइलिंग और दूसरी तरह की रिपोर्टिंग में गड़बड़ी करने का आरोप है. इसके साथ ही देश के बाहर पैसा भेजने का भी आरोप है, जिसके बाद सरकार ने सभी के खिलाफ बड़ी जांच शुरू की थी. यह जांच कई एजेंसियां कर रही हैं.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वितरक ने खुद को वीवो चाइना की सहायक कंपनी के रूप में पेश किया और आधिकारिक कंपनी रिकॉर्ड में चीनी शेयरधारकों झेंगशेन ओयू और झांग जी के फर्जी पते का विवरण प्रस्तुत किया. पूछताछ करने पर पता चला कि एक पता शिलांग के एक पूर्व मुख्य सचिव का निवास था, जबकि दूसरा हिमाचल प्रदेश के एक गार्ड रूम का था.

चीना स्मार्टफोन निर्माताओं की धांधली समाने आने के बाद  प्रवर्तन निदेशालय ने चीनी स्मार्टफोन निर्माता कंपनी वीवो और संबंधित फर्मों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच में देश भर में 44 स्थानों पर तलाशी ली. प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की धाराओं के तहत छापेमारी की गयी. एजेंसी ने  बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा राज्यों में वीवो और उससे जुड़ी कंपनियों के  44 स्थानों पर तलाशी ली.   

चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की प्रवर्तन निदेशालय (ED)की  जांच और छापेमारी के बाद ही कंपनी के डायरेक्टर झेंगशेन ओउ और झांग जी देश से भाग गए. ED ने वीवो के खिलाफ हाल ही मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. चीनी मोबाइल कंपनियों पर रॉयल्टी के नाम पर देश से बाहर पैसा भेजने और टैक्स चोरी का आरोप है. चीन ने  उम्मीद जताई है कि भारत वीवो के खिलाफ कानून और नियमों के अनुसार जांच करेगा. चीन की कंपनियों के लिए निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करेगा. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, हम इस मामले में बारीकी से नजर रख रहे हैं.

शाओमी पर भी हुई थी कार्रवाई

यह पहली बार नहीं है और वीवो पहली चीनी कंपनी नहीं है, जिसके खिलाफ ED ने कार्रवाई की है. इससे पहले ED ने अप्रैल में फेमा उल्लंघन के आरोप में चीनी मोबाइल कंपनी शाओमी की 5,551 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की थी. कंपनी पर अपनी कमाई को गैरकानूनी तरीके भारत से बाहर भेजने का आरोप था. कंपनी ने यह हेराफरी इसी महीने फरवरी में की थी, जिसके बाद संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की गई थी.

यह भी पढ़ें: Scrub Typhus : बंगाल में नई बीमारी से दहशत, जानें- कारण, लक्षण और बचाव

ED का कहना था कि टेक कंपनी रॉयल्टी के नाम पर इस तरह के बड़े अमाउंट की हेराफेरी चीन में मौजूद अपनी पेरेंट कंपनी के इशारे पर कर रही थी. इसे अमेरिका में मौजूद शाओमी ग्रुप कंपनी को भी भेजा गया था. चाइना की अन्य कंपनियों की तरह वीवो भी IT और ED के रडार पर है. अप्रैल में जांच की मांग की गई थी कि क्या वीवो की ऑनरशिप और फाइनेंशियल रिपोर्ट में गड़बड़ी है या नहीं? ED, CBI के साथ कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी इन कंपनियों से जुड़े फर्मों पर कड़ी नजर रखे हुए है.

हुवावे में हुई थी छापेमारी

इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने फरवरी में हुवावे के कार्यालयों में भी छापेमारी की थी. जांच एजेंसी की ये तलाशी दिल्ली, हरियाणा, गुरुग्राम और बेंगलुरु के ऑफिस में की गई थी. अधिकारियों ने टैक्स चोरी मामले में कुछ कागजात भी जब्त किए थे. हुवावे ने एक बयान में कहा था कि भारत में कंपनी चलाने के लिए हम हर नियम का पालन कर रहे हैं.

HIGHLIGHTS

  • मोबाइल मार्केट में चीनी कंपनियों का दबदबा
  • ED ने  शाओमी की 5,551 करोड़ रुपए की संपत्ति की थी अटैच  
  • दो चीनी शेयरधारकों ने जमा किए जाली दस्तावेज और फर्जी पता
44 Places Raided in India money laundering investigation Major Crackdown Against Chinese Giant Vivo corporate affairs ministry Enforcement Directorate Money Laundering Probe
      
Advertisment