ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ पर तंगी का साया, बिकेंगे शाही विमान
रक्षा मंत्रालय अपने खर्चों में कटौती के मद्देनजर महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) के शाही विमानों की बेचने की योजना बना रहा है. ये विमान अगले साल बेच दिए जाएंगे.
highlights
- कोरोना और ब्रेग्जिट की मार से कराह रही है ब्रिटिश अर्थव्यवस्था
- सेना ने तैयार किया कटौती प्लान, जिसकी जद में आए शाही विमान
- अगले साल बिक जाएंगे महारानी के विमान, बचेगा सिर्फ हेलीकॉप्टर
लंदन:
ब्रेग्जिट (Brexit) समझौता तो भारी था ही कोरोना संक्रमण ने भी ब्रिटेन (Britain) की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है. ऑफिस ऑफ नेशनल स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक 2020 में ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में 9.9 फीसद की गिरावट दर्ज की गई. एक लिहाज से देखें तो ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को 300 साल से ज्यादा समय बाद ऐसी गिरावट का सामना करना पड़ा है. जाहिर है ऐसे में सरकारी खर्चों में कटौती की लंबी-चौड़ी फेहरिस्त तैयार की गई है, जिसकी चपेट में शाही परिवार भी आ गया है. डेली मेल की खबर के अनुसार रक्षा मंत्रालय अपने खर्चों में कटौती के मद्देनजर महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) के शाही विमानों की बेचने की योजना बना रहा है. ये विमान अगले साल बेच दिए जाएंगे. रॉयल एयर फोर्स (Royal Air Force) बीएई 146एस श्रेणी के विमान बेचने के साथ ही सेना में भी बड़े पैमाने पर कटौती करने जा रही है. बताया जा रहा है कि महारानी अब प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के विमान का इस्तेमाल करेंगी, जिसका 1.2 मिलियन पौंड की भारी-भरकम राशि खर्च कर कायाकल्प कराया गया था.
बचेगा सिर्फ एक हेलीकॉप्टर
महारानी के शाही विमान बेड़े में शामिल बीएई 146एस विमानों को बेहद खास माना जाता है. 1980 से ही शाही परिवार के साथ इन विमानों की गौरवशाली परंपरा कायम रही है. इनके जरिये शाही परिवार के सदस्य और सेना के शीर्ष अधिकारी सफर करते थे. अब इन हवाई जहाजों को हटाए जाने के बाद शाही परिवार के पास हवाई सफर के लिए महज एक हेलिकॉप्टर बचेगा, जिससे शाही परिवार के दौरों में खलल पड़ने की पूरी संभावना है. सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहे हैं कि निजी विमानों का काफिला छिन जाने के बाद ब्रिटेन के शाही परिवार के दुनियाभर में दौरों का क्या होगा. आशंका जताई जा रही है कि इससे राष्ट्रकुल के देशों को लेकर महारानी और शाही परिवार की कई योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं.
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पीएम बोरिस जॉनसन पर है बेहद दबाव
इधर प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से पटरी पर लाने का दबाव है. यही वजह है कि सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने, रोजगार बढ़ाने और देश की जीडीपी में इजाफे के लिए कठोर कदम उठा रही है. बेवजह के सरकरी खर्च में कटौती की जा रही है. ब्रिटेन सरकार की ऱणनीति यही है कि सरकारी पैसे का इस्तेमाल विकास के कामों में किया जा सके. इसलिए महारानी के बेड़ों को बेचने का फैसला किया गया है. इसके साथ ही सेना से दस हजार सैनिक भी हटाए जाएंगे. यह तब है जब ब्रिटेन पर अपनी सुरक्षा को लेकर खासा दबाव है.
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300 की सबसे भयानक मंदी का सामना कर रहा ब्रिटेन
अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव के बीच ब्रिटेन आर्थिक झंझावतों से अलग से जूझ रहा है. बताते हैं कि 1709 में भयंकर शीतलहर के कारण उस समय ब्रिटेन की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था बुरी तरह ध्वस्त हो गई थी. इशके बाद आंकड़ों के आधुनिक रिकॉर्ड के हिसाब से यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधार पर आंकड़े जुटाने की शुरुआत हुई थी. 2020 में आई गिरावट का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि यह 2009 की आर्थिक मंदी के समय आई गिरावट से भी दोगुनी है.
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