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UP चुनाव: 2017 की इस रणनीति पर फिर चुनाव में उतरेगी BJP

UP Election 2022: अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए लखनऊ में लगातार मैराथन बैठकें हो रही हैं. बीजेपी नेताओं ने 2022 के चुनाव में भी 2017 विधानसभा की रणनीति पर काम करने का फैसला लिया है.

Updated on: 23 Jun 2021, 02:34 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी तेज हो गई है. राजधानी लखनऊ में लगातार मैराथन बैठकें हो रही हैं. इतना तो साफ हो चुका है कि अगला चुनाव मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लड़ा जाएगा. बीजेपी नेताओं का कहना है कि पार्टी ने चुनाव जीतने के लिए 2017 की तरह ही बूथ स्तर पर मेहनत करने का फैसला किया है. बीजेपी एक बार फिर 'बूथ जीता तो सब जीता' की रणनीति पर काम करेगी. बीजेपी का पूरा फोकस हर बूथ पर जीत दर्ज करने को लेकर होगा.

लखनऊ में मंगलवार को राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने बैठक की. प्रदेश में बीजेपी के ताजा हालात को देखते हुए बीएल संतोष को संकटमोचक कहा जा रहा है. उन्होंने ना सिर्फ सीएम योगी को रिकॉर्ड 8.1 लाख टीकाकरण की बुधवार को बधाई दी है. बल्कि नेताओं से साफ कहा कि उन्हें 2017 की तरह ब्लॉक लेवल पर काम करना होगा. कार्यकर्ताओं से कहां गया कि केंद्र और राज्य सरकार ने जितने भी अच्छे काम किए हैं उन्हें लोगों तक पहुंचाया जाए.  

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2017 के फॉर्मूले पर होगा काम

बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को कहना है कि 'आखिरी बार 2017 में हमारे पास लोगों को बताने के लिए केवल केंद्र की उपलब्धियां थीं, लेकिन इस बार हमारे पास राज्य सरकार की उपलब्धियां भी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कई अच्छे काम किए हैं. इन काम को लोगों तक पहुंचाया जाएगा. इस दौरान यह पुख्ता किया जाएगा कि बीजेपी 2017 की रणनीति पर काम करेगी और सभी मंत्री और पदाधिकारी बूथ पर ध्यान लगाएंगे.

यूपी में कोरोना को किया कंट्रोल

इस बैठक में बीजेपी नेताओं से कहा गया कि लोगों को यह बताना चाहिए कि कैसे उत्तर प्रदेश जैसे बड़े आबादी वाले राज्य में एक महीने में कोरोना वायरस काबू में आ गया. प्रदेश में वैक्सीनेशन की क्या स्थिति हैं उसकी जानकारी भी लोगों तक पहुंचाने को कहा गया है. कोरोना काल में निम्न वर्ग तक योजनाओं का लाभ कैसे पहुंचाया गया, इस उपलब्धि की जानकारी भी लोगों तक पहुंचाने को कहा गया है.

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नेताओं को दूरियां कम करने को कहा

बैठक में इस बात को लेकर भी चर्चा हुए कि नेताओं को आपसी मदभेद भुलाकर चुनावी की तैयारी में जुटना चाहिए. सीएम योगी और आरएसएस के वरिष्ठ नेता मंगलवार को राज्य के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे थे. यहां सभी मौर्य के बेटे की शादी पर आशीर्वाद देने आए थे. हालांकि, मौर्य ने हाल ही में यह कह दिया था कि पार्टी नेतृत्व यह तय करेगा कि चुनाव में सीएम उम्मीदवार कौन होगा. उनके इस बयान का समर्थन बीजेपी नेता और मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया था.

घर-घर मुलाकात पर जोर

बैठक में मौजूद नेताओं से घर घर जाकर लोगों से मुलाकात करने और योजनाओं को जानकारी देने को कहा गया है. कोरोना के कारण जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनकी नाराजगी भी दूर करने को कहा गया है. प्रदेश प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह समेत पार्टी के कई नेता पहले ही कोविड के दौरान जान गंवाने वाले परिवारों से मिल रहे हैं और मदद का वादा कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि इस प्रक्रिया को और बढ़ाया जाएगा.