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BJP को ही अमरिंदर की नहीं, बल्कि कैप्टन को भी भाजपा की जरूरत  

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब से लेकर दिल्ली का सियासी पारा चढ़ा हुआ है.

Updated on: 29 Sep 2021, 07:47 PM

नई दिल्ली:

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद पंजाब से लेकर दिल्ली का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. एक तरफ जहां कांग्रेस नवजोत सिंह सिद्धू को मनाने में जुटी है तो दूसरी तरफ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. पंजाब में अगले साल होने विधानसभा चुनाव को लेकर कैप्टन-शाह की मुलाकात अहम मानी जा रही है. शाह से मुलाकात के बाद कैप्टन की भाजपा में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. हालांकि, अब बड़ा सवाल यह है कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी में शामिल हो जाते हैं तो पंजाब चुनाव में बीजेपी को क्या लाभ मिलेगा?   
  
पंजाब में कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को दरकिनार कर दिया है. पंजाब विधानसभा चुनाव में पांच महीने बाकी हैं. ऐसे में सिर्फ बीजेपी को ही नहीं, बल्कि कैप्टन को भी बीजेपी की जरूरत है. इस समय कैप्टन के पास ज्यादा विकल्प नहीं है. चुनाव से पहले नई पार्टी लॉन्च करना मुश्किल है. वहीं, अमरिंदर सिंह के अकाली दल में शामिल होने में पेंच है, क्योंकि सुखविन्दर के नीचे काम करने में अमरिंदर को मुश्किल होगा. 

अकाली दल के अलग होने के बाद पंजाब में भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है, जिसके दम पर बीजेपी सत्ता में आ सके. अगर बीजेपी में कैप्टन शामिल हो जाते हैं तो पंजाब की राजनीति में नया मोड़ आ जाएगा. इससे भाजपा को पंजाब में एक बड़ा नाम मिलेगा, जिसकी अभी कमी है. अकाली दल से अलग होने के बाद बीजेपी के लिए कैप्टन विकल्प हो सकते हैं. पंजाब में बीजेपी का कैप्टन का मास्टर स्ट्रोक हो सकता है. 

भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पंजाब में एक भरोसेमंद चेहरे की तलाश है. कैप्टन के रूप में बीजेपी को एक चेहरा मिल सकता है. 'कैप्टन' अकेले नहीं आएंगे, अपने साथ टीम लाएंगे. कैप्टन के आने से बीजेपी संगठन के तौर पर मजबूत हो सकती है. किसान आंदोलन के 'डेड लॉक' में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं.

पंजाब में किसके पास कितनी सीट? 

पार्टी        2017

AAP        20

CONG     77

BJP         03

SAD        15

OTH        02