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बीजेपी ने नार्थ बंगाल की 54 सीटों के लिए 25 लाख गोरखाओं पर किया फोकस

54 विधानसभा सीटों वाले उत्तर बंगाल में बढ़त हासिल करने के लिए बीजेपी गोरखाओं (Gorkha) की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गोरखाओं को भाजपा के करीब लाने की खुद कमान संभाली है.

Updated on: 15 Apr 2021, 08:04 PM

highlights

  • BJP ने एक बार फिर 25 लाख गोरखाओं को लुभाने की तैयारी की
  • अमित शाह गोरखाओं के में एनसीएर समेत अन्य भ्रम कर रहे दूर
  • ममता बनर्जी से खफा हैं गोरखा और बीजेपी लाभ लेने की जुगत में

नई दिल्ली:

2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर बंगाल (Bengal) की कुल आठ में से सात लोकसभा सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बार फिर 25 लाख गोरखाओं को लुभाने की तैयारी की है. पार्टी का मकसद उत्तर बंगाल में बढ़त हासिल करने का है. 54 विधानसभा सीटों वाले उत्तर बंगाल में बढ़त हासिल करने के लिए बीजेपी गोरखाओं (Gorkha) की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रही है. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने गोरखाओं को भाजपा के करीब लाने की खुद कमान संभाली है. उन्होंने गोरखाओं के बीच कई बड़े वादे किए हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने एक रणनीति के तहत बीते दिनों 12 अप्रैल को दार्जिलिंग में पूरी रात गुजारी. बताया जा रहा है कि यह पहला मौका है, जब देश के किसी गृहमंत्री ने दार्जिलिंग में रात्रि विश्राम किया और पूरी रात गोरखा संगठनों के नेताओं से मीटिंग करते रहे. अगले दिन 13 अप्रैल को उन्होंने दार्जिलिंग में चुनावी रैली (Election Campaign) कर कई बड़े वादे कर गोरखा समुदाय को साधने की कोशिश की.

नौ जिलों हैं उत्तर बंगाल में
दरअसल उत्तर बंगाल में कुल नौ जिले हैं, जिसमें दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, अलीपुरद्वार, कूचबिहार और जलपाईगुड़ी, मालदा नार्थ, मालदा साउथ, उत्तरी दीनाजपुर और दक्षिणी दीनाजपुर जिले आते हैं. इन नौ जिलों में आठ लोकसभा सीटें हैं. 25 लाख गोरखा, यहां के चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गोरखाओं का एकतरफा समर्थन हासिल किया था. इसके कारण अलीपुरद्वार, जलपाईगुरी, कूचबिहार, बलूरघाट(दक्षिण दिनाजपुर), रायगंज(उत्तर दीनाजपुर), मालदा उत्तर और दार्जिलिंग यानी कुल सात सीटें जीतने में भाजपा को आसानी हुई थी. दार्जिलिंग से भाजपा के लोकसभा सांसद राजू बिष्ट ने कहा, 'ममता सरकार में उत्तर बंगाल की जिस तरह से उपेक्षा हुई है और गोरखाओं पर अत्याचार हुआ है, उससे गृहमंत्री भलीभांति अवगत हैं. यही वजह है कि उन्होंने दार्जिलिंग की रैली में स्थानीय समस्याओं को उठाते हुए समाधान का आश्वासन दिया. भाजपा की सरकार बनने पर ही गोरखाओं को देश के विकास की मुख्यधारा से जुड़ने का मौका मिल सकेगा.'

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कई वादे कर गृहमंत्री ने गोरखाओं को लुभाया
गृहमंत्री अमित शाह ने बीते 13 अप्रैल को दार्जिलिंग की चुनावी रैली में गोरखाओं से भाजपा के पुराने रिश्ते का उल्लेख किया. बताया कि किस तरह से नार्थ बंगाल में हमेशा से भाजपा को समर्थन मिलता रहा है. गृहमंत्री अमित शाह ने गोरखा स्वतंत्रता सेनानी, दल बहादुर गिरि, हेलेन, गागा शेरिंग, पुष्पा कुमार घिसिंग आदि को याद कर गोरखाओं से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश की. उन्होंने पर्वतारोही तेनजिंग नोर्गे शेरपा का भी विशेष उल्लेख किया. ममता बनर्जी की सरकार में वर्ष 2017 में नार्थ बंगाल में हुई हिंसा के दौरान कुल 11 गोरखा युवा मारे गए थे. इस मुद्दे की गंभीरता को भांपते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने एसआईटी से जांच कराने का आश्वासन दिया है. उन्होंने दार्जिलिंग, तराई और डुवार्स क्षेत्र के लंबे समय से उठ रहे स्थाई राजनीतिक समाधान का भी आश्वासन दिया. गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने पर गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन(जीटीए) को भंग किया जाएगा. 

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अमित शाह ने किए वादे गोरखाओं से
उत्तर बंगाल में पंचायत चुनाव न होने से भी स्थानीय जनता की नाराजगी को देखते हुए अमित शाह ने इस पर आश्वासन दिया. कहा कि भाजपा की सरकार बनने पर पंचायत चुनाव कराया जाएगा. गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर बंगाल के लिए और भी कई वादे किए. मसलन, दार्जिलिंग को म्युनिसिपल कारपोरेशन में अपग्रेड किया जाएगा. उन्होंने टूरिज्म के लिए एक हजार करोड़ का स्पेशल पैकेज देने की भी घोषणा की. सेंट्रल यूनिवर्सिटी और एजूकेशन हब बनाने की बात कही. गृहमंत्री अमित शाह ने एनआरसी को लेकर गोरखाओं के मन में बैठे डर को भी दूर किया. उन्होंने कहा, 'कोई गोरखा घुसपैठिया नहीं हो सकता. गोरखा इसी माटी की संतान हैं. अभी एनआरसी का कोई निर्णय नहीं लिया गया है. जब भी एनआरसी आएगा, एक भी गोरखा बाहर नहीं होगा. नेपाली भाषा में रेडियो और टीवी चैनल शुरू होगा.'