शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती आज, PM मोदी ने ट्वीट कर किया याद
भगत सिंह पर घरवालों ने शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, लेकिन उनके लिए तो आजादी ही उनकी दुल्हन थी. घरवालों के दवाब से परेशान होकर उन्होंने घर भी छोड़ दिया था.
नई दिल्ली:
शहीद-ए-आज़म भगत सिंह. भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 में हुआ और 23 मार्च 1931 को भारत मां का यह सपूत देश के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर झूल गया. भगत सिंह का जन्म पाकिस्तान के एक सिख परिवार में हुआ. सरदार किशन सिंह और विद्यावती के घर जन्में भगत सिंह के दादा अर्जुन सिंह और दादी जयकौर ने उन्हें भाग्य वाला कह कर उनका नाम भगत सिंह रखा. बालक भगत को भाग्य वाला बच्चा इसीलिए माना गया था, क्योंकि उसके जन्म लेने के कुछ समय बाद ही, स्वतंत्रता सेनानी होने के कारण लाहौर जेल में बंद उनके पिता सरदार किशन सिंह को रिहा कर दिया गया और जन्म के तीसरे दिन दोनों चाचाओं को जमानत पर छोड़ दिया गया था.
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भगत सिंह पर घरवालों ने शादी के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया, लेकिन उनके लिए तो आजादी ही उनकी दुल्हन थी. घरवालों के दवाब से परेशान होकर उन्होंने घर भी छोड़ दिया था. उन्होंने घर छोड़कर जाते हुए कहा, ''मेरी जिंदगी बड़े मकसद यानी जिंदगी आजादी-ए-हिन्द के लिए समर्पित कर चुका हूं
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अंग्रेजी सरकार के दमनकारी नीतियों के खिलाफ लाला लाजपत राय शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. तभी पुलिस अधीक्षक स्कॉट और उसके साथियों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां चलाई. इसमें लाला लाजपत राय बुरी तरह घायल हो गए और 17 नवंबर को उनका देहांत हो गया. लाला लाजपत राय के देहांत के बाद आजादी के इस मतवाले ने पहले लाहौर में ‘सांडर्स-वध’ किया और उसके बाद दिल्ली की सेंट्रल असेंबली में चंद्रशेखर आजाद और पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ बम-विस्फोट कर ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलंदी दी.
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सेंट्रल असेम्बली पर बम फेंके जाने की घटना के बाद अंग्रेजी हुकूमत ने स्वतंत्रता सेनानियों की धर पकड़ शुरू कर दी. भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त की गिरफ्तारी हुई. दोनों पर सेंट्रल असेम्बली में बम फेकने को लेकर केस चला. सुखदेव और राजगुरू को भी गिरफ्तार किया गया. 7 अक्टूबर 1930 को फैसला सुनाया गया कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी पर लटकाया जाए जबकि बटुकेश्वर दत्त को उम्रकैद की सजा हुई.
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भगत सिंह के जन्म दिन पर पीएम मोदी ने उन्हें याद किया. पीएम मोदी ने लिखा- मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी.
मां भारती के वीर सपूत अमर शहीद भगत सिंह की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। वीरता और पराक्रम की उनकी गाथा देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करती रहेगी। pic.twitter.com/LMy2Mlpkol
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2020
गृहमंत्री अमित शाह ने शहीद भगत सिंह को याद करते हुए लिखा- अपने परिवर्तनकारी विचारों व अद्वितीय त्याग से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने वाले और देश के युवाओं में स्वाधीनता के संकल्प को जागृत करने वाले शहीद भगत सिंह जी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन. भगत सिंह जी युगों-युगों तक हम सभी देशवासियों के प्रेरणा के अक्षुण स्त्रोत रहेंगे.
अपने परिवर्तनकारी विचारों व अद्वितीय त्याग से स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने वाले और देश के युवाओं में स्वाधीनता के संकल्प को जागृत करने वाले शहीद भगत सिंह जी के चरणों में कोटि-कोटि वंदन।
— Amit Shah (@AmitShah) September 28, 2020
भगत सिंह जी युगों-युगों तक हम सभी देशवासियों के प्रेरणा के अक्षुण स्त्रोत रहेंगे। pic.twitter.com/Zlj7KU2TIK
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