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Bipin Rawat Birth Anniversary: मौत से कुछ सेकेंड पहले बिपिन रावत ने कही थी खास बात, अधूरा रह गया ये सपना

देश के पहले चीफ डिफेंस ऑफ स्टाप यानी सीडीएस बिपिन रावत की आज जयंती है.

Updated on: 16 Mar 2023, 11:40 AM

highlights

  • देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की आज जयंती
  • हैलिकॉप्टर क्रैश में हुआ था निधन
  • आकस्मिक निधन के चलते अधूरा गया था एक सपना

New Delhi:

Bipin Rawat Birth Anniversary: देश के पहले चीफ डिफेंस ऑफ स्टाप यानी सीडीएस बिपिन रावत की आज जयंती है. 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड के पौड़ी में उनका जन्म हुआ था. तब किसे पता था कि वो एक दिन ना सिर्फ देश के सीडीएस बनेंगे बल्कि कई युद्धों और मोर्चों पर भारत का मान भी बढ़ाएंगे. 1 जनवरी 2020 को जनरल बिपिन रावत को तीनों सेनाओं थल, नौसेना और वायुसेना के कामों में एकरूपता लानें के मकसद से देश के सर्वोच्च सैन्य पद से नवाजा गया था. हालांकि इस सर्वोच्च पद के करीब दो साल बाद बिपिन रावत का एक हैलिकॉप्टर क्रैश हादसे में निधन हो गया. हालांकि क्रैश के बाद भी बिपिन रावत जिंदा थे. उन्होंने क्रैश के बाद एक बचावकर्मी से हिंदी में बात भी की थी. आइए जानते हैं कि उनके अंतिम पलों में उन्होंने क्या कुछ कहा और इसके साथ ही वो कौनसा सपना है जो बिपिन रावत अपने साथ ही लेकर चले गए. 

हैलिकॉप्टर क्रैश के बाद क्या बोले बिपिन रावत
तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हैलिकॉप्टर क्रैश के बाद सीडीएस बिपिन रावत कुछ समय से तक जिंदा थे. इतना ही नहीं वे बात करने की स्थिति में भी थे. ये दावा एक बचावकर्मी ने किया था. जो हादसे स्थल पर था और रेस्क्यू में जुटा था. इस बचावकर्मी ने दावा किया था कि, क्रैश के बाद खुद सीडीएस ने उनसे बात की थी. 

बचावकर्मी और प्रत्यक्षदर्शी एन सी मुरली के मुताबिक Mi-17V5 के मलबे से निकाले जाने के बाद रावत ने उनसे हिंदी में बात की थी. बचावकर्मी ने बताय कि, बिपिन रावत ने हिंदी में मुझे अपना नाम बताया था. उन्होंने कहा थाकि मैं बिपिन रावत हूं. मुरली ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान हमने दो लोगों को बचाया था. इनमें से एक बिपिन रावत थे, अपनी पहचान उन्होंने खुद दी थी. 

बिपिन रावत का ये सपना रह गया अधूरा
बिपिन रावत को जब थल, वायु और नौसेना में एकरूपता लाने की जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने एक और सपना देखा. ये सपना था थिएटर कमांड का. हालांकि अपना ये सपना उनकी आकस्मिक मौत की वजह से अधूरा ही रह गया था. लेकिन उनकी मौत के बाद इस सपने को पूरा करने के लिए नए सीडीएस अनिल चौहान ने जिम्मेदारी ली और इसे पूरा भी किया. 

क्या है थिएटर कमांड जिसका रावत ने देखा था सपना
दरअसल थिएटर कमांड शुरू करने का मकसद था भविष्य में आने वाली रक्षा चुनौतियों से मजबूती से निपटा जाए. तीनों सेनाओं को भी एक ही ट्रैक पर लाया जाए. इसी थिएटर कमांड को तैयार करने का काम बिपिन रावत कर रहे थे. बिपिन रावत का कहना था कि, इस कमांड के जरिए हम ना सिर्फ देश की सीमाओं की सुरक्षा बेहतर तरीके से कर पाएंगे, बल्कि किसी भी युद्ध में तालमेल के चलते हमारी ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. 

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इन देशों में काम करता है थिएटर कमांड
भारत में जिस थिएटर कमांड की कल्पना बिपिन रावत ने की थी. ये पहले से ही कुछ देशों में बेहतरीन तरीके से काम कर रहा है. जिन देशों में थिएटर कमांड है वो हैं सुपर पावर अमेरिका, शक्तिशाली रूस और चीन. इन तीनों ही देशों में थिएटर कमांड की बदौलत युद्ध का रुख अपने हित में करने की जबरदस्त ताकत है. 

भारत में 17 कमांड के बीच तालमेल
भारत में मौजूदा समय में कुल 17 कमांड हैं, जिनके बीच तालमेल बैठाया गया है. इनमें वायुसेना में 7 वहीं थलसेना में भी 7 और नौसेना में 3 कमांड हैं.