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यूपी में अमित शाह का Plan 2022, जातीय क्षत्रपों को साध देंगे गठबंधन को मजबूती

पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने सहयोगी अपना दल और लोकसभा चुनाव के सहयोगी निषाद पार्टी को सरकार में जगह दे सकता है.

Updated on: 13 Jun 2021, 03:17 PM

highlights

  • यूपी और केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में दिख सकता है असर
  • शाह से मुलाकात में अनुप्रिया ने अपनी मंशा जाहिर की
  • निषाद वोटबैंक साधने के लिए भी खेला जाएगा बड़ा दांव

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण (Corona Epidemic) की धीमी पड़ती दूसरी लहर के बीच भारतीय जनता पार्टी ने अगले साल आसन्न विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है. इस कड़ी में सबसे पहले बीजेपी यूपी में गठबंधन की गांठ और मजबूत करने की तैयारी में है. इसके लिए खुद गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने इसकी रणनीति तैयार कर ली है. इसका असर जल्दी ही होने वाले यूपी और केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में दिख सकता है. पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने सहयोगी अपना दल और लोकसभा चुनाव के सहयोगी निषाद पार्टी को सरकार में जगह दे सकता है.

चुनावी गणित के लिए मु‌‌फीद
गौरतलब है कि बीजेपी ने अनुप्रिया पटेल की अगुआई वाले अपना दल के साथ 2017 में गठबंधन किया था. खासतौर पर पिछड़ों की यूपी में एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाली कुर्मी बिरादरी में अपना प्रभुत्व रखने वाले अपना दल ने 2017 में ग्यारह सीटों पर चुनाव लड़ा और नौ पर जीत हासिल की. अपना दल के जय कुमार सिंह 'जैकी' कारागार राज्यमंत्री हैं. पिछली बार की मोदी सरकार में अपना दल की अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाया गया था, पर इस बार उन्हें ड्रॉप कर दिया गया. सूत्र बताते हैं कि दो दिन पूर्व गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात में अनुप्रिया ने अपनी मंशा जाहिर कर दी है. सूत्रों का कहना है कि केंद्र में उन्हें इस बार जगह मिल सकती है. हालांकि यूपी में होने वाले विस्तार में आठ महीने के लिए मंत्री बनने को असमंजस है.

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20 जिलों के निषाद वोटरों पर नजर
दूसरी ओर निषाद पार्टी के डॉ.संजय निषाद ने भी यूपी में खुद को और केंद्र में संतकबीर नगर से सांसद प्रवीण निषाद को मंत्री बनाने की दावेदारी की है. निषाद बिरादरी भी पूर्वांचल के 20 जिलों में अपना प्रभुत्व रखती है. इसी निषाद पार्टी ने गोरखपुर में सीएम योगी की छोड़ी हुई लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर बीजेपी को पटखनी दे दी थी. तब सपा के साथ रहे प्रवीण निषाद बीजेपी को हराकर सांसद बन गए थे. प्रवीण के पिता संजय निषाद भी शाह से मंत्री बनाने की बात कह चुके हैं. ऐसे में इन क्षेत्रीय क्षत्रपों को साथ कर अमित शाह अपने प्लान 2022 को अंजाम तक पहुंचाना चाहते हैं.