Akhilesh Yadav: स्कूल में ही डिंपल को दे बैठे थे दिल, विदेश में पढ़ाई के बाद ऐसे रखा राजनीति में कदम
Akhilesh Yadav: वैसे तो राजनीति में लवस्टोरी के कई किस्से हैं पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और डिम्पल यादव की जोड़ी सबसे अनूठी जोड़ी है. स्कूल में ही दोनों एक दूसरे को दिल दे बैठे थे.
highlights
- 1 जनवरी 1973 को सैफई में हुआ था जन्म
- आर्मी परिवार में पैदा हुईं पत्नी डिंपल यादव
- शादी के लिए अमर सिंह ने निभाई अहम भूमिका
लखनऊ:
Akhilesh Yadav B'day Special: सूबे के पूर्व सीएम व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पार्टी में संस्कारवान व जिद्दी स्वभाव के नेता के रूप में जाने जाते हैं. अखिलेश यादव के बचपन का नाम टीपू है. उनके करीबी बतातें है कि ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई करने के बाद जब वह भारत आए आए तो धीरे-धीरे राजनीति की ओर उनका झुकाव होता चला गया. 1 जुलाई 1973 को सैफई में जन्मे अखिलेश के चाचा शिवपाल सिंह यादव से इतने मतभेद होने के बाद भी अखिलेश यादव आज भी चाचा शिवपाल के सामने आने पर चरण स्पर्श करना नहीं भूलते हैं.
स्कूल में ही डिंपल रावत से हुआ था प्यार
अखिलेश यादव को डिंपल यादव से प्यार सत्ता में आने के बाद नहीं हुआ, बल्कि स्कूली लाइफ से ही इन दोनों का प्रेम चला आ रहा था जिसका पता उनके बैचमेट्स को भी था. कहा तो यहां तक जाता है कि पिता मुलायम सिंह यादव को डिम्पल सिंह रावत पहले पसंद नहीं थी लेकिन बेटे की जिद पर उन्होंने डिम्पल से विवाह की अनुमति दे दी. जिसके बाद वह अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव बन गईं.
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मुलायम सिंह को शादी के लिए अमर सिंह ने मनाया
अखिलेश की जिद पर अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव को मनाया, जिसके बाद 24 नवम्बर 1999 को दोनो का विवाह हो गया. जिस समय अखिलेश यादव और डिम्पल यादव का प्रेम चरम पर था, उस समय मुलायम सिंह यादव देश के रक्षा मंत्री थे. इसी दौरान उन्हें भी इन लोगों के प्रेम सम्बन्ध की जानकारी हुई. एक आर्मी परिवार से ताल्लुक रखने वाली डिम्पल को कभी राजनीति नहीं भाती थी.
फुटबॉल से था विशेष लगाव, किक से टेढ़ी हो गई नाक
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ऐसे राजनेता हैं जिनका खेलों से विशेष लगाव है. अपने मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान भी उन्होंने खेलों के विकास के लिए कई काम किए. यहां तक कि उन्होंने बंद पड़े आईएएस वीक की भी फिर से शुरुआत कराई और मुख्यमंत्री इलेवन और आईएएस इलेवन के बीच मैच आयोजित कराने का काम किया. इसके अलावा उन्होंने राजधानी लखनऊ में एक स्टेडियम की भी स्थापना कराने का काम किया. इसके पहले अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कोई क्रिकेट स्टेडियम न होने के कारण अधिकारियों और अन्य लोगों को लखनऊ से चलकर कानपुर आना पड़ता था। पर राजधानी लखनऊ में ही इकाना स्टेडियम की स्थापना कराने का ऐतिहासिक काम अखिलेश यादव ने किया. अखिलेश यादव ने एक बार जिक्र किया कि स्कूल के दिनों में वह एक फुटबाल मैच देख रहे थे तभी मैदान से खिलाड़ी की तरफ से मारा गया एक किक उनकी नाक में आकर लड़ा. जिसका असर उनकी नाक पर पड़ा. इससे अखिलेश यादव की नाक टेढ़ी हो गई.
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