Agni-5 कर देगी चीन और पाकिस्तान को भस्म, ध्वनि से 24 गुना तेज गति
8.16 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चलने वाली अग्नि-5 वास्तव में ध्वनि की रफ्तार से भी 24 गुना तेज है. यह 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल कर सकती है.
highlights
- अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद अब नजर अगले लक्ष्य पर
- अग्नि-6 पर डीआरडीओ की निगाहें. 12 हजार तक की रेंज
- फिर बनेगी सूर्य मिसाइल, जो 16 हजार किमी कर सकेगी मार
नई दिल्ली:
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन (China) से तनाव के बीच भारत ने सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि-5 (Agni-5) का सफल परीक्षण कर लिया है. 5 हजार किलोमीटर तक मार करने में सक्षम अग्नि-5 ध्वनि की 24 गुना तेज रफ्तार से सफर तय कर लक्ष्य को निशाना बना सकने में सक्षम है. इस लिहाज से देखें तो अग्नि-5 की जद में पूरा चीन और पाकिस्तान (Pakistan) आता है. परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-5 1.5 टन का वॉरहेड ले जा सकती है. यानी दुश्मन देश के किसी भी शहर को यह पल भर में तहस-नहस कर देगी. बुधवार को इसका सफल परीक्षण एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया. इसे डीआरडीओ (DRDO) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने तैयार किया है.
8.16 किमी प्रति संकेंड रफ्तार
डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड के द्वारा तैयार अग्नि-5 सतह से सतह पर 5,000 किलोमीटर रेंज तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल है. इसका निशाना अचूक है. 8.16 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चलने वाली अग्नि-5 वास्तव में ध्वनि की रफ्तार से भी 24 गुना तेज है. यह 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल कर सकती है. इसे मोबाइल लांचर से लांच किया जा सकता है. दुश्मन के किसी भी शहर को यह देखते ही देखते नेस्तनाबूद कर सकती है. इसका वजन करीब 50 हजार किलोग्राम है. मिसाइल 1.75 मीटर लंबी है, जिसका व्यास 2 मीटर है. यह अपने साथ 1.5 टन वॉरहेड ले जाने में समर्थ है. इसका मतलब हुआ कि यह मिसाइल 1500 किलोग्राम तक के परमाणु हथियार अपने साथ ले जा सकती है. सामरिक विशेषज्ञों के मुताबिक अग्नि के अलग-अलग वैरियंट बनाने वाला डीआरडीओ 'मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी)' भी तैयार कर रहा है. एमआईआरवी पेलोड में एक मिसाइल में चार से छह न्यूक्लियर वॉरहेड ले जा सकेगी. इन्हें अलग-अलग टारगेट को हिट करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है.
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भारत कर रहा सूर्य मिसाइल पर भी काम
माना जा रहा है कि अग्नि-5 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल की तैनाती स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड में की जा सकती है. इस कमांड के तहत ही भारत की सभी मिसाइलों का संचालन किया जाता है. इसमें पृथ्वी, अग्नि और सूर्य जैसी मिसाइलें शामिल हैं. सूर्य मिसाइल अभी बनी नहीं है. इसकी रेज 12 से 16 हजार किलोमीटर होगी. उससे पहले अग्नि-6 बनाई जाएगी जो 8 से 12 हजार किलोमीटर रेंज की होगी. इसी कमांड में समुद्र में मौजूद सैन्य मिसाइलें भी शामिल हैं. जैसे- धनुष, सागरिका आदि. अग्नि-5 मिसाइल का पहला सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को हुआ था. उसके बाद 15 सितंबर 2013, 31 जनवरी 2015, 26 दिसंबर 2016, 18 जनवरी 2018, 3 जून 2018 और 10 दिसंबर 2018 को सफल परीक्षण हुए. कुल मिलाकर अग्नि-5 मिसाइल के सात सफल परीक्षण हो चुके हैं.
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चीन को सता रहा है अब डर
अग्नि-5 की यही खूबियां चीन का डरा रही हैं. अभी सिर्फ पांच देश ही आईसीबीएम होने का दम भरते हैं, जिनमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन शामिल हैं. कुछ दिन पहले अग्नि-5 मिसाइल को लेकर चीन समेत कई देशों ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी. लेकिन भारत पहले ही अग्नि-5 मिसाइल का सात बार सफल परीक्षण कर चुका है. चीन की नाराजगी इसलिए है क्योंकि अग्नि-5 मिसाइल की रेंज में उसका पूरा देश आ रहा है. ऐसा कोई शहर नहीं हैं जो इस मिसाइल के हमले से बच सके. पिछले साल अप्रैल में पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद से भारत और चीन के रिश्तों में खटास है. चीन यह हंगामा तब मचा रहा है जब पहले ही उसके पास डोंग फेंग-41 जैसी मिसाइलें हैं जो 12 हजार से 15 हजार किमी की रेंज में अटैक कर सकती हैं. ऐसे में अग्नि-5 के सफल परीक्षण के बाद यदि चीन कोई हिमाकत करता है, तो भारत हर ईंट का जवाब पत्थर से देगा. सिर्फ चीन ही नहीं आतंकियों के बल पर भारत के खिलाफ छद्म युद्ध जारी रखे पाकिस्तान के लिए भी अग्नि-5 किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं है.
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