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शी जिनपिंग का तख्तापलट इसलिए नहीं है आसान, समझें उनकी ताकत को

माना जा रहा है कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के तहत समरकंद से वापस लौटते ही शी जिनपिंग घर पर ही क्वारंटाइन हो गए हैं. कोरोना रोधी कड़े प्रतिबंधों और नियमों के तहत चीन में किसी भी शख्स को विदेश यात्रा से लौटने पर क्वारंटाइन होना पड़ता है.

Updated on: 25 Sep 2022, 08:50 PM

highlights

  • कड़े कोरोना नियमों के तहत समरकंद से घर लौटते ही हो गए क्वारंटाइन
  • आसान नहीं तख्तापलट क्योंकि शी का सरकार औऱ सेना पर है पूरा नियंत्रण
  • अक्टूबर में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस तीसरे कार्यकाल पर लगाएगी मुहर

नई दिल्ली:

भारत समेत दुनिया के अलग-अलग देशों में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के तख्ता पलट और शनिवार से ही घर पर कैद किए जाने की खबरें सोशल मीडिया पर तैर रही है. सोशल मीडिया में अपुष्ट स्रोतों से चल रही इन खबरों के मुताबिक उजबेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेकर वापस लौटते ही उन्हें घर पर कैद कर लिया गया. कुछ खबरों में दावा किया जा रहा है कि बीजिंग प्रशासन ने देश में असामान्य स्थितियों के चलते हजारों फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं. साथ ही हाई स्पीड ट्रेनों के टिकटों की बिक्री भी रोक दी गई है. कुछ खबरों में तो यहां तक कहा जा रहा है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) में जनरल ली कियाओमिंग को चीन का नया राष्ट्रपति बना दिया गया है. हालांकि अभी तक किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित मीडिया हाउस ने शी जिनपिंग के तख्तापलट (Coup) या हाउस अरेस्ट की खबरों की पुष्टि नहीं की है, तो चीन का सरकारी मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' भी इस मसले पर खामोशी बनाए रखे हुए हैं. हालांकि कुछ चीनी वेबसाइट्स पर आई खबरों में जरूर कहा गया है कि ऐसी अपुष्ट खबरें महज अफवाह हैं, जिन्हें शी जिनपिंग (Xi Jinping) के विरोधियों की साजिश के चलते फैलाया जा रहा है. जिनपिंग के तख्तपलट की बात कुछ कारणों से सिरे से बेमानी लगती हैम, जानते इन कारणों के बारे में. 

चीन की जीरो कोविड पॉलिसी
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में देखा गया था. इस बैठक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी भाग लिया था. ऐसे में माना जा रहा है कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के तहत समरकंद से वापस लौटते ही शी जिनपिंग घर पर ही क्वारंटाइन हो गए हैं. कोरोना रोधी कड़े प्रतिबंधों और नियमों के तहत चीन में किसी भी शख्स को विदेश यात्रा से लौटने पर क्वारंटाइन होना पड़ता है. सोशल मीडिया पर चल रही कुछ अपुष्ट खबरों में इस बात की संभावना जताई गई है कि शी जिनपिंग घर पर क्वारंटाइन हो गए हैं.  

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क्या चीन की अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ाने हुई रद्द
कुछ अपुष्ट खबरों में बताया गया है कि बीजिंग के आसमान पर बहुत कम यात्री विमानों को देखा गया है. इसके साथ ही बीते कुछ दिनों से सभी ट्रेनों और बस सेवाओं को भी रद्द कर दिया गया है. हालांकि बीजिंग में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की वेबसाइट पर कुछ फ्लाइट्स रद्द करने की बात कही गई है. चीन के विशेषज्ञ माने जाने वाले आदिल बरार ने भी बीजिंग एयरपोर्ट से फ्लाइट्स डेटा शेयर करते हुए विमान सेवाओं को सामान्य बताया है. उन्होंने कुछ चीनी अधिकारियों की ब्रीफिंग भी शेयर की हैं, जिसमें चीनी अधिकारी सरकार के सामान्य ढंग से कामकाज करने की बात कर रहे हैं.   

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क्या शी जिनपिंग ने खो दिया नियंत्रण
चीन में पिछले सप्ताह दो भूतपूर्व मंत्रियों समेत चार अधिकारियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है. कुछ समाचारों में बताया गया कि उक्त सभी लोग शी जिनपिंग के राजनीतिक विरोधी थे. गौरतलब है कि चीन में कम्युनिस्ट पार्टी भ्रष्टाचार विरोधी अभियान छेड़े हुए हैं. इस कारण दो पूर्व मंत्रियों और चार अधिकारियों ने परदे के पीछे शी जिनपिंग विरोधी अभियान छेड़ रखा था. ऐसे में शी विरोधी धड़ों को निशाना बनाए जाने से पता चलता है कि उनकी सत्ता और सेना पर पकड़ ढीली नहीं हुई है. कुछ अन्य चीनी विशेषज्ञों को लगता है कि सोशल मीडिया पर चल रही तख्तापलट की खबरें अफवाह ही हैं, जिन्हें शी विरोधी धड़ा फैला रहा है. और तो और, कुछ क्षेत्रीय मीडिया घरानों मसलन हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट और दक्षिण कोरिया के द कोरिया हेराल्ड ने भी बीते 24 घंटों में चीन से जुड़े विभिन्न मसलों पर खबरें प्रकाशित की हैं. इनमें से भी किसी पर तख्तापलट की कोई खबर नहीं है. 

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तीसरी बार संभालेंगे चीन का राष्ट्रपति पद
इन तमाम अपुष्ट खबरों के बीच चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने रविवार को 16 अक्टूबर को होने वाली कांग्रेस के लिए प्रतिनिधियों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली है. माना जा रहा है कि कम्युनिस्ट पार्टी की इसी बैठक में शी जिनपिंग के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के निर्णय पर मुहर लग जाएगी. यही नहीं, शी जिनपिंग के शासनकाल में ही अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद दक्षिण चीन सागर पर चीन अपना दावा ठोंकता आ रहा है. और तो और, नेंसी पेलोसी के हालिया ताइवान दौरे पर आक्रामक रवैया अपनाते हुए पीएलए ने ताइवान स्ट्रेट में बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास किया. इसके साथ ही चीन एशियाई और अफ्रीकी देशों को अरबों डॉलर की मदद पहुंचा वैश्विक मंच पर अपनी 'सॉफ्ट पॉवर' में और इजाफा कर रहा है. शी जिनपिंग 'चीनी राष्ट्र के महान कायाकल्प' का दावा करते आ रहे हैं, जो उनके मुखर राष्ट्रवादी की छवि को और पुख्ता करता है. शी का कोई आंतरिक विरोध नहीं है. ऐसे में तख्तापलट की आशंका निर्मूल ही साबित होती है.