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मोहम्मद मोखबर( Photo Credit : X/@pueblopatriota)
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मोहम्मद मोखबर( Photo Credit : X/@pueblopatriota)
Who is Mohammad Mokhber: इब्राहिम रईसी के आकस्मिक निधन के बाद उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को देश के अंतरिम राष्ट्रपति बने हैं. ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) ने उनके कार्यभार संभालने को मंजूरी दे दी है. वे 50 दिन तक अपने पद पर रहेंगे. इसी दौरान नए राष्ट्रपति चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करनी होगी. आखिर कौन हैं मोहम्मद मोखबर, उनका सियासी कद कितना बड़ा क्या है और यूरोपीय यूनियन (EU) ने उन पर बैन क्यों लगाया था. आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं.
कौन हैं मोहम्मद मोखबर?
राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के तुरंत बाद इब्राहिम रईसी ने अगस्त 2021 में पहले उपराष्ट्रपति के रूप में मोहम्मद मोखबर को नियुक्त किया था. वह ईरान के सबसे पावरफुल लीडर्स में से एक हैं. 68 वर्षीय मोहम्मद मोखबर को दिवंगत राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का करीबी माना जाता था.
अली खामेनेई के हैं करीबी
उनको सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई का भी करीबी माना जाता है. अभी तक इब्राहिम रईसी को अयातुल्ला अली खामेनेई का उत्तराधिकारी माना जा रहा था, लेकिन उनकी मौत के बाद मोखबर को यह जिम्मेदारी मिल सकती है. इससे मोखबर के सियासी कद का अंदाजा लगाया जा सकता है. प्रथम उपराष्ट्रपति के रूप में उन्होंने अलग-अलग सरकारी विकास परियोजनाओं का उद्धाटन करने के लिए देशभर में यात्राएं की. साथ ही रईसी के साथ कई विदेशी यात्राओं पर गए या खुद प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. मोखबर ने पिछले साल अक्टूबर में ईरानी अधिकारियों के साथ मॉस्को का दौरा किया था.
क्यों बनाए गए थे उपराष्ट्रपति?
मोखबर के सर्वोच्च नेता खामेनेई से करीबी, दिवगंत राष्ट्रपति रईसी और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के साथ संबंध थे. उनको काफी एक्टिव नेता के रूप में भी देखा जाता था. उनके पास एग्जीक्यूटिव अफेयर्स को संभालने का लंबा अनुभव था, इसलिए उनको उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था.
EU ने मोखबर को किया था बैन
मोखबर पर यूरोपीय यूनियन भी बैन लगा चुकी है. यह प्रतिबंध उनकी ईरान के परमाणु और बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम से संबंधित गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए लगाया था. हालांकि दो साल बाद यूरोपीय यूनियन ने उन्हें प्रतिबंधित लोगों की सूची से हटा दिया था.
खामेनेई ने सेताद का किया नेतृत्व
उपराष्ट्रपति पद पर नियुक्ति से पहले मोखबर ने 14 सालों तक ईरानी सर्वोच्च नेता की अरबों डॉलर के चैरिटेबल संस्था सेताद का नेतृत्व किया. सेताद (Setad) एक बहुत ही पावरफुल इकॉनोमिक और चैरिटेबल ग्रुप है. ऐसा माना जाता है कि सेताद के पास अरबों डॉलर में हैं, जिसका कंट्रोल अयातुल्ला अली खामेनेई के हाथ में हैं.
मोखबर का शुरुआती जीवन
मोखबर का जन्म दक्षिण-पश्चिमी खुजस्तान प्रांत के देजफुल में 1 सितंबर 1955 को हुआ था. उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की हुई हैं. साथ ही उन्होंने इंटरनेशनल लॉ में पीएचडी भी की है. अपने करियर के शुरुआत में वे बैंकिग और कम्युनिकेशन सेक्टर में काम करते थे. वे खुज़स्तान टेलीकम्युनिकेशन अथोरिटी के प्रमुख (Head) के रूप में सेवाओं दे चुके हैं. 1990 के दशक में उन्हें प्रांत के उप-गवर्नर के रूप में प्रमोट किया गया. सेताद (Setad) में जाने से पहले मोखबर शक्तिशाली मुस्तजाफान (Mostazafan) फाउंडेन में डिप्टी थे, जिसकी स्थापना भी खुमैनी ने एक चैरिटेबल फाउंडेशन के रूप में की थी.
Source : News Nation Bureau