PM Modi in Ukraine: पोलैंड यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब रूस के साथ युद्ध की मार झेल रहे यूक्रेन की यात्रा पर हैं. राजधानी कीव (Kyiv) पहुंचने पर पीएम मोदी का बड़ी ही गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया. पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Ukraine President Name) से मुलाकात की है. उन्होंने जेलेंस्की के साथ शहीद प्रदर्शनी में युद्ध में मारे गए बच्चों की स्मृति को नमन किया. पीएम मोदी का ये दौरा एक दिवसीय होगा, जिसमें वो जेलेंस्की को ‘भीष्म क्यूब’ की सौगात देंगे. आइए जानते हैं कि 'भीष्म क्यूब' क्या है, जिसकी खूबियां जानकर आप भी गर्व करेंगे.
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यूक्रेन के लिए होगी बड़ी मदद
रूस के हमलों से इस समय यूक्रेन की जमीन थर्रायी हुई है. युद्ध में बड़ी संख्या में लोग मारे जा चुके हैं. वहीं रूस के हमलों में घायल लोगों की संख्या भी हजारों में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी ने जेलेंस्की को 'भीष्म क्यूब' भेंट कर सकते हैं. भारत की ओर यूक्रेन को ‘भीष्म क्यूब’ की सौगात बड़ी मददगार साबित हो सकती है. साथ ही इस दौरान दोनों देशों के बीच कुछ जरूर डॉक्यूमेंट्स का भी आदान-प्रदान होगा.
पोलैंड में भारतवंशियों को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा था कि भारत का एक मात्र मंत्र- ह्यूमैनिटी फर्स्ट है. दुनिया में जहां भी संकट आता है, भारत सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ता है. यूक्रेन को ‘भीष्म क्यूब’ गिफ्ट करना भारत के इसी विजन को दोहराता है.
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क्या है ‘भीष्म क्यूब’? (What Is BHISHM Cube)
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भीष्म क्यूब की खूबियां? (BHISHM Cube Features)
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‘भीष्म क्यूब’ की सबसे बड़ी खूबी तो यही कि यह एक पोर्टेबल हॉस्पिटल है. इसे पैराशूट के जरिए आपदा और युद्ध प्रभावित इलाकों में आसानी से गिराया जा सकता है.
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जैसे ही ‘भीष्म क्यूब’ नीचे गिरता है वैसे ही अस्पताल का पूरा स्ट्रक्चर खड़ा हो जाता है. इस अस्पताल को सिर्फ 8 मिनट में असेंबल किया जा सकता है.
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इमरजेंसी कंडीशन में इस अस्पताल को मुश्किल से मुश्किल जगह पर उतारा जा सकता है. फिर चाहे युद्ध का मैदान हो या फिर भूंकप और बाढ़ से प्रभावित इलाका.
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ये अस्पताल 36 बॉक्स से तैयार होता है. इसमें लोहे के तीन बड़े फ्रेम होते हैं, जिनके बीच एक छोटा जनरेटर, दो स्ट्रेचर, जरूरी दवाइयां और अन्य जरूरी चिकित्सीय उपकरण रखे हुए होते हैं.
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इस अस्पताल को कई बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है. ऊंचाई से गिरने के बाद भी यह खराब नहीं होता है.
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इसकी पैकिंग काफी आसान होती है, जिसकी वजह से इसे खोलने और बंद करने में कोई दिक्कत नहीं होती है.
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किसी भी मेडिकल टीम को ‘भीष्म क्यूब’ अस्पताल को ओपरेट कर पाना बेहद आसान होता है. इस पोर्टेबल हॉस्पिटल में ऑपरेशन थिएटर इमरजेंसी वर्ड सहित सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद हैं.
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ये मोबाइल अस्पताल वॉटरप्रूफ है और सोलर एनर्जी से भी चल सकता है. इसका कुल वजन लगभग 720 किलोग्राम बताया जाता है.
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