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अपने ही जाल में फंसे मुनीर Photograph: (X@WhitHouse and Social Media)
पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर इनदिनों बुरी तरह से अपने ही जाल में फंसे हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मेल मिलाप और व्हाइट हाउस से उनकी बढ़ती नजदीकी ही अब उनके लिए मुसीबत बन गई है. जिसके चलते मुनीर अब पाकिस्तान में ही नहीं बल्कि वैश्विक मंच पर भी अपनी फजीहत कराने वाले हैं. दरअसल, आसिम मुनीर पिछले कुछ महीनों से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से नजदीकियां बढ़ाते नजर आ रहे थे. वह कई बार व्हाइट हाउस पहुंच और ट्रंप से मुलाकात की उनके साथ खाना भी खाया, इस दौरान ट्रंप ने आसिम मुनीर को लेकर गाजा एक ऐसे जिम्मेदारी दे दी कि आसिम मुनीर ना तो इनकार कर सकते हैं और अगर उसे मानते हैं तो अपने लिए और मुश्किल पैदा कर सकते हैं.
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को अमेरिका ने उनसे गाजा में शांति सेना भेजने का आग्रह किया है, जिसे लेकर विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ये उनके लिए मुसीबत पैदा कर सकता है. क्योंकि इससे घरेलू विरोध भड़क सकता है. साथ ही वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की बेइज्जती हो सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि अब जल्द ही मुनीर वॉशिंगटन जाएंगे और ट्रंप से मुलाकात करेंगे. जो पिछले छह महीनों में उनकी ट्रंप के साथ तीसरी बैठक होगी. इस बैठका का मुख्य मुद्दा गाजा मिशन होगा. बता दें कि ट्रंप का 20 बिंदुओं वाला गाजा प्लान मुस्लिम देशों की सेनाओं से इस क्षेत्र में शांति और पुनर्निर्माण करवाना है.
अमेरिकी दबाव में फंस गया पाकिस्तान
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की योजना है कि गाजा में मुस्लिम देशों की सेना भेजी जाए, जो हमास के हथियार खत्म करने और पुनर्निर्माण में सहयोग करे. लेकिन पाकिस्तान जैसे देशों के लिए यह मिशन आसान नहीं है. क्योंकि अगर पाकिस्तान अपने सैनिक गाजा में भेजता है तो पाकिस्तान सीधे तौर पर उस जंग में फंस सकता है. जिससे देश में भारी विरोध प्रदर्शन भी हो सकता है. लेकिन माना ये भी जा रहा है कि ये दिन मुनीर को एक ना एक दिन देखने जरूर थे.
क्योंकि वे लगातार ट्रंप का साथ अपने संबंधों को घनिष्ठ करने की कोशिश कर रहे हैं. यही नहीं जैसे पाकिस्तान हमेशा अमेरिका से अपनी सुरक्षा मदद और निवेश पाने की उम्मीद रखता है. वैसे से ही अब उसे अमेरिका की बात माननी पड़ेगी और गाजा में अपनी सेना भी भेजनी पड़ेगी.
पाकिस्तान में मुनीर के खिलाफ हो सकता है विद्रोह
इन सब घटनाक्रम के बीच पाकिस्तान में अस्थिरता का भी खतरा मंडरा रहा है. क्योंकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने ट्रंप के इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान शांति स्थापन बल में योगदान पर विचार कर सकता है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि हमास से हथियारग डलवाना पाकिस्तान का काम नहीं है.
वहीं दूसरी ओर अगर पाकिस्तान गाजा में अपनी सेना भेजता है तो पाकिस्तान में इस्लामिक दल और जनता में भारी विरोध होने का भी खतरा है. क्योंकि पाकिस्तान में कई इस्लामिक दल मौजूद है जो अमेरिका और इजरायल के खिलाफ हैं. इनमें इमरान खान के समर्थक और इस्लामिक पार्टियों भी शामिल हैं. जो आसिम मुनीर पर अमेरिका और इजरायल के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगा सकती हैं.
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