मदरसों का सर्वे: यूपी में शुरू-उत्तराखंड में आहट, इसमें क्या-क्या होगा
ऐसे 12 बिंदू तय किए गए हैं जिनके आधार पर तय होगा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का परिचालन कैसे होता है? इन्हें रकम कहां से मिलता हैं और उसका पाठ्यक्रम (Syllabus) क्या है?
highlights
- मदरसों के नाम पर वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं
- यूपी में योगी सरकार का मकसद मदरसों को मुख्यधारा में लाना है
- मदरसों को शिक्षा के आधुनिक तरीकों से जोड़ने की कवायद जारी
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में आज मंगलवार से गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण (Survey of Madrasas) शुरू हो रहा है. वहीं, पड़ोसी राज्य उत्तराखंड (Uttarakhand) में भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने भी कहा है कि राज्य के हित में ऐसा करना जरूरी है. उन्होंने कहा कि मदरसों के नाम पर वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं. उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने सीएम धामी से उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मदरसों के सर्वे की मांग की थी. वहीं, उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार पहले ही कदम बढ़ा चुकी है.
उत्तराखंड में कैसे शुरू हुई पहल
अपनी मांग के समर्थन में शादाब शम्स ने कहा था कि उत्तराखंड में एक बोर्ड के अधीन 103 मदरसे हैं. जल्द ही इनका सर्वे शुरू किया जाएगा. उनका मानना है कि सरकार से मिलने वाली मदद का मदरसे कितना और कैसा उपयोग कर रहे हैं, ये देखा जाना जरूरी है. उनकी मांग पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हामी भरते हुए कहा कि राज्य में मदरसों के सर्वे की जरूरत है. सरकार इस मांग पर ध्यान दे रही है. इस बारे में जल्द ही पूरी रणनीति बना ली जाएगी.
सर्वे में क्या हासिल होने वाला है
उत्तर प्रदेश में मदरसों का सर्वे चल रहा है. सर्वे के दौरान उन मदरसों की पहचान की जा रही है जो बिना मान्यता के अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं. सर्वे टीमों को 15 अक्टूबर तक अपना सर्वे पूरा करना है. इसके बाद 25 अक्टूबर तक यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी जाएगी. सर्वे की जद में प्रदेश के 16 हजार निजी मदरसे होंगे. सरकार ने इस सर्वे को लेकर पूरी प्रक्रिया साफ कर दी है. ऐसे 12 बिंदू तय किए गए हैं जिनके आधार पर तय होगा कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का परिचालन कैसे होता है? इन्हें रकम कहां से मिलता हैं और उसका पाठ्यक्रम (Syllabus) क्या है?
सर्वे के विरोधियों को सरकार का जवाब
उत्तर प्रदेश में मदरसों के सरकारी सर्वे को लेकर समाजवादी पार्टी सहित कई विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों के विरोध पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश अंसारी ने कहा कि योगी सरकार का मकसद मदरसों को मुख्यधारा में लाना है. मदरसों को शिक्षा के आधुनिक तकनीकों से जोड़ने की कवायद चल रही है. इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं हो सकती है? योगी सरकार ने 31 अगस्त को गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे का आदेश दिया था. इसके बाद 10 सितम्बर तक टीम गठित कर ली गई थी.
ये भी पढ़ें - उत्तराखंड में भी सभी मदरसों का होगा सर्वे, सीएम धामी ने कही ये बात
सर्वे के 12 प्रमुख बिंदू -
1. मदरसे का पूरा नाम क्या है.
2. मदरसे को संचालित करने वाली संस्था का नाम क्या है.
3. मदरसा के स्थापना वर्ष का पूरा विवरण.
4. मदरसों की अवस्थिति का पूरा विवरण. मदरसा निजी भवन में चल रहा है या किराए के भवन में इसका पूरा ब्योरा.
5. क्या मदरसे का भवन छात्र-छात्राओं के लिए उपयुक्त है? उनको क्या-क्या सुविधाएं मिल रही हैं?
6. मदरसे में पढ़ रहे छात्र- छात्राओं की कुल संख्या कितनी है.
7. मदरसे में कार्यरत कुल शिक्षकों की संख्या क्या है?
8. मदरसे में लागू पाठ्यक्रम क्या है? यानी किस पाठ्यक्रम के आधार पर बच्चों को शिक्षा दी जा रही है.
9. मदरसे की आमदनी का स्रोत क्या है?
10. क्या इन मदरसों में पढ़ रहे छात्र-छात्राएं किसी और शिक्षण संस्थान स्कूल में भी नामांकित हैं?
11. क्या किसी गैर सरकारी संस्था या समूह से मदरसे की संबद्धता है? अगर हां तो इस संबंध में पूरा विवरण.
12. इसके बाद उपरोक्त तमाम बिंदुओं पर मदरसा संचालकों की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी पर सर्वेयर अपनी टिप्पणी लिखेंगे.
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