ग्रिनर को 9 साल की सजा सुना रूस ने चला अमेरिका के खिलाफ बड़ा दांव
इस पूरे सौदे से वाकिफ एक जानकार का कहना है कि ब्रिटनी और पॉल की रिहाई के बदले अमेरिका की जेल में 25 साल की सजा काट रहे हथियारों के रूसी सौदागर विक्टर बॉत को रिहा करने की बात की गई है.
highlights
- अमेरिकी बास्केट बॉल स्टार ब्रिटनी ग्रिनर को रूस में सुनाई गई 9 साल की सजा
- अमेरिका ब्रिटनी-व्हेलम की रिहाई के बदले विक्टर बॉत को छोड़ सकता है
- हथियारों के तस्कर पूर्व रूसी कर्नल विक्टर बॉत को मौत का सौदागर कहा जाता है
नई दिल्ली:
अमेरिकी बास्केटबॉल यानी डब्ल्यूएनबीए स्टार ब्रिटनी ग्रिनर (Brittney Griner) को मादक पदार्थ रखने का दोषी मानते हुए मॉस्को की एक अदालत ने गुरुवार को 9 साल की जेल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कूटनीतिक विशेषज्ञों समेत सामरिक जानकारों की निगाहें अमेरिका (America) और रूस (Russia) के बीच कैदियों की संभावित अदला-बदली पर टिक गई हैं. बीते सप्ताह अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकेन (Antony Blinken) ने एक 'असामान्य घोषणा' के तहत सार्वजनिक बयान में कहा था कि अमेरिका ने ब्रिटनी ग्रिनर और रूसी जेल में बंद पूर्व अमेरिकी मेरीन पॉल व्हेलम ( Paul Whelam) की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए एक 'ठोस प्रस्ताव' दिया है. अब जब ब्रिटनी को दोषी मानकर रूसी अदालत ने जेल की सजा सुना दी है, तो रूस और अमेरिका की कैदियों की अदला-बदली का सौदा संभव है जल्द आकार ले ले. हालांकि ब्रिटनी के वकील का मानना है कि उसे कुछ ज्यादा ही कठोर सजा सुनाई गई है. इसका मकसद सिर्फ यही है कि अमेरिका कैदियों से जुड़े सौदे को पूरा करने में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाए. देखते हैं कैदियों की अदला-बदली के इस सौदे में अमेरिका और रूस का क्या-क्या दांव पर लगा हुआ है...
अमेरिका ने सौदे के लिए रूस को यह दिया प्रस्ताव
बीते हफ्ते हालांकि एंटोनी ब्लिंकेन ने सौदे के ठोस प्रस्ताव पर पूरी तरह से प्रकाश नहीं डाला. ना ही ब्लिंकेन ने यह बताया कि उनकी अपने रूसी समकक्ष सर्गी लावरोव से इस सौदे को लेकर क्या बात हुई. फिर भी इस पूरे सौदे से वाकिफ एक जानकार का कहना है कि ब्रिटनी और पॉल की रिहाई के बदले अमेरिका की जेल में 25 साल की सजा काट रहे हथियारों के रूसी सौदागर विक्टर बॉत को रिहा करने की बात की गई है. कोलंबिया के पूर्व गोरिल्ला आर्मी फार्क पर करोड़ों डॉलर के हथियार बेचने के आरोप में विक्टर को दोषी पाया गया था. जिस वक्त विक्टर को सजा सुनाई गई उस वक्त फार्क को विदेशी आतंकी संगठन बतौर निरूपित किया जा चुका था. हालांकि पिछले साल ही फार्क से यह तमगा हटा लिया गया है. बताते हैं यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अमेरिका-रूस में इस मसले पर ही गहरी बातचीत हुई है. दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों की कंबोडिया में हुई शिखर वार्ता के दौरान भी अमेरिका-रूस ने कैदियों की अदला-बदली पर बातचीत की.
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रूसी की इस सौदे पर क्या रही प्रतिक्रिया...
कोई खास नहीं... कम से कम सार्वजनिक तौर पर तो रूस का यही रवैया है. ब्लिंकेन ने भी नहीं बताया कि कैदियों की अदला-बदली से जुड़े अमेरिकी प्रस्ताव पर सर्गी लावरोव ने क्या प्रतिक्रिया दी. रूस ने अमेरिका के इस प्रस्ताव पर रुचि दिखाता कोई संकेत नहीं दिया. उलटे एक बयान में अमेरिका को झिड़का अलग से. रूस ने कहा, कयासों पर केंद्रित जानकारी के बजाय अमेरिका शांत कूटनीतिक प्रस्तावों से अमेरिकियों की रिहाई पर बात करे. इस कड़ी में इसी सोमवार को व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन पियरे ने एक बयान में कहा कि अमेरिकी प्रस्ताव को गंभीरता से नहीं लेकर रूस प्रशासन ने 'अविश्वास भरी' प्रतिक्रिया दी है. हालांकि उन्होंने ने भी अपने बयान में किसी और बात का कोई खुलासा नहीं किया. इस कड़ी में सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया कि मॉस्को कैदियों की अदला-बदली से जुड़े इस सौदे में विक्टर बॉत समेत अपनी खुफिया एजेंसी के एक और पूर्व कर्नल की रिहाई भी चाहता है, जिसे बीते साल जर्मनी में हुई एक हत्या के मामले में सजा सुनाई गई थी.
क्या पहले भी कैदियों की अदला-बदली हुई...
एक नहीं कई बार. हाल ही में ऐसा एक सौदा हुआ था. अप्रैल में मॉस्को में रूसी पुलिस संग शारीरिक संघर्ष के दोषी पाए गए अमेरिकी मेरीन ट्रेव रीड को कोकीन की तस्करी की साजिश के आरोप में बंद रूसी पायलट कांस्टेंटाइन यारोशेंको के बदले रिहा किया था. हालांकि इस सौदे में जिस रूसी कैदी की अदला-बदली हुई वह विक्टर बॉत जैसा कुख्यात नहीं थी. गौरतलब है कि विक्टर बॉत ने रूसी वायुसेना को अपनी सेवाएं दी हैं और वैश्विक स्तर पर हथियारों की तस्करी में वह इतना कुख्यात है कि उस पर एक हॉलीवुड फिल्म 'लॉर्ड ऑफ वॉर' भी बनी, जिसमें केंद्रीय भूमिका निकोलस केज ने निभाई थी. यही नहीं, गृह यद्ध झेल रहे देशों को हथियारों की तस्करी करने वाले विक्टर बॉत को 'मर्चेंट ऑफ डेथ' यानी मौत का सौदागर भी कहा जाता है. हालांकि विक्टर बॉत ने इन सभी आरोपों से सिरे से इंकार किया है. फिर भी विक्टर बॉत के बदले ब्रिटनी ग्रिनर और पॉल व्हेलम से जुड़े अमेरिकी कैदियों की अदला-बदली का सौदा मीडिया में खासी सुर्खियां बटोर रहा है. इसके जरिये अमेरिका यह बताना चाहता है कि वह दुनिया के किसी भी जेल में बंद निर्दोष अमेरिकियों की रिहाई के लिए कुछ भी करने को तैयार है. सिक्के के दूसरे पहले की तरह इससे अमेरिका की कमजोरी भी जाहिर होती है कि वह अपने नागरिकों की रिहाई के लिए अनुचित मांगे भी मानने को तैयार है.
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कब होगी कैदियों की अदला-बदली
इस बारे में निश्चित तौर पर कहना मुश्किल है, लेकिन ब्लिंकेन और लावरोव के बीच हुई बातचीत से ऐसा लग रहा है कि कैदियों की अदला-बदली से जुड़े इस सौदे में बात काफी आगे बढ़ी है. इससे यह भी पता चलता है कि यूक्रेन पर रूसी हमले से उपजे जबर्दस्त तनाव के बावजूद अमेरिका और रूस किसी न किसी मसले पर बातचीत जारी रखना चाहते हैं. किसी भी देश द्वारा जेल में बंद की गईं ग्रिनर बेहद महत्वपूर्ण शख्सियत हैं. वह दो बार की ओलिंपिक में स्वर्ण पदक विजेता है. उन्हें फरवरी में उनके सामान में कैनिबीज ऑयल के साथ मॉस्को एय़रपोर्ट पर पकड़ा गया था. अब उनकी रिहाई के बदले अमेरिकी सौदे का पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई रिपब्लिकन विरोध कर रहे हैं. यह अलग बात है कि ब्रिटनी ग्रिनर पर मुकदमा और अब सजा ने बाइडन प्रशासन पर सौदे को जल्द अंजाम तक पहुंचाने का दबाव बढ़ा दिया है. जानकारों का मानना है कि रूसी कानून के लिहाज से भी ब्रिटनी ग्रिनर को सख्त सजा सुनाई गई है. मकसद सिर्फ और सिर्फ अमेरिका पर दबाव बढ़ाना है. यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी नागरिकों की अतिशीघ्र रिहाई के लिए एक अपील गुरुवार को जारी की है.
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