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America में खूनी क्यों हो रही है राजनीति... उपचुनाव में भी हिंसा की भारी आशंका

हमलावर डेविड डिपेप धुर दक्षिणपंथी है और इसी को पुष्ट करती कांस्पिरेसी थ्योरी ऑनलाइन शेयर करने का उसका इतिहास रहा है. पुलिस के मुताबिक डेविड डिपेप ने जानते-बूझते नैंसी पेलोसी के घर को निशाना बनाया.

Updated on: 30 Oct 2022, 06:10 PM

highlights

  • अमेरिका में होने जा रहे उपचुनाव में भारी राजनीतिक हिंसा का आशंका
  • नैंसी पेलोसी के पति का हमलावर धुर दक्षिणपंथी और डोनाल्ड ट्रंप समर्थक
  • जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद राजनीतिक धमकियों के मामले भी बढ़े

नई दिल्ली:

एक दिल दहला देने वाले घटनाक्रम में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) के सैन फ्रांसिस्को स्थित घर में घुस एक हमलावर ने उनके पति पॉल पेलोसी पर हथौड़े से हमला कर दिया. पॉल को तुरंत ही अस्पताल ले जाया गया जहां स्कल फ्रैक्चर की वजह से उनके सिर का ऑपरेशन करना पड़ा. पॉल की दाईं बांह में भी गंभीर चोट आई है और उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में समय लग जाएगा. हमलावर की पहचान 42 साल के डेविड डिपेप के रूप में हुई है. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर नैंसी पेलोसी को खोज रहा था और उसने घर में घुसते ही चिल्ला-चिल्ला कर पूछना शुरू कर दिया था, 'कहां है नैंसी?' नैंसी के नहीं  मिलने पर उसने उनके पति पर हथौड़े से हमला कर दिया. माना जा रहा है कि हमला राजनीति से प्रेरित था. जांच अधिकारी फिलहाल डिपेप के हमले की वजह की जांच कर रहे हैं. अमेरिका की डेमोक्रेट पार्टी के एक ताकतवर नेता के पति पर हमला अमेरिका (America) में उपचुनाव से लगभग एक पखवाड़े पहले हुआ है. इस उपचुनाव को लेकर अमेरिका की राजनीति खेमों में विभाजित नजर आ रही है. 

कौन है हमलावर डेविड डिपेप
हमलावर डेविड डिपेप को नैंसी पेलोसी के घर से शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया गया था. उस पर हत्या के प्रयास, बुजुर्ग से अभद्रता और घर में सेंधमारी का मुकदमा चलेगा. बताया जा रहा है कि डेविड डिपेप धुर दक्षिणपंथी है और इसी को पुष्ट करती कांस्पिरेसी थ्योरी ऑनलाइन शेयर करने का उसका इतिहास रहा है. पुलिस के मुताबिक डेविड डिपेप ने जानते-बूझते नैंसी पेलोसी के घर को निशाना बनाया. डेविड डिपेप न्यूडिस्ट मूवमेंट से भी जुड़ा रहा है. पुलिस फ्रैंलीफ्रेन के नाम से ब्लॉग को भी देख रही है, जिसपर लेखक के तौर पर डेविड डिपेप का नाम दर्ज है. इस ब्लॉग को अगस्त से अपडेट किया जा रहा है. इस ब्लॉग पर यहूदी विरोधी संदर्भों, नस्लीय दावों समेत लिंगपरिवर्तन विरोधी संदेशों की सामग्री है. कुछ पोस्ट में जलवायु परिवर्तन पर अविश्वास प्रकट करते हुए कोविड-19  वैक्सीन पर भ्रामक दावे भी किए गए हैं. हालांकि इस ब्लॉग में नैंसी पेलोसी का जिक्र नहीं मिलता है. कुछ पोस्ट में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को समर्थन करते हुए डेमोक्रेट पार्टी की खिलाफत की गई है. ब्लॉग में एएनॉन के समर्थकों द्वारा फैलाई गई कांस्पिरेसी थ्योरीज का भी जिक्र है. इनमें से एक में दावा किया गया है कि शैतान को मानने वाले बाल यौन उत्पीड़कों और बच्चे खाने वाले नरभक्षी ही अमेरिका में गुप्त तरीके से सत्ता चला रहे हैं. 27 सितंबर की एक पोस्ट में लेखक ने कहा है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में धांधली हुई थी के डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थकों के दावे का खंडन करने वाले पत्रकार को सड़क पर घसीट कर गोली मार दी जाएगी. 

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6 जनवरी के दंगों की याद ताजा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को ही नैंसी पेलोसी के घर पर हुए हमले का निंदा करते हुए हमलावर डेविड डिपेप के बयान को 6 जनवरी 2020 को यूएस कैपिटल हिल पर डोनाल्ड ट्रंप समर्थकों की हिंसा और कब्जे से जुड़ा करार दिया था. गौरतलब है कि जो बाइडन को जीत का प्रमाणपत्र रोकने के लिए ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल हिल पर भारी हिंसा की थी. जो बाइडन ने कहा कि हमलावर ने 6 जनवरी 2020 के दंगों के दौरान लगाए गए नारों को ही नैंसी पेलोसी के घर पर गिरफ्तारी के दौरान भी दोहराया था. द वॉल स्ट्रीट जॉर्नल के मुताबिक 6 जनवरी को भी एक दंगाई ने 'कहां हो नैंसी, हम तुम्हें ही खोज रहे हैं' का नारा कैपिटल हिल के हॉल में बुलंद किया था. 6 जनवरी को ट्रंप समर्थकों ने नैंसी पेलोसी के कार्यालय में तोड़-फोड़ कर लूटपाट की थी. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कैपिटल हिंसा में शामिल लोग नैंसी की हत्या करने की बात कर रहे थे. एक प्रदर्शनकारी तो कहते हुए पाया गया था, 'नैंसी पेलोसी को हम खोज रहे हैं ताकि उसके सड़े दिमाग में गोली मारी जा सके'. एनबीसी न्यूज के मुताबिक यह बयान देने वाले प्रदर्शनकारी को इसी साल जुलाई में दो महीने की जेल की सजा भी सुनाई जा चुकी है. 

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राजनीतिक हिंसा की भी आशंका
जिस दिन कांग्रेस प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी के पति पर हमला किया गया, उसी दिन अमेरिकी सरकार ने एक संयुक्त खुफिया बुलेटिन जारी किया था. इसमें 8 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में चरम खतरे की चेतावनी दी गई थी. इसके साथ ही कहा गया था कि चुनाव में धांधलेबाजी की गलत धारणा के चलते हिंसक आंदोलन या प्रदर्शन भी हो सकते हैं. कैपिटल हिल हिंसा और जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही राजनीतिक हिंसा और धमकियों को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के बाद से ही कांग्रेस के सदस्यों के खिलाफ धमकियों का सिलसिला बढ़ा है. इस साल के शुरुआती तीन महीनों में भी धमकियों की संख्या में इजाफा देखा गया था. सिर्फ इन तीन महीनों में भी 1800 धमकियों की शिकायतें पुलिस में दर्ज कराई गईं. हाल के महीनों में राजनीतिक हिंसा के मामलों में भी बढ़ोत्तरी देखी गई है. पॉल पेलोसी पर हमले के दिन ही पेंसिलवेनिया के एक शख्स को डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि एरिक स्वैलवेल को गोली मारने की धमकी देने का दोषी पाया गया था. जुलाई में भी डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि प्रमिला जयपाल के घर के बाहर धमकी देने के आरोप में एक शख्स पर केस दायर किया गया था. जून में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ब्रेट केवनॉघ को धमकी देने के लिए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था. गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी जांच की दोधारी तलवार लड़क रही है. उन पर कैपिटल हिंसा को भड़काने समेत गुप्त कागजात अपने घर पर ले जाने का आरोप भी है.