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Quad से टेंशन में रहता है चीन, जिसकी मीटिंग में PM Modi ने दिया धांसू बयान, जानें क्यों छूट गए ड्रैगन के पसीने?

Quad Summit 2024 में पीएम मोदी ने जबरदस्त बयान दिया है. इस शिखर सम्मेलन के दौरान इंडो पैसिफिक रिजन का मुद्दा छाया रहा. आइए जानते हैं कि ड्रैगर के पसीने क्यों छूटे हुए हैं.

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Ajay Bhartia
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Quad Summit 2024

क्वाड में छाया इंडो पैसिफिक रिजन का मुद्दा (Image: News Nation)

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Quad Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूएस स्टेट डेलावेयर के विलमिंगटन में आयोजित हुए क्वाड शिखर सम्मेलन 2024 में शामिल हुए. क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का एक ताकतवर ग्रुप है, जिसकी मीटिंग में पीएम मोदी (PM Modi US Visit) ने धांसू बयान दिया है. पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में ही चीन को बड़ा पाठ पढ़ाया है, जिसके बाद से ड्रैगन परेशान है. चीन क्वाड को महाशक्ति बनने की राह का रोड़ा मानता है, इसलिए वो क्वाड से टेंशन में रहता है. आइए जानते हैं पीएम मोदी और क्वाड देशों के ज्वॉइन्ट स्टेटमेंट से ड्रैगन के पसीने क्यों छूट गए हैं.

क्वाड में पीएम मोदी का बयान (PM Modi Quad Statement)

क्वाड शिखर सम्मेलन की बैठक पर दुनिया की नजरें टिकी हुई थीं. सब यही जानना चाहते थे कि पीएम मोदी सम्मेलन में क्या बयान देते हैं. पीएम मोदी ने क्वाड समिट में कहा, ‘हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है. जब विश्व तनावों और संघर्षों से घिरा हुआ है. ऐसे में साझा डेमोक्रेटिक वैल्यूज् के आधार पर क्वाड का मिलकर साथ चलना पूरी मानवता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है.’ पीएम मोदी ने इशारों-इशारों में चीन को पाठ भी पढ़ाया. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘हम किसी के खिलाफ नहीं हैं, हम शांति के पक्ष में हैं.’ 

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बिना लिए चीन को बड़ा संदेश

पीएम मोदी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र (Indo Pacific Region) को लेकर बिना नाम लिए चीन को बड़ संदेश दिया. पीएम मोदी ने कहा, ‘हम सभी एक रूल्स बेस्ड इंटरनेशनल ऑर्डर, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मसलों के शांतिपूर्ण ढंग से हल निकालने का समर्थन करते हैं. फ्री, ऑपन, इनक्लूसिव और प्रॉस्परस इंडो पैसिफिक हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है.’ बता दें कि इंडो पैसिफिक हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों को मिलाकर बना एक समुद्री क्षेत्र है. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर (South China Sea) भी शामिल है.

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Quad से टेंशन में रहता है चीन

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, क्वाड के गठन का अघोषित मकसद इंडो पैसिफिक क्षेत्र में आने वाले इलाकों में चीन के बढ़ते दबदबे पर लगाम लगाना है. चीन लगातार इस क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ाता जा रहा है. वो पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा ठोक रहा है, इसलिए क्वाड के मकसद को चीन की चुनौती के रूप में देखता है. साथ ही चीन क्वाड ग्रुप को उसके महाशक्ति बनने की राह में रोड़ा मानता है. चीन को डर है कि भारत दूसरी महाशक्तियों के साथ मिलकर चीन के लिए बड़ा खतरा बन सकता है. साथ ही वो भारत और अमेरिका की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी से भी परेशान रहता है. यही वजह हैं कि क्वाड ग्रुप को लेकर चीन हमेशा से ही टेंशन में रहता है.

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छूटे हुए हैं ड्रैगन के पसीने

पीएम मोदी के बयान के बाद क्वाड देशों के ज्वॉइंट स्टेटमेंट से भी ड्रैगन के पसीने छूटे हुए हैं. क्वाड देशों के ज्वॉइंट स्टेटमेंट में भी दक्षिण चीन सागर का जिक्र है. इन देशों ने साझा बयान में ईस्ट और साउथ चाइना सी के हालत पर भी चिंता जताई है. साझा बयान में कहा गया है कि, ‘हम विवादित मुद्दों के सैन्यीकरण और दक्षिण चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने के लिए होने वाले युद्भाभ्यसों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं. हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक हल करना चाहिए.’ हालांकि, इस मुद्दे पर अभी तक चीन की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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