PM Modi Russia Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे के लिए रूस पहुंच गए हैं. तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद ये उनकी पहली रूस यात्रा है. वे वहां 22वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. रूस के बाद पीएम मोदी ऑस्ट्रिया जाएंगे. पीएम मोदी की आज यानी सोमवार को मॉक्सो में रूसी राष्ट्रपति राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात तय है. 10 साल में पीएम मोदी की पुतिन से ये 16वीं मुलाकात होगी. उनकी पिछली मुलाकात समरकंद में साल 2022 में हुई थी.
पीएम मोदी के दौरे को लेकर रूस भी उत्साहित है. क्रेमलिन ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी से आमने-सामने बातचीत करेंगे. आइए जानते हैं कि पीएम मोदी की पुतिन से होने वाली ये मुलाकात कितनी खास है, दोनों नेताओं को क्यों एक-दूसरे की जरूरत है और इस दौरे के लिए पीएम मोदी का एजेंडा क्या है.
रूस पहुंचने पर PM मोदी ने क्या कहा
रूस पहुंचने पर पीएम मोदी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, 'मॉस्को में उतरा. हमारे देशों के बीच स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को और गहरा करने की उम्मीद है, खासकर सहयोग के भविष्य के क्षेत्रों में. हमारे देशों के बीच मजबूत संबंधों से हमारे लोगों को बहुत लाभ होगा.'
पीएम मोदी की पुतिन से तय मुलाकात कितनी खास?
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले वे 2019 में रूस गए थे. पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ होने वाली मुलाकात कई मायनों में खास है. ये मुलाकात भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. ऐसा ही कुछ संकेत पीएम मोदी ने रूस यात्रा से पहले अपने एक्स पोस्ट में दिया. उन्होंने कहा कि ये यात्रा रूस के साथ संबंधों को और मजबूत करने का एक शानदार अवसर है. रूस के साथ भारत की पुरानी दोस्ती है. पिछले 10 वर्षों में दोनों देशों के बीच साझेदारी आगे बढ़ी है, जिनमें ऊर्जा, सुरक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन और लोगों के बीच आदान-प्रदान के सेक्टर शामिल हैं.
पीएम मोदी का रूस दौरा इसलिए भी खास हो जाता है कि क्योंकि ये फरवरी 2022 में युक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद पीएम मोदी की ये पहली मॉस्को यात्रा है. उनकी इस यात्रा पर दुनियाभर की खासकर पश्चिमी देशों की निगाहें टिकी हुई हैं. दरअसल यूक्रेन से युद्ध को लेकर रूस पर पश्चिमी देशों ने तमाम प्रतिबंध लगा रखे हैं. वे रूस पर युद्ध को खत्म करने का लगातार दबाव बना रहे हैं. ऐसे में रूस यूरोप में अलग-थलग पड़ गया है. इस बीच उसे भारत और चीन का साथ मिलता रहा है. भारत ने रूस-युक्रेन युद्ध पर अपना स्टैंड न्यूट्रल कर रखा है. भारत का कहना है कि दोनों देशों के बातचीत से समस्याओं का निपटारा कर युद्ध को समाप्त करना चाहिए. वहीं चीन को लेकर पश्चिमी देशों का आरोप है कि वो रूस को युक्रेन युद्ध के लिए हथियार सप्लाई कर रहा है.
PM मोदी की रूस यात्रा के एजेंडे में क्या?
PM मोदी की रूस यात्रा का व्यापक एजेंडा है, जिसमें द्विपक्षीय व्यापार, आर्थिक संबंधों, वैज्ञानिक-तकनीकी अनुसंधान और रक्षा जैसे कई अहम मुद्दे शामिल हैं. पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के साथ मीटिंग में दोनों नेता एक दूसरे आपसी चिंताओं, मौजूदा क्षेत्रियों और वैश्विक मुद्दों पर अपनी-अपनी बातचीत रख सकते हैं. इनके अलावा-
1- रूस के साथ भारत के व्यापार असंतुलन को ठीक करना
2- एस400 एयर डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी पर बातचीत संभव
3- यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए गुमराह किए गए भारतीय नागरिकों की रिहाई
4- नए ट्रेड रूट को लेकर दोनों नेताओं के बीच हो सकती है बात
5- साथ ही दोनों देशों के बीच निवेश सहयोग बढ़ाने पर फोकस
इन विषयों पर दोनों नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है.
दोनों को क्यों है एक-दूसरे की जरूरत?
भारत और रूस दोनों ही एक-दूसरे के सालों पुराने साझेदार हैं. भारत को रूस और रूस को भारत की बहुत जरूरत है. रूस से भारत को S 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम, सुखोई 30 मिग फाइटर जेट मिल चुके हैं. इसके अलावा दोनों देशों के साझा प्रयास से ब्रह्मोस मिसाइल भी तैयार की गई. साथ ही रूस विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी भारत का सहयोग करता रहा है और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन कर चुका है.
वहीं, रूस के लिए भारत एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भादीदार है. उसके युक्रेन से युद्ध के दौरान अमेरिका के विरोध के बावजूद भारत ने उससे कच्चा तेल खरीदा था. भारत रूस से फार्मा पोडक्ट्स, मशीन और कलपुर्जे, कैमिकल प्रोडक्ट्स और विमानों के पुर्जे खरीदा है. इनके अलावा भारत अपनी सैन्य साजो सामान को भी रूस से खरीदता है. साथ ही वैश्विक मुद्दों पर रूस को भारत का साथ मिलना एक प्रभाव पैदा करता है.
रूस में अपने कार्यक्रमों के बाद प्रधानमंत्री मोदी 9-10 जुलाई को ऑस्ट्रिया जाएंगे. यह यात्रा एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि यह पहली बार होगा, जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री 41 वर्षों में ऑस्ट्रिया का दौरा करेगा.
Source : News Nation Bureau