Nagaland Assembly Elections 2023: शांति वार्ता का रूख तय करेगा चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा
नागालैंड (Nagaland) की राजनीति के लिहाज से रोचक बात यह है कि वर्तमान में राज्य विधानसभा एक विपक्ष रहित सदन है. ऐसे में फ्रंटियर नागालैंड की मांग की पृष्ठभूमि में 2023 के विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
highlights
- वर्तमान में नागालैंड राज्य विधानसभा एक विपक्ष रहित सदन है
- बीजेपी और एनडीपीपी 2018 के फॉर्मूले पर लड़ेंगे चुनाव 2023
- फ्रंटियर नागालैंड की मांग बन सकता है चुनावी समर का केंद्र
नई दिल्ली:
भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) ने नागालैंड विधानसभा चुनाव (Nagaland Assembly Elections 2023) के कार्यक्रम की घोषणा बुधवार को कर दी है. इसके मुताबिक 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को मतदान (Assembly Elections 2023) होगा. इसके लिए 2,315 मतदान केंद्रों पर कुल 1,189,264 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. नागालैंड (Nagaland) की राजनीति के लिहाज से रोचक बात यह है कि वर्तमान में राज्य विधानसभा एक विपक्ष रहित सदन है. मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो (Neiphiu Rio) के नेतृत्व वाली नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने 2018 के समय के चुनाव पूर्व सीट बंटवारे फॉर्मूले पर ही आसन्न विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है. यानी एनडीपीपी 40 और बीजेपी 20 सीटों पर चुनावी समर में उतरेगी. नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) को एनडीपीपी-बीजेपी गठबंधन ने अकेला छोड़ दिया है. पार्टी के महासचिव अछुंबेमो किकोन के मुताबिक चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं और हम आगामी चुनाव में अच्छे नतीजे प्राप्त करेंगे. हालांकि उन्होंने चुनाव पूर्व गठबंधन से इंकार नहीं किया है.
फ्रंटियर नागालैंड की मांग बनेगी चुनावी समर का केंद्र
2018 के विधानसभा चुनाव में एनडीपीपी ने 18 सीटें जीतीं, जबकि चुनाव पूर्व सहयोगी बीजेपी के हिस्से 12 सीटों पर जीत आई थी. इनके अलावा एनपीएफ ने 26, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने दो और जनता दल (यूनाइटेड) ने एक सीट जीती थी और एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहा था. हालांकि इस बार लंबे समय से चल रही शांति वार्ता की छाया चुनाव प्रचार पर मंडरा रही है. ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) की छत्रछाया में छह पूर्वी जिलों की सात जनजातियां एक अलग फ्रंटियर नागालैंड राज्य की मांग कर रही हैं . दबाव बनाने के लिए उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा अपनी मांग को पूरा करने में विफल रहने पर किसी भी चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने से परहेज करने की धमकी दी है. ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित समिति और ईएनपीओ के बीच बातचीत जारी है. राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष के थेरी ने कहा कि पार्टी सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि उन्होंने चुनाव के बाद एनपीएफ और अन्य समान विचारधारा वाले धर्मनिरपेक्ष दलों के साथ गठबंधन से इंकार नहीं किया है.
बीजेपी अपना वोट बैंक बढ़ाने की फिराक में
2018 विधानसभा चुनाव में पहली बार दो सीटें जीतने वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) भी कड़ी टक्कर देने की तैयारी में है. राज्य इकाई के अध्यक्ष एंड्रयू अहोतो ने कहा कि पार्टी 10-15 सीटों पर चुनाव लड़ने की सोच रही है. नागालैंड को अपनी 60 सीटों वाली विधानसभा के लिए एक महिला प्रतिनिधि का चुनाव करना अभी भी बाकी है. स्थानीय राजनीतिक पंडितों की मानें तो
नगा शांति वार्ता, सड़कों की गुणवत्ता, शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा के रूप में ढांचागत विकास उन मुद्दों में हैं जो आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और बीजेपी गठबंधन मजबूत स्थिति में है. इस बार बीजेपी अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने पर विचार कर रही है. हालांकि इस साल नवंबर में नागालैंड बीजेपी को तब झटका लगा, जब पार्टी के तीन जिला अध्यक्ष जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए. फ्रंटियर नागालैंड की मांग की पृष्ठभूमि में 2023 के विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
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