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MEA ने कनाडा में भारतीयों को सावधान और सर्तक रहने को क्यों कहा!

विदेश मंत्रालय ने 'घृणा अपराध, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों में तेज वृद्धि' का हवाला देते हुए कनाडा में रहने वाले भारतीयों और छात्रों को शुक्रवार 23 सितंबर को एक एडवाइजरी जारी की है.

Updated on: 25 Sep 2022, 03:43 PM

highlights

  • ओटोवा के स्वामीनारायण मंदिर में की गई तोड़-फोड़
  • मंदिर की दीवारों पर लिखी गई भारत विरोधी बातें
  • भारतीयों औऱ छात्रों को सावधान-सतर्क रहने की सलाह

टोरंटो:

कनाडा में एक बार फिर भारत विरोधी गतिविधियों में तेजी देखने में आ रही है. इस बार स्थति इसलिए विकट है, क्योंकि भारतीयों के खिलाफ हेट क्राइम की घटनाओं में भी तेजी देखने में आ रही है. यहां तक कि विगत दिनों एक मंदिर में भी तोड़-फोड़ कर भारत और भारतीयों के खिलाफ अपमानजनक बातें लिखी गईं. इन घटनाओं को देख विदेश मंत्रालय (MEA) ने 'घृणा अपराध, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों में तेज वृद्धि' का हवाला देते हुए कनाडा (Canada) में रहने वाले भारतीयों और छात्रों को शुक्रवार 23 सितंबर को एक एडवाइजरी जारी की है. इस एडवाइजरी में कहा गया है,  'उक्त वर्णित अपराधों की घटनाओं में तेजी को देखते हुए भारतीय नागरिकों और कनाडा में रहकर पढ़ाई कर रहे छात्रों समेत पर्यटन और शिक्षा के लिए जाने वालों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और सतर्क रहें.'

कनाडा में हाल में हुआ क्या...
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से यह एडवाइजरी हिंदू मंदिर में तोड़-फोड़ और भारत विरोधी गतिविधियों के सामने आने के कुछ दिनों बाद जारी की गई. हालांकि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भारत विरोधी गतिविधियों को 'हास्यास्पद कवायद' करार देते हुए कहा 'चरमपंथी और कट्टरपंथी तत्व' अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में इन घटनाओं को लेकर कनाडा सरकार को अवगत करा दिया गया है. कनाडा ने भारत की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कह घटनाओं की जांच का आश्वासन दिया है. बागची ने आगे बताया, 'भारत सरकार इन देश विरोधी गतिविधियों और भारतीय के खिलाफ घटनाओं को लेकर कनाडा सरकार पर दबाव बनाना जारी रखेगी.'

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किस तरह के घृणा अपराध हो रहे कनाडा में
इस महीने की शुरुआत में टोरंटो के स्वामीनारायण मंदिर में तोड़-फोड़ की गई औऱ दीवारों पर भारत विरोधी बातें लिखी गईं. इस घटना के सामने आने पर ओटावा के भारतीय उच्चायोग ने ट्ववीट कर इसकी न सिर्फ निंदा की, बल्कि कनाडा सरकार से घटना की जांच कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की बात भी की. गौरतलब है कि बीती सदी से ही बड़ी तादाद में भारतीय कनाडा जा रहे हैं. कनाडा में भारतीयों की अच्छी-खासी आबादी रह रही है. उच्च शिक्षा के लिए भी कनाडा भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा देशों में से एक है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल की पहली छमाही में ही 60 हजार भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए कनाडा गए. भारतीय छात्रों के बीच अमेरिका के बाद कनाडा ही उच्च शिक्षा के लिहाज से प्राथमिकता पर आता है.