हम साथ-साथ हैं! मध्य प्रदेश में दशकों से भाजपा का बोलबाला, कांग्रेस की सियासी 'विलुप्ति'
..तो शुरुआत होती है साल 1990 से, वो दौर जब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ एक था, उस वक्त यहां कुल 40 लोकसभा सीटें थीं, जिनपर कांग्रेस हावी थी. हालांकि यही वो वक्त था, जब बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपने वर्चस्व में इजाफा दर्ज करना शुरू कर दिया था.
Bhuwan Bhatt
नई दिल्ली :
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही, चुनावी गठजोड़ की खबरें आम हो गई हैं. तमाम राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग राज्यों में अपने-अपने सियासी समीकरण साधने की कोशिश में जुटी हैं. खासतौर पर देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा की सियासी सक्रियता सुर्खियों में है, जहां लगातार मैराथन बैठकों का दौर जारी है. इसके साथ ही 'भगवा पार्टी' भारत के अलग-अलग प्रदेशों में अपनी सियासी स्थिति को भांपकर वहां अपनी बिसात मजबूत करने में जुटी है. हालांकि देश के कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां भाजपा पहले से ही बहुत ज्यादा दृढ़ है, इनमें से एक राज्य है मध्य प्रदेश...
मध्य प्रदेश, जहां आज से नहीं, बल्कि तकरीबन 90 के दशक से भाजपा का बोलबाला बरकरार है. भले ही सत्ता में कांग्रेस हो, मगर लोकसभा चुनावों में भाजपा का दबदबा कायम रहा है. आज इस आर्टिकल में हम कुछ खास आंकड़ों के जरिए लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश और भाजपा की सियासी स्थिति को समझेंगे.
..तो शुरुआत होती है साल 1990 से, वो दौर जब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ एक था, उस वक्त यहां कुल 40 लोकसभा सीटें थीं, जिनपर कांग्रेस हावी थी. हालांकि यही वो वक्त था, जब बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में अपने वर्चस्व में इजाफा दर्ज करना शुरू कर दिया था. जैसे-जैसे साल बढ़ रहे थे, वैसे-वैसे एमपी और छत्तीसगढ़ में बीजेपी का ग्राफ बढ़ता जा रहा था.
साल दर साल बढ़ता भाजपा का दबदबा
आंकड़ों के अनुसार, 1991-2019 के बीच हुए लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में जहां एक तरफ कांग्रेस लगातार अपनी जमीन खो रही थी, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा का बोलबाला बरकरार था. साल 1991 देश के 10वे लोकसभा चुनाव में, जब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ एक था, तब कांग्रेस पार्टी 27, बीजेपी 12 और बीएसपी 1 सीट जीती थी. इसके बाद 1996 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने एमपी में 27 सीटें जीत ली और कांग्रेस को केवल आठ लोकसभा सीटों से संतुष्ट होना पड़ा. इसके बाद साल 1998 में मध्यावधि चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन मध्य प्रदेश में जबरदस्त रहा. पार्टी को 40 में से 30 सीटों पर जीत मिली, वहीं कांग्रेस को सिर्फ 10 सीटों पर जीत मिली थी. फिर इसके बाद साल 1999 में हुए 13वे लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को 29 सीटों पर और कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली थी.
इसके बाद 1 नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश राज्य दो टुकड़ों में बंट गया और फिर छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया. अब मध्य प्रदेश में कुल लोकसभा सीटें 40 से घटकर 29 हो गई. इसी बीच साल 2003 में राज्य के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता पर काबिज हो गई. इसके अगले ही साल हुए 2004 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 में से 25 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल कर ली, जबकि कांग्रेस चार सीटों पर सिमट कर रह गई. फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 27 सीट पर जीता हासिल की थी. वहीं, आखिरी लोकसभा चुनाव 2019 में मध्य प्रदेश में बीजेपी का प्रदर्शन सबसे जबरदस्त रहा. बीजेपी ने एमपी की 29 में से 28 सीटों पर जीत दमदार जीत हासिल की थी.
भाजपा का लक्ष्य
खैर, भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में पूरी 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा है. मध्य प्रदेश में सरकार बीजेपी की रही हो या कांग्रेस की, लोकसभा चुनाव में बीजेपी का ही दबदबा रहा है. ये आर्टिकल 1991 से लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव तक में भाजपा के बढ़ते दबदबे का प्रमाण है.
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