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तमिल नेता नेल्लई कन्नन का लंबी बीमारी से निधन, क्यों सुर्खियों में रहे

तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री एमके स्‍टालिन की मौजूदगी में नेल्लई कन्नन को ‘कामराजर कथिर अवॉर्ड’ 2021 से सम्‍मानित किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया था.

Updated on: 18 Aug 2022, 06:29 PM

highlights

  • कन्नन अपने मजाकिया भाषणों से 1970 के दशक से लोकप्रिय हो गए
  • नेल्लई कन्नन को विवादित भाषण के लिए गिरफ्तार भी किया गया था
  • पूर्व सीएम करुणानिधि के खिलाफ 1996 में कन्नन ने लड़ा था चुनाव 

नई दिल्ली:

लोकप्रिय तमिल वक्ता (Tamil orator) और कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता और हमदर्द नेल्लई कन्नन (Nellai Kannan) का तिरुनेलवेली (Tirunelveli) में उनके आवास पर निधन हो गया. वह 78 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार बताए जा रहे थे. कन्नन अपने मजाकिया भाषणों के माध्यम से 1970 के दशक से लोकप्रिय हो गए. उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री कामराज के कद के नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने तमिलनाडु सरकार द्वारा सम्मानित प्रतिष्ठित इलांगो आदिगल पुरस्कार भी जीता था. आइए, जानते हैं कि नेल्लई कन्नन कौन थे और क्यों वह सुर्खियों में रहे?

पीएम मोदी पर तीखा कमेंट कर हुए अलोकप्रिय

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) की निंदा करने के लिए आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) के खिलाफ एक तीखी टिप्पणी करके वह अलोकप्रिय हो गए थे. इस वजह से एक जनवरी 2020 को उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. तमिल लेखक नेल्लई कन्नन को तमिलनाडु के पेरम्बलुर से गिरफ्तार किया गया था. साल 2019 में 29 दिसंबर को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने सीएए के विरोध में बैठक बुलाई थी. इस बैठक में नेल्लई कन्नन ने विवादित भाषण दिया था. 

विवादित भाषण पर हंगामे के बाद गिरफ्तारी

उसके बाद नेल्‍लई कन्‍नन की गिरफ्तारी के लिए बीजेपी नेता एच राजा धरने पर बैठ गए थे. कन्‍नन ने अपना विवादित भाषण एक मुस्लिम बहुत इलाके में रैली को संबोधित करते हुए दिया था. बीजेपी के नेताओं ने कन्‍नन के खिलाफ कई जगह शिकायत दर्ज कराई गई थी. तब जाकर पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की थी. कन्‍नन के खिलाफ तिरुनेलीवेली सिटी पुलिस ने भी केस दर्ज किया था. उसी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.

सीएम स्टालिन की मौजूदगी में मिला सम्मान

इसके बाद तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री एमके स्‍टालिन की मौजूदगी में नेल्लई कन्नन को ‘कामराजर कथिर अवॉर्ड’ 2021 से सम्‍मानित किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया था. सीएम स्टालिन की मौजूदगी में नेल्‍लई को इस सम्‍मान से नवाजे जाने के बाद राजनीतिक दलों ने काफी हंगामा किया था. क्योंकि कन्नन ने अपने भाषणों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और तमिलनाडु के पू्व मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को लेकर विवादित बातें कही थी. बीजेपी ने उनके भाषण को राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सांप्रदायिक एकता को चोट पहुंचाने वाला बताया था.

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एम करुणानिधि के खिलाफ लड़े थे चुनाव

तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में 1945 में जन्मे नेल्‍लई कन्‍नन कांग्रेस में रहते हुए तिरुनेलवेली सीट से चुनाव भी लड़ कर हार चुके थे. वह तमिलनाडु के पूर्व सीएम एम करुणानिधि के खिलाफ भी 1996 में चुनाव लड़ चुके थे. कांग्रेस पार्टी के वह जनरल सेकेट्री और उपाध्‍यक्ष भी बनाए गए थे. साल 2006 में कन्‍नन ने कांग्रेस पार्टी छोड़कर और AIADMK के लिए कैंपेन किया था. चुनाव में AIADMK की हार के बाद कन्‍नन कुछ समय तक पॉलिटिक्‍स में सक्रिय नहीं रहे.  बाद के दिनों में कन्नन टीवी डिबेट्स में तमिल लिटरेचर और अध्‍यात्‍म के मुद्दे पर बात करते दिखाई देते थे.