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जिनके सेवाभाव ने मौत को भी कराया संघर्ष..उन कोरोना वारियर्स के सपने को साकार कर रही है केजरीवाल सरकार

कोरोना महामारी ने गरीबी देखी ना अमीरी देखी. हर किसी को अपनी जद में लेने से नहीं चूका, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित हो लोग हुए जिनके घरों में कमाने वाला एक था. जिन्होंने संक्रमण से लड़ने के लिए अपनी जान की बाजी तक लगा दी.

Updated on: 10 Jun 2023, 04:18 PM

नई दिल्ली:

Corona Warriors Tribute: तीन साल पहले किसी को पता नहीं था कि चंद दिनों में एक संक्रमण लाखों की जिंदगी लील लेगा..करोड़ों को संक्रमित कर जाएगा और दंश आने वाली पीढियों को भी भोगना पड़ेगा..जी हां हम बात कर रहे हैं जानलेवा महामारी की. ये वही कोरोना है जिसने जहां-जहां दस्तक दी...वहां मायूसी और मातम ही छाया गया..कोरोना ने भारत समेत पूरी दुनिया को झकझोर कर रखा दिया..दुनिया भर में कोरोना से असंख्य मौतें हुईं…अनगिनत लोग इसकी चपेट में आए... क्या बच्चा, क्या बूढ़ा और क्या युवा इस संक्रमण ने किसी को भी नहीं छोड़ा, लेकिन कहते हैं ना जो दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान पर खेल जाते हैं ..जो मौत को भी सामने आने पर हंसते-हंसते गले लगाते हैं वही योद्धा कहलाते हैं... वही तो वारियर्स कहलाते हैं. उनके हौसलों से आने वाली पीढ़ियां भी प्रेरणा लेती हैं कि संकट कितना भी बड़ा क्यों ना हो, लेकिन उसके सामने सीना तान के खड़े होना ही योद्धा की पहचान होती है. अपनी जान की परवाह किए बगैर दूसरों की जान बचाकर हम सबकी यादों में अमर हो चुके कोरोना योद्धाओं के सपने को आज दिल्ली सरकार साकार करने में जुटी है.

केजरीवाल सरकार कोरोना से जान गंवाने वाले दिल्ली के कोरोना योद्धाओं के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देकर आर्थिक राहत दे रही है. आप सरकार अब तक 60 करोड़ से ज्यादा की आर्थिक मदद दे चुकी है.. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो हम सबको बचाने के लिए अपनी जान पर खेल गए उनके परिवारों के सपने अब हम सबके हो गए हैं, योद्धाओं के परिवारों के साथ हमारी सरकार हर कदम पर खड़ी है…

आज भी उस दौर को याद कर सिहर उठते हैं परिवार के लोग
टूटती सांसों को जिंदगी देने के लिए मौत को चूमने वाले कोरोना योद्धाओं के परिवार भले ही उनको याद कर बिलख उठते हैं.. परिजन आज भी उस काले दिन को याद कर सिहर उठते हैं. उनकी आंखों के सामने आज भी धुंधलापन छा जाता है, जब अस्पताल से लेकर श्मशान तक लाशों के ढेर में अपनों को ढूंढता है. वह खौफनाक और यादों से कभी नहीं मिटने वाला मंजर आज भी उन परिवारों को हिला देता है, जिसे याद कर उनका दर्द बढ़ जाता है. हालांकि, दिल्ली सरकार कोरोना योद्धाओं के परिवारों को एक करोड़ की जो सम्मान राशि सौंप रही है वो उन वारियर्स के लिए श्रद्धांजलि है जो आपदा देखकर विचलित नहीं हुए. बल्कि अपने सेवाभाव को हर पल जीते रहे, अस्पतालों में अंतिम सांस गिन रहे लोगों को जीवन देते रहे.

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भारत माता के सपूतों को नमन

ऐसे समय में जब अपने अपनों से नहीं मिल पा रहे थे. तब भारत माता के इन महान सपूतों ने आगे आगर गैरों को भी गले लगाया और पूरे तन और मन से लोगों की सेवा की. इंसानियत की फर्ज को अदा करने के लिए दिन रात घरों से लेकर अस्पतालों तक डटे रहे. जरूरतमंदों की मदद करते रहे. इन लोगों ने न केवल अपनी जान हथेली पर रखी, बल्कि अपने प्राण भी गवांए. आपदा के समय में भारत माता की सेवा करने वालों को हम शत शत नमन करते हैं.