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International Men’s Day 2022: जानें तारीख, इतिहास, महत्व, जश्न और थीम

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग सबसे पहले 1923 में की गई थी. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर 29 फरवरी को पुरुष दिवस मनाने की मांग उठाई गई थी. पुरुष दिवस मनाने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और माल्टा में संगठनों को आमंत्रित किया गया था.

Updated on: 19 Nov 2022, 09:13 PM

highlights

  • अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग सबसे पहले 1923 में की गई
  • हालांकि 1995 तक बहुत कम संगठन इन आयोजनों का हिस्सा बने
  • 1999 में 19 फरवरी की तारीख के साथ इसे फिर से शुरू किया गया

नई दिल्ली:

समाज के विकास में पुरुषों और महिलाओं दोनों का महत्वपूर्ण योगदान है. इसे समझते हुए भले ही पूरी दुनिया में महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) की दिशा में अधिक काम हो रहा है, लेकिन पुरुषों की भलाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है. ऐसे में पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य विकास, उनके सकारात्मक गुणों और लैंगिक समानता के उद्देश्य से हर साल दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Mens Day 2022) मनाया जाता है. वजह यह है कि पुरुष परिवार, समाज और राष्ट्र का एक ऐसा स्तंभ है, जिसके बिना सब कुछ अधूरा है. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस पर समाज, समुदाय, राष्ट्र, परिवार, दांपत्य और बच्चों की देखभाल में उनके योगदान के लिए लड़कों और पुरुषों को सम्मानित किया जाता है. गौरतलब है कि किसी पुरुष की ताकत उसके चरित्र में होती है. इसके बावजूद हम अक्सर लैंगिक रूढ़िवाद में कैद पुरुषों के बारे में बात नहीं करते हैं. उनके पास रूढ़िवादिता को तोड़ने और समाज, समुदाय और उनसे संबंधित परिवारों में अपने योगदान का जश्न मनाने की भी ताकत होती है. 

मनाने की तारीख
दुनिया के 60 से अधिक देश अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाते हैं. इसके लिए साल की 19 नवंबर की तारीख तय की गई है. इस दिवस को पुरुषों के कल्याण के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने और पुरुषों के सामने आने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है.

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अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग सबसे पहले 1923 में की गई थी. अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर 29 फरवरी को पुरुष दिवस मनाने की मांग उठाई गई थी. पुरुष दिवस मनाने के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और माल्टा में संगठनों को आमंत्रित किया गया था. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का उद्घाटन 1992 में थॉमस ओस्टर ने किया गया था. हालांकि इसकी परिकल्पना एक साल पहले की गई थी. ओस्टर ने दो साल तक इन कार्यक्रमों की मेजबानी की. हालांकि 1995 तक बहुत कम संगठन इन आयोजनों का हिस्सा बने. नतीजतन इसे बंद कर दिया गया. इसके बाद 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय के इतिहास के प्रोफेसर डॉ जेरोम तिलकसिंह ने इसे फिर से मनाया था. उन्हें इसका जश्न मनाने के लिए अपने पिता की जयंती  को चुना था. इसके बाद उन्होंने सभी को पुरुषों और लड़कों से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए इस दिन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया. हालांकि इसके महत्व के कारण इस दिन को 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो में वेस्ट इंडीज विश्वविद्यालय में इतिहास के व्याख्याता डॉ जेरोम तिलकसिंह द्वारा पुनर्जीवित किया गया. डॉ तिलकसिंह ने अपने पिता के जन्मदिन 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस बतौर मनाने का फैसला किया. एक दशक पहले 1989 में इसी तारीख को त्रिनिदाद और टोबैगो की फुटबॉल टीम ने फुटबॉल विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के लिए देश को एकजुट किया था. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस को केवल लिंग के बारे में मनाने के बजाय डॉ. तिलकसिंह ने दुनिया भर में पुरुषों और लड़कों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार करने के लिए इसे प्रचारित किया.हर साल 19 नवंबर को पड़ने वाला यह दिवस मोवेंबर से भी मेल खाता है. इस दिन पुरुष या मो ब्रदर्स शेविंग से बचते हैं और पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए पैसे जुटाने के लिए अपनी मूंछें और दाढ़ी बढ़ाते हैं.

पुरुष दिवस का महत्व और इससे जुड़ा जश्न
यह दिन पुरुषों की भलाई और स्वास्थ्य, उनके यौन संघर्षों और उन सामाजिक स्थितियों पर बोलने के लिए समर्पित है. इस दिन उनके साथ होने वाले भेदभाव के बारे में बात की जाती है और बेहतर लैंगिक संबंध बनाने का वादा किया जाता है. इस दिवस का समग्र उद्देश्य पुरुषों के बारे में बुनियादी मानवीय मूल्यों और जागरूकता को बढ़ावा देना है. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस छह स्तंभों पर केंद्रित है जो सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल गढ़ने के प्रतिमान करार दिए जा सकते हैं. यह समाज, समुदाय, परिवार, दांपत्य, बच्चों देखभाल और पर्यावरण में पुरुषों के योगदान का जश्न मनाने पर भी ध्यान केंद्रित करता है. तीसरा स्तंभ पुरुषों के स्वास्थ्य और सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक भलाई का ख्याल रखने का वादा करता है. यह कई क्षेत्रों में उनके द्वारा सामना किए जाने वाले भेदभाव पर भी प्रकाश डालता है. अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस लैंगिक संबंधों पर जागरूकता पैदा करता है और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने पर जोर देता है. यह एक बेहतर और सुरक्षित दुनिया बनाने का भी वादा करता है, जहां हर प्राणी अपनी पूरी क्षमता से फल-फूल सकता है. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस में मानसिक स्वास्थ्य, मर्दानगी की गलत व्याख्या, पुरुष आत्महत्या, पुरुषों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना, लिंग संबंधों में सुधार जैसे कुछ नाम शामिल हैं. 

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इस साल अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम
इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस की थीम 'हेल्पिंग मेन एंड बॉयज' रखी गई है. इस दिन को दुनिया भर में कार्यक्रमों और सम्मेलनों का आयोजन करके मनाया जाता है जहां पुरुषों और लड़कों से संबंधित मुद्दों पर बात की जाती है. उनकी समस्याओं पर चर्चा की जाती है और जागरूकता पैदा की जाती है.