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Sun-Mission( Photo Credit : news nation)
सूरज पर भारत की पैनी नजर!भारत के पहले सौर मिशन की लॉन्चिंग की सारी तैयारियां हो चुकी हैं. आगामी 2 सितंबर को ISRO का भरोसेमंद रॉकेट PSLV-C57, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से Aditya-L1 को लेकर उड़ान भरने को तैयार है. शनिवार सुबह ठीक 11 बजकर 50 मिनट पर अंतरिक्ष यान की लॉन्चिंग के साथ ही इस मिशन का आगाज हो जाएगा, जो कि अगले 4 महीने में 1.5 मिलियन किमी का फासला तय कर सूरज के नजदीक सूर्य-पृथ्वी प्रणाली में लैग्रेंज बिंदु 1 (एल1) में स्थापित होगा. बता दें कि इस अभूतपूर्व मिशन का मकसद भारत को सूर्य के करीब पहुंचाना हैं... ऐसे में आइये इस आर्टिकल में बेहद ही आसान तरीके से समझें, आखिर सूरज के करीब पहुंच कर क्या करेगा Aditya-L1? सूरज
सूर्य से ये चाहता है भारत...
भारत और इसरो का ये पहला सूर्य मिशन हमारे तमाम मंसूबों को कामयाब करेगा. ये मिशन स्पेस वेदर, कोरोनल हीटिंग और फ्लेयर गतिविधियों के अध्ययन में हमारी बहुत बड़ी सहायता करेगा. इस मिशन की सफलता के साथ ही, हम उन तमाम शक्तिशाली देशों की फेहरिस्त में शुमार हो जाएंगे, जिन्होंने सूरज तक का फासला तय किया है. तो चलिए इस ऐतिहासिक मिशन के 4 प्रमुख उद्देश्य पर गौर करें...
1. Solar Upper Atmosphere (क्रोमोस्फीयर और कोरोनल) गतिशीलता का अध्ययन.
2. क्रोमोस्फेरिक और कोरोनल हीटिंग का अध्ययन.
3. स्पेस में मौजूद Ionized Plasma की भौतिकी का अध्ययन.
4. सौर कोरोनल और उसके हिटिंग सिस्टम की भौतिकी का अध्ययन.
4 स्टेप में समझिए 4 महीने का सफर...
भारत का Aditya-L1 अंतरिक्ष यान करीब 4 महीने के लंबे सफर के बाद अपनी मंजिल पर पहुंचेगा. ISRO ने इस कई मिलियन किमी लंबे सफर के बारे में बारिकी से समझाया है. चलिए इसे महज 4 स्टेप में समझते हैं...
1. Aditya-L1 का शुरुआती सफर पृथ्वी की निचली कक्षा तक होगा, जहां उसे स्थापित किया जाना है.
2. इसके बाद, कक्षा को और अधिक इलिप्टिकल बनाने के बाद Aditya-L1 को लैग्रेंज बिंदु L1 की ओर प्रक्षेपित किया जाएगा.
3. इस दौरान Aditya-L1, L1 की ओर यात्रा करते हुए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल जाएगा.
4. फिर ‘क्रूज स्टेप’ की शुरुआत होगी, जिसका अंत L1 पर जाकर होगा.
Source : News Nation Bureau