G20 की अध्यक्षता भारत को मिलना कितना अहम? ये खास बातें जानते हैं आप?
India assumes G20 Presidency: भारत इस साल 1 दिसंबर से जी20 का अध्यक्ष बन रहा है. एक साल तक भारत जी20 के अध्यक्ष की हैसियत से दुनिया के बड़े हिस्से के आर्थिक हितों की रक्षा करेगा, साथ ही दुनिया भर के देशों के बीच सहयोग बढ़ाएगा. किसी देश...
highlights
- भारत को जी20 मिलना बड़ा मौका
- साल भर 200 से ज्यादा बैठके भारत में होंगी
- दुनिया की समस्याओं को सुलझाने का केंद्र रहेगा भारत
नई दिल्ली:
India assumes G20 Presidency: भारत इस साल 1 दिसंबर से जी20 का अध्यक्ष बन रहा है. एक साल तक भारत जी20 के अध्यक्ष की हैसियत से दुनिया के बड़े हिस्से के आर्थिक हितों की रक्षा करेगा, साथ ही दुनिया भर के देशों के बीच सहयोग बढ़ाएगा. किसी देश को किसी बड़े संगठन की अध्यक्षता मिलना अपने आप में खास है. ऐसे में अब भारत देश पूरे साल दुनिया भर की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बना रहेगा. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता सौंप दी है. जी20 देशों के अंतर्गत दुनिया की 80 फीसदी जीडीपी, 75 फीसदी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और दुनिया की 60 फीसदी आबादी आती है.
1 दिसंबर से भारत की अध्यक्षता अवधि होगी शुरू
भारत को इंडोनेशिया के बाली में आयोजित दो दिवसीय जी20 समिट के आखिरी दिन जी20 की कमान सौंप दी गई. ये महीना खत्म होने के बाद भारत का असली इम्तिहान शुरू होगा. अगले एक साल तक भारत देश जी20 से जुड़ी 200 बैठकों की मेजबानी करेगा. जिसमें दुनिया के तमाम विशेषज्ञ और दिग्गज शामिल होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी20 को डिसीजन मेकिंग, एक्शन ओरिएंटेड होना होगा. उन्होंने कहा कि जी20 की मेजबानी मिलना भारत के हर नागरिक के लिए गर्व का क्षण है. हमारे देश के कई शहर जी20 से जुड़ी बैठकों की मेजबानी करने के लिए तैयार हैं. बता दें कि जी20 की 18वीं राष्ट्रप्रमुखों की बैठक 9-10 सितंबर 2023 को राजधानी दिल्ली में होगी.
जी20 की अध्यक्षता मिलना भारत के लिए अहम क्यों?
- भारत अब अगले एक साल के लिए जी20 में एजेंडा तय करेगा.
- यूं तो जी20 के अध्यक्ष देश के पास खास पॉवर नहीं होती. लेकिन मेजबान होने के नाते उसका हर फैसले में दखल होता है. और वो बड़ी समस्याओं को सुलझाने का केंद्र होता है.
- भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्ष वी शृंगला जी20 कोर्डिनेटर चीफ होंगे. जो जी20 से जुड़ी तमाम पॉलिसीज को अंतिम रूप देंगे.
- जी20 दो ट्रैक पर चलती है. एक को फाइनेंस ट्रैक कहते हैं, तो दूसरे को शेरपा ट्रैक. पहले की अगुवाई वित्तमंत्री और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर करते हैं. तो दूसरे में राष्ट्रप्रमुख हिस्सा लेते हैं. इन दोनों ही ट्रैक्स में दुनिया की 80 फीसदी व्यापारिक समस्याओं को सुलझाने पर चर्चा होती है. इसके अलावा 10 अलग-अलग इंगेजमेंट ग्रुप भी होते हैं. तो क्षेत्रीय समस्याओं को सुलझाने में मदद करते हैं. इसमें थिंक टैंक, युवा मामले, व्यापार और रिसर्च जैसे मुद्दे शामिल होते हैं.
- भारत की ओर से जी20 के शेरपा आईएएस अधिकारी अमिताभ कांत होंगे. जिन्होंने 6 साल तक नीति आयोग की अगुवाई की है.
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