Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे मंगलवार को आ चुके हैं. किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. लोकसभा में 543 सीटें हैं. सरकार बनाने के लिए 272 का जादुई आंकड़ा जरूरी है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे बड़ा दल बनकर उभरा है. उसने अकेले 240 सीटों पर जीत दर्ज की है. हालांकि उसकी अगुवाई वाले गठबंधन एनडीए ने 292 सीटों पर जीत दर्ज की है, यानी उसके खाते में बहुमत से 20 सीट ज्यादा हैं.
उधर कांग्रेस ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की है. उसके नेतृत्व वाले इंडिया अलायंस को 234 सीटें मिली हैं. मतलब ये हुआ कि जादुई आंकड़ें से 38 सीट उसके पास काम हैं. वहीं 17 सीटें अन्य दलों के खातों में आईं हैं. अब सरकार बनाने को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है. ऐसे में इंडिया अलांयस के पास एक ही रास्ता बचा है, जिससे उसकी सरकार बन सकती है, लेकिन उसके लिए राहुल गांधी को बस ये काम करना होगा.
भले ही बहुमत के आकड़ों में एनडीए का पलड़ा भारी है, लेकिन कहा जाता है कि सियासत में कुछ भी हो सकता है. अगर एनडीए के घटक दलों की बात करें तो बीजेपी के बाद चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उसके खाते में 16 सीटें आई हैं. वहीं तीसरे नंबर पर नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) है, जिसे चुनाव में 12 हासिल की हैं.
अगर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार की सियासत को देखें तो दोनों ही गच्चा देने में माहिर हैं. जहां इनके मुताबिक स्थिति दिखती है ये दोनों नेता उसी ओर झुक जाते हैं. ऐसे में अगर ये दोनों ही एनडीए का साथ छोड़े दें और INDIA अलायंस के साथ आ जाएं तो कहीं उसके पक्ष में बात बन सकती है. हालांकि इंडिया ब्लॉक को अभी कुछ सीटें अन्य दलों की चाहिए होंगी. आइए इस स्थिति के सियासी गणित समझने की कोशिश करते हैं--
INDIA (234 सीटें) + TDP (16 सीटें) + JDU (12 सीटें) + Others (10 सीटें) = 272 (जादुई आंकड़ा)
क्या ऐसा होने पर बिगड़ेगा NDA का खेल?
NDA (292) - TDP (16 सीटें) - JDU (12 सीटें) = 264 (बहुमत से 8 कम)
हां, अगर चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़ दें तो उसका खेल यकीन बिगड़ जाएगा, क्योंकि तब उसे स्पष्ट बहुमत के लिए 8 सीटें चाहिए होंगी. अगर अन्य की बची हुईं 7 सीटें भी उसे मिल जाती हैं, तो भी वह सत्ता से दूर रह जाएगी. ऐसे में अगर ऐसा हुआ तो मोदी सरकार का तीसरी बार बन पाना नामुमकिन हो जाएगा. ऐसे में कहा जा सकता है कि चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार दोनों ही किंग मेकर की भूमिका में हैं. ऐसे में राहुल गांधी को नायडू, नीतीश और अन्य दलों के 10 सासंदों को अपने साथ लाना होगा.
अभी क्या बन रहे समीकरण?
चंद्रबाबू नायडू ने अपनी स्थिति तो क्लेयर कर दी है. उन्होंने कह दिया है कि वे एनडीए का साथ नहीं छोड़ेंगे. वहीं नीतीश ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वे राजनीति के माहिर खिलाड़ी हैं. नीतीश अभी वेट एंड वॉच की सिचुएशन में हैं.
हालांकि नीतीश सुबह एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके हैं. उनके साथ एक ही प्लेन में INDIA अलायंस के साथ राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के तेजस्वी यादव भी थे. उनके इस साथ ने कई सियासी अटकलों को जन्म दिया. ये महज के संयोग था या फिर नीतीश का कोई सियासी दांव. फिलहाल इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है.
Source :News Nation Bureau