Himachal में कांग्रेस से महज 37,974 वोट कम पाकर बीजेपी 'रिवाज' बदलने से गई चूक, जानें वोटों का खेल
2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 48.79 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 44 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं. दोनों दलों के वोट शेयर में 7.11 प्रतिशत का अंतर था.
highlights
- 40 विधायक लाने वाली कांग्रेस को हिमाचल चुनाव में कुल 18,52,504 वोट मिले
- 18,14,530 वोटों के बल पर भगवा पार्टी 25 उम्मीदवारों को विधायक बना सकी
- इस चुनाव में वोट शेयर का अंतर 1951 के बाद सबसे निचले स्तर 0.9 प्रतिशत रहा
नई दिल्ली:
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में कांग्रेस ने महज 37,974 वोट ज्यादा पाकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को न सिर्फ सत्ता से बेदखल किया, बल्कि उसके 'रिवाज' बदलने के सपने पर भी पानी फेर दिया. कांग्रेस (Congress) ने 43.9 फीसदी वोट शेयर हासिल कर 40 सीटें जीतीं, जबकि बीजेपी 43 फीसदी वोट शेयर के बल पर 25 सीटें जीतने में कामयाब रही. कांग्रेस और बीजेपी के वोट शेयर (Vote Share) का अंतर केवल 0.9 प्रतिशत रहा, जो 1951 के बाद सबसे कम है. यही नहीं, 40 विधायक लाने वाली कांग्रेस को कुल 18,52,504 वोट मिले, जबकि 18,14,530 वोटों के बल पर केसरिया पार्टी अपने 25 उम्मीदवारों को ही विधायक बना सकी. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनावों (Assembly Elections) में भाजपा ने 48.79 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 44 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं. दोनों दलों के वोट शेयर में 7.11 प्रतिशत का अंतर था.
8 सीटों पर जीत का फैसला हजार, तो 7 पर हार-जीत का अंतर दो हजार के भीतर रहा
2022 के परिणामों के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि 40 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की औसत जीत का अंतर (5,784 वोट) 25 सीटों पर भाजपा की जीत के अंतर (7,427 वोट) से कम था. हिमाचल प्रदेश विधानसभा की सभी 68 सीटों पर जीत का औसत अंतर 6,575 मत रहा है. राज्य भर में सबसे बड़ा जीत का अंतर सिराज निर्वाचन क्षेत्र में आया, जहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कांग्रेस के चेत राम को 38,183 मतों के अंतर से हराया. सबसे कम जीत का अंतर भोरंज में रहा, जहां कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश कुमार ने भाजपा के डॉ अनिल धीमान को सिर्फ 60 मतों से हराया. आठ विधानसभा सीटों का फैसला 1,000 वोटों से कम के अंतर से हुआ था. इनमें भी पांच सीटों भोरंज (60), शिलाई (382), सुजानपुर (399), रामपुर (567) और श्री रेणुकाजी (860) के अंतर से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. हालांकि बीजेपी ने श्री नैना देवीजी (171), बिलासपुर (276) और दरंग (618) के रूप में तीन सीटें जीतीं. 68 सीटों में से सात सीटों का फैसला 1,000-2,000 वोटों के अंतर से हुआ. इन सीटों में से कांग्रेस ने तीन (भटियात, लाहौल-स्पीति और नाहन) जीतीं, जबकि बीजेपी ने चार (बल्ह, ऊना, जसवां-परागपुर और सरकाघाट) जीतीं. केवल 13 सीटों का फैसला 10,000 से अधिक मतों के अंतर से हुआ था.
यह भी पढ़ेंः Himachal के नए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने छात्र राजनीति से की शुरुआत, वीरभद्र फैमिली से गहरे मतभेद
कांग्रेस और बीजेपी के वोट शेयर में महज 0.9 प्रतिशत का रहा अंतर
2022 के चुनावों में विजयी और उपविजेता राजनीतिक दलों के वोट शेयर में अंतर 1951 के बाद से सबसे निचले स्तर 0.9 प्रतिशत रहा है. राज्य में अब तक 1951 से 2022 तक 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं और इस दौरान 1972 के विधानसभा चुनावों में विजेता और दूसरे नंबर पर आई पार्टी के बीच अधिकतम अंतर 45.49 प्रतिशत रहा था. 1972 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 53.24 प्रतिशत वोट हासिल किए थे, जबकि उसके प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनसंघ को केवल 7.75 प्रतिशत वोट मिले. शेष 39 फीसदी वोट अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को मिले. हिमाचल प्रदेश में एक राजनीतिक दल द्वारा प्राप्त उच्चतम वोट शेयर 1985 में था, जब कांग्रेस को 55.46 प्रतिशत वोट मिले थे.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Pramanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Shri Premanand ji Maharaj: मृत्यु से ठीक पहले इंसान के साथ क्या होता है? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
May 2024 Vrat Tyohar List: मई में कब है अक्षय तृतीया और एकादशी? यहां देखें सभी व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट