Corona से निपटने के लिए चीन से सबक लेकर मोदी सरकार उठा रही ये कदम... जानें

विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के लिहाज से फिलहाल भारत की स्थिति चीन से बहुत अलग है. यहां के अधिसंख्य लोगों में पहले हुए कोरोना संक्रमण की वजह से प्राकृतिक प्रतिरक्षा शक्ति विकसित हो गई है. इसके अलावा अधिसंख्य का कोविड-19 टीकाकरण भी हो चुका है.

विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के लिहाज से फिलहाल भारत की स्थिति चीन से बहुत अलग है. यहां के अधिसंख्य लोगों में पहले हुए कोरोना संक्रमण की वजह से प्राकृतिक प्रतिरक्षा शक्ति विकसित हो गई है. इसके अलावा अधिसंख्य का कोविड-19 टीकाकरण भी हो चुका है.

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Nihar Saxena
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कोरोना संक्रमण के लिहाज से भारत चीन से फिर ले रहा है सबक.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

शनिवार को केंद्र सरकार की ओर से 27 दिसंबर को होने वाले कोविड रिस्पांस मॉक ड्रिल (Mock Drill) के लिए राज्यों को व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को ऑक्सीजन संयंत्रों, वेंटिलेटर, रसद और मानव संसाधनों पर विशेष ध्यान देने के साथ बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं. इसके पहले चीन में कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण का संकट गहराता देख केंद्र ने भी कुछ देशों से भारत आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट (RT-PCR Test) अनिवार्य कर दिया है. केंद्र सरकार ने यह कदम सार्वजनिक स्थानों पर फेस मास्क पहनने और कोविड वैक्सीन (Corona Vaccine) की बूस्टर खुराक लेने से जुड़े आग्रह के कुछ दिनों बाद उठाया है. हालांकि केंद्र (Modi Government) ने अभी इन देशों से आने-जाने वाली फ्लाइट्स को लेकर कोई बदलाव नहीं किया है. ऐसे में यह जानना बेहतर रहेगा कि केंद्र कोविड (Corona Virus) के संभावित खतरे को लेकर और क्या-क्या कदम उठा रही है.

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कुछ देशों के विमान यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और थाईलैंड से भारत आने वाले यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य की जाएगी. इन देशों से आने वाले यात्रियों को एयरपोर्ट पर ही थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा. इस स्क्रीनिंग के बाद कोरोना पॉजिटिव पाए जाने वाले या बुखार से पीड़ित यात्रियों को क्वारंटीन किया जाएगा. मंडाविया ने गांधीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि इन देशों के यात्रियों को अपनी स्वास्थ्य स्थिति घोषित करने के लिए 'एयर सुविधा' फॉर्म भी भरना होगा. गौरतलब है कि यह पोर्टल अगस्त 2020 में लांच किया गया था. इसके जरिये अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को भारत आने पर अपनी यात्राओं और कोविड टीकाकरण या परीक्षण की स्थिति का विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य था. भारत आने से पहले इसके जरिये भारतीय अधिकारियों को यह भी पता लग जाता था कि संबंधित यात्री कहीं कोरोना संक्रमण के लिहाज से उच्च जोखिम वाले क्षेत्र से तो नहीं आ रहा है. हालांकि इसे भरने की अनिर्वायता नवंबर में खत्म कर दी गई थी. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, 'कल एक कोविड-19 परामर्श जारी किया गया था. अखबारों में विज्ञापन के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है. संसद में मैंने एक बयान दिया, जिसमें मैंने लोगों से अनिवार्य रूप से मास्क का उपयोग करने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया ताकि भविष्य में भारत को वायरस के नए बीएफ.7 सब-वैरिएंट के संक्रमण से बचाया जा सके.' इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्रालय ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से शनिवार से प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय उड़ान में आने वाले यात्रियों में से दो प्रतिशत का हवाई अड्डों पर औचक परीक्षण सुनिश्चित करने के लिए कहा है. मकसद यही है कि कोरोना संक्रमण फैलाने वाले किसी भी नए सब-वैरिएंट से देश में संक्रमण फैलने के जोखिम को कम किया जा सके.

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केंद्र ने राज्यों से ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा
कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के कुछ हिस्सों में सामने आए ऑक्सीजन संकट के मद्देनजर भी केंद्र ने ऐहतियातन कदम उठाने को कहा है. इसके तहत शनिवार को ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अस्पतालों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन, सिलेंडरों की पर्याप्त सूची और वेंटिलेटर जैसे जीवन रक्षक उपकरण की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रेशर स्विंग एडजॉर्शन (पीएसए) ऑक्सीजन पैदा करने वाले संयंत्रों को पूरी तरह चालू रखा जाए और उन पर नियमित मॉक ड्रिल की जाए. सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण मामलों की संख्या कम होने के बावजूद किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इन चिकित्सा बुनियादी ढांचे का संचालन और रखरखाव बेहद जरूरी है. पत्र में लिखा गया है, 'स्वास्थ्य सुविधाओं में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता और उनकी रिफिलिंग के लिए निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित की जानी चाहिए. बैकअप स्टॉक और मजबूत रीफिलिंग सिस्टम के साथ ऑक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त सूची को बनाए रखना चाहिए.' पत्र में यह भी कहा गया है कि ऑक्सीजन से संबंधित मुद्दों और चुनौतियों के त्वरित समाधान के लिए ऑक्सीजन कंट्रोल रूम को फिर से सक्रिय किया जाना चाहिए.

नए वेरिएंट की जांच के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग जरूरी
सप्ताह की शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संभावित नए वेरिएंट की जांच के लिए सभी सकारात्मक कोविड नमूनों को दैनिक आधार पर सीक्वेंसिंग करने का भी निर्देश दिया था. एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, 'जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कोरिया, ब्राजील और चीन में अचानक मामलों में तेजी को देखते हुए SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) नेटवर्क के माध्यम से पॉजिटिव मामलों की जीनोम सीक्वेंसिंग भी तैयार की जाए. इस तरह की कवायद से देश में आने वाले नए वैरिएंट का समय पर पता लगाया जा सकेगा. इस तरह समय रहते ही आवश्यक स्वास्थ्य उपाय अपनाने में भी मदद मिलेगी.'

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चीन में कोविड संक्रमण की स्थिति
समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से कुछ शहरों के अस्पतालों और मुर्दाघरों पर दबाव बढ़ गया है. हालांकि 7 दिसंबर से सख्त जीरो कोविड पॉलिसी में छुट के बाद से चीनी सरकार ने अब तक सिर्फ 7 मौतों की आधिकारिक पुष्टि की है. ऐसे में माना जा रहा है कि कोरोना मौतों की वास्तविक संख्या कहीं ज्यादा है. गौरतलब है कि चीन ने कोरोना संक्रमण प्रभावित नए लोगों और मौतों के आकलन का पैमाना भी बदल दिया है. एक चीनी स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया है कि चीन अपने आधिकारिक COVID-19 मौत के आंकड़ों में केवल निमोनिया या रेस्पिरेटरी फैल्योर से होने वाली मौतों की गिनती ही करता है. हालांकि विशेषज्ञों ने अगले साल चीन में 10 से 20 लाख कोरोना मौतों का अनुमान लगाया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी चेताया है कि बीजिंग की गिनती के नए तरीके से वास्तविक मौतों का आंकड़ा कहीं दब कर रह जाएगा. विशेषज्ञों ने बताया है कि भारत में स्थिति चीन से से बिल्कुल अलग है. इसकी वजह यह है कि अधिकांश भारतीयों में पहले हुए कोरोना संक्रमण की वजह से प्राकृतिक प्रतिरक्षा शक्ति विकसित हो गई है. इसके अलावा अधिकांश का टीकाकरण भी हो चुका है. 

HIGHLIGHTS

  • अगले साल चीन में 10 से 20 लाख कोरोना मौतों का अनुमान
  • कुछ देशों के विमान यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट जरूरी
  • नए वेरिएंट की जांच के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग करानी ही होगी
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