/newsnation/media/media_files/2025/01/28/8Dzy3uhoiqBD3YDfTNc1.png)
Lok Sabha (ANI)
New Bill: संसद के मानसून सत्र में बुधवार को एक अहम बिल पेश होने वाला है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाहलोकसभा में तीन अहम बिल पेश करने वाले हैं. इन तीन में से एक विधेयक पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. ये बिल बहुत ही खास होने वाला है और हो भी क्यों न. दरअसल, बिल में प्रावधान है कि अगर कोई भी मंत्री, मुख्यमंत्री या फिर प्रधानमंत्री किसी अपराध में गिरफ्तार हुआ और लगातार तीस दिनों तक हिरासत में रहता है तो उसे पद से हटना पड़ेगा. खास बात है कि कानून सिर्फ राज्यों में ही नहीं बल्कि केंद्र शासित प्रदेश, केंद्रीय मंत्री और यहां तक की प्रधानमंत्री पर भी लागू होगा.
बुधवार को सरकार लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक पेश करने वाली है. लोकसभा में प्रस्तुत करने के बाद बिलों को JPC के पास भेजा जाएगा.
New Bill: पीएम, सीएम, मंत्री… सब पर लागू कानून
संविधान संशोधन विधेयक में धारा 75 में नया क्लॉज 5(ए) जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है. नए अपडेट के अनुसार, अगर कोई मंत्री 30 दिनों तक लगातार गिरफ्तार रहकर हिरासत में रहता है और उसके ऊपर ऐसा आरोप है, जिसमें पांच साल या फिर उससे अधिक वक्त तक की सजा हो सकती है तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सलाह पर उसे 31वें दिन पद से हटा सकते हैं. अगर प्रधानमंत्री 31 वें दिन तक सलाह नहीं देते हैं तो मंत्री अपने आप पद मुक्त हो जाएगा.
New Bill: प्रधानमंत्री को भी देना होगा इस्तीफा
वहीं अगर देश के प्रधानमंत्री 30 दिन हिरासत में रहते हैं को 31वें दिन उन्हें खुद इस्तीफा देना होगा. अगर वे इस्तीफा नहीं देते हैं तो वे अपने आप प्रधानमंत्री पद से मुक्त हो जाएंगे. हालांकि, रिहाई के बाद दोबारा वे अपना पद ग्रहण कर सकते हैं. यही नियम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर भी लागू होगा.
New Bill: क्यों लाया गया यह बिल?
बिल के पीछे का कारण सरकार द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है. सरकार की मानें तो संविधान में ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है, जिससे किसी प्रधानमंत्री या फिर मंत्री को गंभीर आरोपों के वजह से हटाया जा सके. जनता द्वारा चुने गए नेता लोगों की आशा और भरोसे के प्रतीक हैं. इसलिए उनका आचरण या फिर उनका चरित्र किसी भी संदेह परे होना चाहिए. सरकार का कहना है कि अगर कोई मंत्री गंभीर अपराधों में जेल में बंद है तो सुशासन, संवैधानिक नैतिकता और जनता के विश्वास को ठेस लगती है.
New Bill: अभिषेक मनु सिंघवी ने उठाए सवाल
विपक्ष ने सरकार के इस बिल पर कड़ी आपत्ति जताई है. कांग्रेस के सांसद अभिषेक मनु सिंघवी का कहना है कि विपक्ष को अस्थिर करने की साजिश है. ऐसे कानून से किसी भी विपक्षी मुख्यमंत्री को सिर्फ गिरफ्तारी के जरिये पद से हटाया जा सकता है. जबकि सत्ता पक्ष के नेताओं को छुआ भी नहीं जाएगा.