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Air Pollution : दिल्ली में पराली से नहीं वाहनों के उत्सर्जन से बढ़ रहा प्रदूषण

सीएसई के 21 से 26 अक्टूबर के आंकड़ों के विश्लेषण में पाया गया कि प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों में, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन ने दिल्ली में PM2.5 के स्तर में लगभग 51 प्रतिशत का योगदान है.

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Pradeep Singh
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Air Pollution

वायु प्रदूषण( Photo Credit : News Nation)

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सर्दियों के मौसम आने के साथ ही दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने लगती है. अधिकांश लोग इसका कारण हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने से उत्पन्न धुआं को मानते है. दूसरा कारण एनसीआर में लगातार हो रहे निर्णाण कार्यों से उत्पन्न धूल बताया जाता है, और तीसरा कारण वाहनों और कल-कारखानों का उत्सर्जन माना जाता है. पर्यावरण पर काम करने वाली प्रसिद्ध संस्ता 'सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट' (सीएसई), ने एक सप्ताह यानि 21 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक दिल्ली की हवा किस वजह से प्रदूषित रही, पर रिसर्च किया. जिस सप्ताह शहर ने सीजन का पहला 'बेहद खराब' वायु दिवस दर्ज किया? सीएसई के रिसर्च में खुलासा हुआ है कि  दिल्ली शहर में उक्त सप्ताह में अधिकांश वायु प्रदूषण वाहनों के उत्सर्जन के कारण हुआ.

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सीएसई के निष्कर्ष क्या थे?

सीएसई के 21 से 26 अक्टूबर के आंकड़ों के विश्लेषण में पाया गया कि प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों में, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन ने दिल्ली में PM2.5 के स्तर में लगभग 51 प्रतिशत का योगदान है. स्थानीय स्रोत शहर के भीतर के स्रोतों का उल्लेख करते हैं. इनमें से, स्थानीय स्रोत, अगला सबसे बड़ा योगदान आवासीय स्रोतों से 13 प्रतिशत और उद्योगों से 11 प्रतिशत का था. निर्माण गतिविधियों ने पीएम 2.5 में लगभग 7 प्रतिशत का योगदान दिया, इसके बाद कचरे को जलाने और ऊर्जा क्षेत्र से प्रत्येक में 5 प्रतिशत का योगदान दिया.पीएम 2.5 के स्तर पर सड़क की धूल का योगदान करीब 4 फीसदी रहा.

विश्लेषण में यह भी पाया गया कि दिल्ली के स्थानीय स्रोतों से शहर में लगभग 32.9 प्रतिशत प्रदूषण होता है.शेष हिस्सा एनसीआर जिलों (32.8 फीसदी), अन्य जिलों (25.8 फीसदी) और पड़ोसी राज्यों में बायोमास जलने (9.5 फीसदी) से आया है. विश्लेषण ने सप्ताह में शहर में 15 मुख्य सड़कों पर प्रति घंटा यातायात गति को देखने के लिए Google मानचित्र के डेटा का भी उपयोग किया. इन सभी सड़कों पर 27 किमी प्रति घंटे से 32 किमी प्रति घंटे की औसत गति के साथ "उच्च स्तर की भीड़" नोट की गई थी, गति को भीड़ के संकेतक के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था. 21 और 22 अक्टूबर को ट्रैफिक बिल्ड-अप सबसे अधिक पाया गया.

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शहर में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के स्तर में योगदान देने वाले वाहनों के साथ, प्रति घंटा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर भी उस समय चरम पर पाया गया जब सड़कों पर भीड़भाड़ अधिकतम थी.विश्लेषण में कहा गया है: "शाम के दौरान प्रति घंटा NO2 का स्तर 73 माइक्रोग्राम / मी³ से 86 माइक्रोग्राम / मी³ के बीच उच्च हो सकता है.यह वह समय है जब भीड़भाड़ भी अधिक होती है।"

विश्लेषण ने किस डेटा का उपयोग किया?

विश्लेषण में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) द्वारा विकसित निर्णय समर्थन प्रणाली (DSS) के डेटा का उपयोग किया गया. DSS दिल्ली में PM2.5 के स्रोतों की प्रति घंटा जानकारी प्रदान करता है - उत्सर्जन में विभिन्न क्षेत्रों का योगदान, और दिल्ली और आस-पड़ोस के 19 जिलों से उत्सर्जन का योगदान.

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IITM द्वारा विकसित मॉडल 2018 में द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) द्वारा तैयार की गई एक उत्सर्जन सूची का उपयोग करता है, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निगरानी स्टेशनों के डेटा और पांच दिनों के लिए उत्सर्जन स्रोतों पर पूर्वानुमान उत्पन्न करने के लिए NASA उपग्रहों के डेटा का उपयोग करता है.

विश्लेषण क्या सुझाव देता है?

वायु गुणवत्ता के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है कि दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन में बदलाव की जरूरत है. बस सेवाओं में सुधार और परिवहन के अन्य साधनों के साथ मेट्रो स्टेशनों के एकीकरण के अलावा, पड़ोस को जोड़ने के लिए पैदल चलने और साइकिल चलाने के बुनियादी ढांचे का एक व्यापक नेटवर्क बनाना चाहिए. 

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विश्लेषण में कहा गया है, "दिल्ली को यातायात की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए भीड़भाड़ और प्रदूषण मूल्य निर्धारण और अन्य संयम उपायों की आवश्यकता है." नए वाहन बेड़े के विद्युतीकरण के लिए निर्धारित लक्ष्यों को तेज किया जाना चाहिए और उन्हें पूरा किया जाना चाहिए.

HIGHLIGHTS

  • सीएसई ने आंकड़ों के विश्लेषण में पाया गया कि प्रदूषण के स्थानीय स्रोत जिम्मेदार
  • वाहनों से होने वाले उत्सर्जन ने दिल्ली में PM2.5 के स्तर में लगभग 51 प्रतिशत का योगदान 
  • दिल्ली और आस-पड़ोस के 19 जिलों के उत्सर्जन एनसीआर का वायु प्रदूषण बढ़ा
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Source : Pradeep Singh

Delhi Air Pollution Centre for Science and Environment CSE focuses on environment research and advocacy local sources of pollution vehicular emissions residential sources industries
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