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महिला गर्भवती हो और 9 महीने तक पता भी नहीं चले... क्या ऐसा भी संभव है, जानें

अमेरिका के नेब्रास्का में 23 साल की स्कूल टीचर पेटन स्टोवर को नवजात को जन्म देने के महज 48 घंटे पहले खुद के गर्भवती होने का पता चला था. पेटन को चक्कर से आ रहे थे और उन्हें लगा कि काम से जुड़ी थकान से ऐसा हो रहा है.

Updated on: 21 Oct 2022, 07:45 PM

highlights

  • कई मामलों में महिला को लेबर पेन उठने या नवजात को जन्म देते वक्त गर्भवती होने का पता चलता है
  • मेडिकल की भाषा में इसे क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी कहते हैं, जो हर 475 में से एक महिला को होने का अंदेशा है
  • गुप्त गर्भावस्था के दौरान महिला को वह चिकित्सकीय देखभाल नहीं मिल पाती, जिसकी जरूरत होती है

नई दिल्ली:

टीएलसी और डिस्कवरी लाइफ पर 2009 में प्रदर्शित टेलीविजन सीरीज 'आई डिड नॉट नो आई वाज प्रेग्नेंट' में ऐसी महिलाओं की कहानियां थी, जिन्होंने चिकित्सकीय रूप से गुप्त गर्भधारण का अनुभव किया था. यानी उन्हें अहसास तक नहीं हुआ कि वे गर्भवती (Pregnant) थी. इसका पता उन्हें लेबर पेन उठने के बाद या किन्हीं-किन्हीं मामलों में नवजात को जन्म देने के बाद ही लगा. मेडिकल शब्दावली में इसे क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी (Cryptic Pregnancies) कहा जाता है. क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के कई कारण होते हैं. संबंधित महिला का पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रस्‍त होना, जबर्दस्त तनाव (Stress), प्री मेनोपॉज होना, शराब या धूम्रपान का काफी सेवन, हॉर्मोन में गड़बड़ी, हाल ही बच्‍चे को जन्‍म देना, वर्तमान में बच्‍चे को ब्रेस्‍डफीड कराना और अंडरवेट होना जैसा कोई भी कारण हो सकता है. 

आपकी सोच से कहीं ज्यादा सामान्य है क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी
अमेरिका के नेब्रास्का में 23 साल की स्कूल टीचर पेटन स्टोवर को नवजात को जन्म देने के महज 48 घंटे पहले खुद के गर्भवती होने का पता चला था. पेटन को चक्कर से आ रहे थे और उन्हें लगा कि काम से जुड़ी थकान से ऐसा हो रहा है. फिर जब उनके पैरों में सूजन आई, तब उन्होंने डॉक्टर को दिखाने का निर्णय किया. डॉक्टर ने जांच कर बताया कि वह गर्भवती हैं और एक-दो दिन में बच्चे का जन्म हो जाएगा. चूंकि पेटन की प्रेग्नेंसी क्रिप्टिक थी, तो उसके साथ कई मेडिकल से जुड़ी समस्याएं भी थीं. पेटन की किडनी और लिवर ने सही तरीके से काम करना बंद कर दिया था. ऐसे में डॉक्टरों को तुरंत ही कई कदम उठाने पड़े. जल्द ही पेटन ने एक लड़के को जन्म दिया, जो 10 हफ्ते पहले पैदा हुआ था और जन्म के समय उसका वजन 1.81 किलो था. एक दूसरे मामले में 22 वर्षीय क्लारा डॉलन ने द गार्डियन अखबार को बताया कि एक दिन जब वह सुबह सो कर उठीं, तो उनके पेट में जर्बदस्त दर्द हो रहा था. उन्होंने उसे पीरियड्स से जुड़ी एक समस्या माना. अपनी मां की सलाह पर क्लारा ने पेरासिटामोल खा ली और काम पर चली गईं. ऑफिस में तबियत खराब होने पर वह वापस घर चली आईं और कुछ घंटों बाद क्लारा ने अपने ही फ्लैट के बाथरूम में बच्चे को जन्म दिया. नवजीत बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ थी. इनके अलावा और भी ऐसी महिलाएं हैं, जो ऐसी ही गुप्त गर्भावस्था के दौर से गुजरी हैं या दूसरे शब्दों में कहें तो उन्हें गर्भवती होने का अनुभव ही नहीं हुआ. 

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क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी में होता क्या है
हालांकि यह अजीब और अविश्वसनीय लगता है, लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में ऐसा संभव है कि महिला को खुद के गर्भवती होने का पता महीनों तक नहीं चले. मेडिकल की शब्दावली में इसे क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी कहा जाता है. ऐसे मामलों में गर्भवती महिला को हो सकता है कि छह महीने बाद या लेबर पेन उठने पर ही पता चलता है कि वह बच्चे को जन्म देने जा रही है. 2011 में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि 475 महिलाओं में से एक महिला को अपने गर्भवती होने का अहसास तक नहीं था.  

कोई संकेत नहीं या संकेतों की गलत व्याख्या 
गुप्त गर्भधारण या क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के कई कारण हो सकते हैं. कुछ महिलाओं को गर्भवती होने के परंपरागत संकेतों का भी अनुभव नहीं होता. मसलन जी मितलाना, पीरियड्स नहीं आना या पेट की सूजन. दूसरी तरफ कुछ महिलाओं को ऐसा अनुभव होता तो है, लेकिन वह इन संकेतों को किसी और मेडिकल स्थिति से जोड़ कर देखती हैं. उदाहरण के लिए पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रस्त महिला पीरियड्स के न होने को गर्भवती होने से जोड़ कर नहीं देखती है. दूसरे संकेत मसलन सुबह सो कर उठने पर बीमार सा अनुभव होने को वह पेट की खराबी से जोड़ कर लेती है. घर पर प्रेग्नेंसी टेस्ट के कई बार निगेटिव रिजल्ट हाथ आते हैं. इसके लिए भी कई कारण जिम्मेदार होते हैं. मसलन प्रेग्नेंसी टेस्ट जल्दी-जल्दी करना या पेशाब का पतला होना आदि-आदि. 

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क्या बेबी बंप भी नहीं दिखता
हम यही मान कर चलते हैं कि गर्भवती महिला का पेट बढ़ा ही हुआ होगा, लेकिन हरेक के साथ ऐसा नहीं होता. कुछ गर्भवती महिलाओं का बेबी बंप इतना छोटा होता है कि उसका पता नहीं चलता. येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में क्लीनिकल प्रोफेसर मैरी जेन मिंकिन के मुताबिक, 'बहुत अधिक वजन वाली या मोटापे का शिकार महिलाओं के लिए जरूरी नहीं कि उन्हें अपने पेट में पल रही नन्ही जान का अहसास भी हो. पेट की अतिरिक्त चर्बी से उन्हें गर्भ में बच्चे के हिलने-डुलने का अनुभव भी नहीं होता.'

ऐसी गर्भावस्था में क्या गर्भ में पल रहा बच्चा हिलता-डुलता नहीं
'डिनायल ऑफ प्रेग्नेंसीः ऑब्सटेट्रिकल ऐसपेक्ट' रिसर्च पेपर के मुताबिक क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें गर्भवती महिला को पेट में भ्रूण के हिलने-डुलने का अहसास तक नहीं हुआ. क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के कुछ अन्य मामलों में गर्भावस्था के शुरुआती हफ्तों में महिला ने भ्रूण के हिलने-डुलने को पेट की गैस समझा. खासकर यदि उन्हें गर्भवती होने का पहले से अनुभव नहीं था.

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क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी के खतरे
गुप्त गर्भावस्था के दौरान महिला को वह चिकित्सकीय देखभाल नहीं मिल पाती, जो एक गर्भवती महिला को इस दौरान चाहिए होती है. ऐसे में क्रिप्टिक प्रेग्नेंसी जज्बा-बच्चा दोनों के स्वास्थ्य के लिए खतरा होती है. गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ रहना और एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देने के लिए गर्भवती महिला को पोषक खान-पान की दरकार होती है. इसके साथ ही अपने क्रिया-कलापों को नए सिरे से ढाल शराब व सिगरेट का सेवन बंद करना होता है. कई तरह की देखभाल गर्भवती महिला के लिए अपनाई जाती हैं. इनके बारे में अज्ञानता से कई बार गर्भपात हो जाता है या  समय से पहले बच्चे के जन्म की आशंका बढ़ जाती है. इसके साथ ही बच्चे को जन्म देने के लिए मानसिक तौर पर तैयार नहीं रहना का भी नकारात्मक प्रभाव नई मां के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.