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COVID-19 से China के श्मशान घाट-अस्पताल भरे, दवाओं की कालाबाजारी

एरिक फेगल-डिंग का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 प्रतिशत से अधिक और समग्र पृथ्वी की 10 प्रतिशत आबादी के कोरोना संक्रमित होने की संभावना है. इसके साथ ही और लाखों लोगों की मृत्यु भी हो सकती है.

Updated on: 22 Dec 2022, 08:13 PM

highlights

एंटी-वायरल दवाओं की कमी से उनकी कालाबाजारी भी शुरू

स्थानीय प्रशासन की लोगों से आगे आ खून दान करने की अपील

कोरोना संक्रमण और मौतों के आंकड़े जुटाने की परिपाटी बदली

नई दिल्ली:

जीरो कोविड पॉलिसी (Zero Covid Policy) के खिलाफ आम लोगों के ऐतिहासिक विरोध-प्रदर्शन के दबाव में आकर चीन की शी जिनपिंग (Xi Jinping) सरकार ने इस महीने की शुरुआत से लगभग तीन साल के कड़े लॉकडाउन, क्वारंटाइन नियमों और व्यापक स्तर पर गहन कोरोना परीक्षण में ढील देनी शुरू कर दी. इसके साथ ही कोरोना संक्रमित (Corona Epidemic) नए लोगों और मौतों के आंकड़ों को जुटाने की परिपाटी भी बदल दी. इसका नतीजा यह निकला कि समग्र चीन कोरोना वायरस या कोविड -19 (COVID-19) मामलों में भारी उछाल दर्ज कर रहा है. महामारी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फेगल-डिंग ने दावा किया कि चीन के अस्पताल पूरी तरह से चरमरा गए हैं. आलम यह आ पहुंचा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) ने जरूरी दवाओं की काला बाजारी समेत खून और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी पर गहरी चिंता जाहिर की है. 

  • एरिक फेगल-डिंग का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन की 60 प्रतिशत से अधिक और समग्र पृथ्वी की 10 प्रतिशत आबादी के कोरोना संक्रमित होने की संभावना है. इसके साथ ही और लाखों लोगों की मृत्यु भी हो सकती है. ब्लूमबर्ग ने एक स्टडी के आधार पर रिपोर्ट दी है कि नए साल में चीन में हर दिन 10 लाख मामले सामने आ सकते हैं. यह आंकड़ा मार्च में 15 लाख दैनिक तक पहुंच सकता है. इसके अलावा कोरोना से हर रोज होने वाली मौतें भी कई हजार पार कर सकती हैं. 
  • हालांकि बुधवार के बाद चीन में गुरुवार को भी आधिकारिक तौर पर एक भी कोरोना मौत नहीं हुई है, लेकिन श्मशान घाट डेड बॉडीज की आमद का दबाव झेल रहे हैं. जिनपिंग सरकार के नए मॉडयूल से कोरोना मौतों और संक्रमित लोगों की सही संख्या का अंदाजा लगाया भर जा सकता है. शवों की लगातार आमद से स्थानीय स्तर पर इससे निपटने का भारी दबाव है. अधिकारी भी मान रहे हैं कि इन मामलों को ट्रैक करना असंभव है.

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  • तीन करोड़ की आबादी वाले शहर चोंगकिंग में अधिकारियों ने इस सप्ताह हल्के कोविड लक्षणों वाले लोगों से काम पर जाने का आग्रह किया है. एएफपी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में स्थानीय श्मशान घाट के एक कर्मचारी का कहना है कि उनके पास शव रखने के लिए जगह नहीं है.
  • चीन ने कोरोना मौतों के आंकड़े जुटाने का तरीका बदल दिया है. इसके तहत अब सांस लेने में विफलता से होने वाली कोविड-19 मौतों को आधिकारिक मौत के आंकड़ों में शामिल किया जाएगा. गौरतलब है कि ओमीक्रॉन के सब-वैरिएंट बीएफ.7 संस्करण ने कहर बरपा रखा है. अभी तक सरकार ने महज पांच कोरोना मौतों को स्वीकार किया है, जिसमें से एक बीएफ.7 सब-वैरिएंट की वजह से मौत हुई.
  • हांगकांग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक श्मशान घाटों पर कतारें और दबाव गवाही दे रहा है कि चीन में कोरोना मौतों के आधिकारिक आंकड़ों को दबाया जा रहा है. लोगों में कोरोना संक्रमण फैलने की रफ्तार कहीं अधिक तेज है. गौरतलब है कि चीन के सरकार प्रायोजित मीडिया ने इसके बाद ही पांच मौतों की बात स्वीकार की है. 

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  • एक अनुमान के मुताबिक बीजिंग की 70 फीसदी से ज्यादा आबादी इस वायरस की चपेट में आ चुकी है. यही नहीं, इसकी वजह से लाखों लोगों ने खुद को अपने-अपने घरों में कैद कर लिया है.
  • अनहुई बायोकेम फार्मास्युटिकल की देश में विकसित कोविड-19 दवा ने क्लीनिकल ट्रायल और प्रोफेशनल रिव्यू के चरण पार कर लिए हैं. अबे उसे नियामक संस्थाओं से इस्तेमाल में लाए जाने की अनुमति का इंतजार है. बाजार में इसके आ जाने से नए सब-वैरिएंट बीएफ.7 से जंग को एक नई धार मिलेगी.
  • इस बीच जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, चीन और अमेरिका में कोरोना मामलों में उछाल के बीच जिनपिंग सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पॉजिटिव नमूनों के पूरे जीनोम सीक्वेंस तैयार करने का आग्रह किया है. इसका मकसद सामने आने वाले नए वैरिएंट और सब-वैरिएंट का समय रहते पता लगा उसकी प्रभावी वैक्सीन तैयार करना है. 
  • अमेरिका ने चिंता व्यक्त की है कि चीन में कोविड-19 के नए सिरे से बढ़ते प्रकोप से वायरस में नए म्यूटेशन हो सकते हैं. चीन के अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने ब्लूमबर्ग न्यूज को दिए एक बयान में कहा कि चीन ने अपनी आबादी और अर्थव्यवस्था पर वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए वैज्ञानिक पद्धति पर केंद्रित सटीक रोकथाम और नियंत्रण उपायों को अपनाया हुआ है.

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  • गौरतलब है कि कड़े क्वारंटाइन और आइसोलेशन प्रोटोकॉल सहित सख्त प्रतिबंधों को हटाने के सरकार के फैसले के बाद कोरोना प्रकोप बढ़ रहा है. अभी तक शी जिनपिंग सरकार की कठोर जीरो कोविड पॉलिसी ने ही 1.4 बिलियन लोगों को कोविड-19 महामारी के सबसे बुरे प्रभाव से काफी हद तक बचाकर रखा था.
  • एक तरफ कोरोना के मामलों में उछाल आ रहा है, तो दूसरी तरफ फाइजर इंक की पैक्सलोविड सरीखी एंटी-वायरल दवा की भारी किल्लत हो गई है. बगैर तैयारी के प्रतिबंधों में ढील देने से कोरोना संक्रमण तो बढ़ ही रहा है, लेकिन एंटी-वायरल दवाओं की कमी से अब उनकी कालाबाजारी भी शुरू हो गई है. एंटी-वायरल दवाओं की कोरोना से संक्रमित उम्रदराज लोगों में मांग ज्यादा रहती है, क्योंकि उनके अस्पताल में भर्ती होने की आशंका बढ़ जाती है. कमी से इन एंटी-वायरल दवाओं की कीमतों में कई गुने की वृद्धि हो गई है. यही नहीं, लोग चीन में प्रतिबंधित जैनरिक दवाओं को ऑनलाइन मंगा रहे हैं, वह भी भारी-भरकम कीमत पर.
  • समग्र चीन से खून की कमी की भी शिकायतें सामने आ रही हैं. ऐसे में स्थानीय प्रशासन आम लोगों से आगे बढ़कर ज्यादा से ज्यादा रक्तदान करने की अपील कर रहा है. ग्वांगझू में अस्पतालों में खून की जरूरत पूरी करने के लिए हर रोज 1200 रक्त दाताओं के सैंपल लिए जा रहे हैं.