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ताइवान पर हमले का जोखिम लेगा या फिर धोखा करेगा चीन? पढ़ें पूरी रिपोर्ट

ताइवान पर चीनी हमला ( China Invade Taiwan) यानी दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका ( War Fear) से इनकार नहीं किया जा सकता है. लंबे समय तक ताइवान को लेकर आक्रामक रूख वाले चीन के सैन्य हमले की आशंका ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है.

Updated on: 04 Aug 2022, 05:35 PM

highlights

  • संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान की सहायता के लिए आने में सक्षम है
  • ताइवान बचाव की रणनीतियों का व्यापक तौर पर निर्माण कर रहा है
  • शी जिनपिंग फिलहाल ताइवान से युद्ध में दिलचस्पी नहीं लेने वाले हैं

नई दिल्ली:

अमेरिका की स्पीकर ( US Speaker) नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद चीन का गुस्सा थमता नहीं दिख रहा है. पेलोसी के अमेरिका वापस जाते ही चीन ने ताइवान को लेकर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. ऐसे में ताइवान पर चीनी हमला ( China Invade Taiwan) यानी दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका ( War Fear) से इनकार नहीं किया जा सकता है. लंबे समय तक ताइवान को लेकर आक्रामक रूख वाले चीन के सैन्य हमले की आशंका ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है. ऐसे में यह सवाल भी उभर कर सामने आ रहा है कि क्या चीन सचमुच ऐसा कर सकता है?

ताइवान ने कहा- चीन दे रहा हमले का स्पष्ट संकेत

अपने करीब छह समुद्री क्षेत्रों में चीन द्वारा सैन्य अभ्यास की घोषणा के बाद ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि बीजिंग क्या संदेश भेजना चाहता है कि वे शांतिपूर्ण साधनों के बजाय बलपूर्वक एक क्रॉस-स्ट्रेट समाधान चाहते हैं. लेकिन क्या चीन सही में ताइवान पर हमला कर सकता है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी उस बिंदु तक उन्नत हो गई है जहां ताइवान पर कब्जा करने के अभियान में तेजी से आगे बढ़ सकता है.

चीन के हमले की आशंका पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट 

दूसरी ओर चीन की सेना पर नजर रखने वाले विशेषज्ञ और अधिकारी इस बात से असहमत हैं कि वे ताइवान पर आक्रमण करने के लिए इतनी तैयार हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि शी जिनपिंग इस तरह से अहम जुआ खेलने में दिलचस्पी नहीं लेंगे. खासकर यूक्रेन में रूस के हमले के बाद दुनिया भर में फैली अशांति के माहौल में वे शायद ही ऐसा कोई कदम उठाएं. 

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के फ्रीमैन स्पोगली इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के एक स्कॉलर ओरियाना ने तर्क दिया है कि अमेरिकी नीति निर्माता बल प्रयोग के लिए चीन की तत्परता को कम आंक सकते हैं. वहीं, स्काईलार मास्ट्रो ने कहा, "जब लोग इस बारे में बात करते हैं कि चीन ऐसा कर सकता है या नहीं, तो वे वास्तव में कुछ अलग बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि परिचालन लागत का स्तर, जहाजों का नुकसान, हताहतों की संख्या चीन को युद्ध के लिए बड़ा भुगतान करना होगा. 

युद्ध हुआ तो सैन्य दखल दे सकता है अमेरिका

मास्ट्रो ने कहा कि अलग-अलग आकलन हैं, लेकिन मायने यह रखता है कि क्या चीन को लगता है कि वे ऐसा कर सकते हैं, न कि हमें लगता है कि वे ऐसा कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि चीन ऐसा कर सकता था. लेकिन अब उसे ये भी देखना होगा कि ताइवान के बचाव को देखते हुए और अगर संयुक्त राज्य अमेरिका ताइवान की सहायता के लिए आने में सक्षम है, तो यह कितना खून की लड़ाई होने वाला है?" अगर चीन ने ताइवान पर आक्रमण करने की कोशिश की तो साल 1979 में कांग्रेस द्वारा पारित कानून अमेरिकी सेना के लिए कदम उठाने का मार्ग प्रशस्त करता है. इसलिए चीन के राष्ट्रपति को वह कदम उठाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सका.

पेंटागन की रिपोर्ट में चीन की ताकत का आकलन

एक महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी समुद्र या हवाई मार्ग से ताइवान में हजारों सैनिकों को भेजने के लिए आवश्यक क्षमताओं में महारत हासिल करने के कितने करीब है. इसके अलावा, द्वीपों पर एक पैर जमाने की स्थापना और बंदरगाहों, रेलवे और संचार केंद्रों के साथ-साथ संभावित विद्रोहियों से भरे शहरों जैसे महत्वपूर्ण स्थलों को जब्त करने के लिए वहां से सैनिकों को बाहर की ओर धकेल सकने की उसकी ताकत कैसी है.

पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना पर पेंटागन की 2021 की वार्षिक रिपोर्ट जिसे व्यापक रूप से एक आधिकारिक मूल्यांकन के रूप में पढ़ा जाता है में बताया गया है कि इसने जहाजों की संख्या में दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना का निर्माण किया है, लेकिन  "ताइवान पर आक्रमण करने का प्रयास संभवतः पीआरसी के सशस्त्र बलों को तनाव देगा और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप आमंत्रित करेगा. ” 

ताइवान पर हमले का जोखिम नहीं उठाएगा चीन

रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही चीनी सेनाओं ने इसे ताइवान पर कब्जा करने के लिए बनाया हो, मगर शहरी युद्ध की कठिनाइयां, "ताइवान पर जमीन, समुद्र और हवाई आक्रमण शी जिनपिंग और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक और सैन्य जोखिम बना देगी. हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि चीन की सेना अपने युद्ध कौशल में सुधार कर रही है, लेकिन ताइवान भी बचाव की रणनीतियों का व्यापक तौर पर निर्माण कर रहा है.

ताइवान पर हमले के लिए चीन की ताकत कम

यू.एस. नेवल वॉर कॉलेज द्वारा हाल ही में जारी किए गए कई अध्ययनों से यह भी संकेत मिलता है कि चीन शायद अभी भी ताइवान के आक्रमण को विश्वसनीय बनाने के लिए आवश्यक कुछ उपकरणों और कौशल से कम है. एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल डेनिस जे ब्लास्को ने एक अध्ययन में लिखा है चीन के उभयचर बल में ताइवान पर बड़े पैमाने पर हमले को अंजाम देने की क्षमता का अभाव है. 

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2027 से ताइवान पर कब्जे की तैयारी में चीन

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की स्थापना की 95वीं वर्षगांठ पर बीते सोमवार को आधिकारिक लिबरेशन आर्मी डेली ने 2027 तक सैन्य आधुनिकीकरण के प्रमुख हिस्सों को प्राप्त करने के शी जिनपिंग के लक्ष्य पर जोर दिया. पिछले साल यूएस इंडो के कमांडर के रूप में सेवानिवृत्त होने के लिए तैयार एडमिरल फिल डेविडसन ने पैसिफिक कमांड में एक सीनेट कमेटी को यह बताकर बहस छेड़ दी कि चीन इससे पहले ताइवान को जब्त करने के लिए आगे बढ़ सकता है.