Congress President: अगला अध्यक्ष मिलेगा परसों, अब तक कौन-कौन बना अध्यक्ष जानें
माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान के 'अनधिकृत रूप से अधिकृत' प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे ही कांग्रेस के नए अध्यक्ष बतौर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के उत्तराधिकारी होंगे.
highlights
- सोनिया गांधी सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रहने वाली नेत्री
- राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव में हार के बाद इस्तीफे से खाली रहा पद
- अब सोमवार को हुए चुनाव के परिणाम 19 अक्टूबर को शाम तक आएंगे
नई दिल्ली:
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए सोमवार को 96 फीसदी मतदान के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) का भाग्य मतपेटी में बंद हो गया. अब 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद सामने आ सकेगा कि दोनों में से किसके सिर कांग्रेस अध्यक्ष (Congress President) का ताज सजेगा. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हुए मतदान में प्रदेश कांग्रेस समिति के 9 हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने वोट डाला. माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान के 'अनधिकृत रूप से अधिकृत' प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे ही कांग्रेस के नए अध्यक्ष बतौर अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के उत्तराधिकारी होंगे. सोमवार को वोट डालने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष के लिए हो रहे चुनाव पर प्रतिक्रिया पूछने पर सोनिया गांधी ने कहा था, 'लंबे समय से इसका इंतजार कर रही थी'. आजादी के बाद से कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर सामान्यतः गांधी परिवार के सदस्य की ही ताजपोशी होती आई है. ऐसे में यह जानना भी अच्छा रहेगा कि आजाद भारत (India) में कब कौन नेता कांग्रेस अध्यक्ष रहा.
1948-49
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के इतिहासकार बतौर भी पहचान रखने वाले बी पट्टाभि सीतारमैय्या को जयपुर के 55वें सत्र में कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया था. सीतारमैय्या ने 1905 में बंगाल के बंटवारे को पुरजोर विरोध किया था. 1938 के अंत में महात्मा गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया था, लेकिन चुनाव में उन्हें हार मिली थी.
1950
1950 में कांग्रेस के नासिक में हुए अधिवेशन में पुरुषोत्तम दास टंडन अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हए. हालांकि जवाहरलाल नेहरू से मतभेदों को कारण बता 1952 के आम चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस कार्य समिति के संविधान और पाटी के संगठनों की सरकारी विभागों से संबंधों को लेकर वह नेहरूजी से असहज थे.
1951-54
आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू 1951 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के दोबारा अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. इसके पहले वह 1929 में कांग्रेस अध्यक्ष रह चुके थे. पंडित नेहरू आजाद भारत में पहली बारअध्यक्ष बने और 1954 तक इस पद पर रहे.
यह भी पढ़ेंः Congress Presidential Election: थरूर के ट्वीट ने बढ़ाई बेचैनी, कहीं ये मतलब तो नहीं
1955-1959
1955 में उच्छंगराय नवलशंकर ढेबर कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए. उन्होंने 1959 तक कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभाई. नवलशंकर ढेबर ने गुजरात की काठियावाड़ रियासत के भारतीय संघ में विलय के क्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. 1948 में उन्हें सौराष्ट्र का मुख्यमंत्री भी नियुक्त किया गया था.
1960-62
आंध्र प्रदेश के गठन के बाद उसके पहले मुख्यमंत्री नीलम संजीव रेड्डी दिसंबर 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए थे.
1964-66
एक समय तमिलनाडु कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष रहे के कामराज ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी तीन साल तक संभाली.
1968 -69
आधुनिक कर्नाटक के संस्थापक एस निजलिंगप्पा ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ऐसे वक्त संभाली, जब लोगों का पार्टी से विश्वास हटने लगा था. हालांकि उनके ही कार्यकाल के दौरान कांग्रेस पार्टी में विभाजन हुआ.
यह भी पढ़ेंः पहले किसानों का हक छीना जाता था और बदले में लाठियां झेलनी पड़ती थीः PM
1969
'दलित वर्ग समेत शोषित-वंचित तबके के प्रवक्ता' कहे जाने वाले बाबू जगजीवन राम को मुंबई में कांग्रेस के 73वें अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया. वह इसके बाद कई दशकों तक पार्टी के सर्वोच्च पद पर आसीन रहने वाले दलित नेता के तौर पर याद किए जाते रहे.
1972
कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में शंकर दयाल शर्मा को दो साल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था. उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस को पुनर्जीवन मिला और वह कुछ हद तक अपनी खोई प्रतिष्ठा हासिल करने में सफल रही. बाद में वे राष्ट्रपति भी बने.
1975
असम के डिब्रुगढ़ में जन्मे देवकांत बरुआ कांग्रेस के अध्यक्ष पद को सुशोभित करने से पहले 1949 में संविधान सभा के सदस्य भी रहे थे. उन्हें आपातकाल के दौरान पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. आज भी उन्हें 'इंदिरा भारत हैं, भारत इंदिरा है' के अतिश्योक्ति भरे जुमले के लिए याद किया जाता है.
1978 और 1983
भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कांग्रेस अध्यक्ष पद पर ताजपोशी दिल्ली अधिवेशन में की गई थी
यह भी पढ़ेंः China ने अंततः माना India को दुश्मन नंबर 1, दिखाई गलवान झड़प की क्लिप
1985
भारत के छठे प्रधानमंत्री राजीव गांधी को 1985 में बांबे अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष चुना गया. इसी साल कांग्रेस पार्टी अपने गठन का शताब्दी वर्ष मना रही थी.
1992-94
आंध्र प्रदेश के नेता पीवी नरसिम्हा राव को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया. वह बतौर गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाने के लिए भी याद किए जाते हैं. उन्होंने वित्त मंत्री बतौर डॉ मनमोहन सिंह के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था में कई सुधार पेश किए. हालांकि उनकी सोनिया गांधी से हद दर्जे की खटपट रही.
1997
सीताराम केसरी को तत्कालीन कलकत्ता में कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई.
1998
कांग्रेस के अध्यक्ष पर सबसे लंबे समय तक आसीन रहने वाली सोनिया गांधी फिलवक्त पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं. इसके अलावा वह सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार की समन्वय समिति की अध्यक्ष भी रहीं.
2018
यूं तो राहुल गांधी 2017 से ही कांग्रेस पार्टी के अगले मोर्चे के पहले नंबर पर आ खड़े हुए थे, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के मिली करारी शिकस्त के बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं की मनुहार के बावजूद वह कांग्रेस अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं हुए. इसीलिए दशकों बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को मतदान हुआ. उनके इस्तीफे के बाद सोनिया गांधी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष हैं.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य