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चीन में 'राष्ट्रीय सूखा', लू से फसलों को खतरा... ऐसे आई यह नौबत

दक्षिण-पश्चिम चीन के 34 प्रांतों की 66 नदियां बढ़ते तापमान की वजह से सूख गई हैं. इसके अलावा दक्षिणी चीन में इस साल 60 फीसदी कम बरसात ने करेला वह भी नीम चढ़ा वाली कहावत चरितार्थ कर दी है.

Updated on: 19 Aug 2022, 05:59 PM

highlights

  • दक्षिण-पश्चिम चीन के 34 प्रांतों की 66 नदियां बढ़ते तापमान की वजह से सूख गईं
  • बाढ़ क्षेत्र में आने वाली जियांगसी प्रांत की पोयांग झील का आकार चौथाई रह गया
  • गर्मी से सिर्फ जुलाई में ही 2.73 बिलियन यूआन यानी 400 मिलियन डॉलर का घाटा

नई दिल्ली:

बीजिंग प्रशासन ने दक्षिण-पश्चिम में 66 नदियों के सूख जाने के बाद साल का पहला राष्ट्रीय सूखे का अलर्ट जारी किया है. चीन में सूखे के साथ-साथ जंगलों में आग से बढ़ रहे तापमान की वजह से फसलों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है. हालांकि चीन (China) में सूखे की स्थिति काफी भयावह है. सूखे से प्रभावित खासकर यांग्त्जी नदी घाटी में स्थानीय प्रशासन लू (Heatwave) से फसलों को बचाने के अभियान में जुटा हुआ है. दक्षिण-पश्चिम के सुचुआन से लेकर यांग्त्जी डेल्टा में आने वाले शंघाई में हफ्तों से भीषण गर्मी (Temperature) के प्रकोप को देखते हुए गुरुवार को येलो अलर्ट जारी किया गया था. सरकार तापमान में जबर्दस्त उछाल से इंसानी त्वचा तक को झुलसा देने वाली गर्मी के पीछे जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को जिम्मेदार मान रही है. चीन के पैमाने पर यह अलर्ट बेहद गंभीर चेतावनी के पैमाने से सिर्फ दो कदम नीचे है. इसके साथ ही चीन सरकार ने सूखे (Drought) के प्रभाव को कम करने में मदद के लिए कई नए उपाय की घोषणा की है. इनमें वित्तीय मदद, क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बरसात के साथ-साथ कुछ उद्योगों को बंद करना शामिल है. 

पोयांग झील का आकार सूखे से एक चौथाई रह गया
यांग्त्जी नदी का बाढ़ क्षेत्र करार दिए गए मध्य चीन के जियांगसी प्रांत में इस साल भयंकर सूखे से पोयांग झील आकार में सिकुड़ कर एक चौथाई रह गई है. चोंगक्विंग क्षेत्र में इस साल 60 फीसदी कम बरसात हुई है. इसके अलावा कई जिलों में जमीन नमी की कमी से जूझ रही है. चोंगक्विंग के उत्तर में स्थित बयबे जिले में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया है. चीन के दस बेहद गर्म स्थानों में से आधा दर्जन चोंगक्विंग में हैं. शुक्रवार को बाइशे का तापमान 39 डिग्री था, तो शंघाई में 37 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. भीषण गर्मी से चोंगक्विंग का अधोभूत संरचना और आपातकालीन सेवाएं अत्यधिक दबाव में आ गई हैं. पहाड़ों और जंगलों पर आग की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं और इस वजह से अग्निशमन दल हाई अलर्ट मोड में है. तेज गर्मी में लू लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. तापमान की वजह से फूलिंग जिले में घर-घर गैस की आपूर्ति रोक दी गई है. शुक्रवार को एक बयान जारी कर कंपनी ने कहा कि तेज गर्मी से गैस की आपूर्ति को लेकर गंभीर सुरक्षा खतरे पैदा हो गए हैं. पांच प्वाइंट में समझते हैं चीन में सूखे का भयावहता का स्तर कितना गंभीर है.

    • द वॉशिंगटन पोस्ट ने चीन में सूखे की स्थिति को ऑन रिकॉर्ड सर्वाधिक खराब करार दिया है. सूखे और बढ़ते तापमान का आलम यह है कि चीन के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाने वाली नदी यांग्त्जी नदी कई स्थानों पर सूख गई है. इस कारण फसलों को तो नुकसान हो ही रहा है ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी तक की किल्लत पैदा हो गई है. 
    • अत्यधिक गर्मी का सामना कर रहे कई प्रांतों की स्थिति को देखते हुए गुरुवार को बीजिंग के पैमाने पर बेहद गंभीर चेतावनी से महज दो पायदान नीचे येलो अलर्ट जारी की गई थी. शी जिनपिंग सरकार सूखे, जंगलों में आग और कई प्रांतों में आई बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार बता रही है. 
    • दक्षिण-पश्चिम चीन के 34 प्रांतों की 66 नदियां बढ़ते तापमान की वजह से सूख गई हैं. इसके अलावा दक्षिणी चीन में इस साल 60 फीसदी कम बरसात ने करेला वह भी नीम चढ़ा वाली कहावत चरितार्थ कर दी है.  
    • चीन के आपातकाल मंत्रालय द्वारा पिछले हफ्ते जारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ जुलाई में उच्च तापमान की वजह से 2.73 बिलियन यूआन यानी 400 मिलियन डॉलर का घाटा उठाना पड़ा है. इसका नकारात्मक असर 55 लाख लोगों पर पड़ा है. 
    • यही नहीं, सरकार ने विशेष दस्ते गठित कर उन्हें सक्रिय कर दिया है. ये विशेष दस्ते जंगलों में आग से निपटते हुए आग की वजह से बढ़े तापमान और लू से फसलों की सुरक्षा पर सामूहिक प्रयास कर रहे हैं. पहले भी विशेषज्ञ दुनिया के सबसे बड़े कार्बन डाइ ऑक्साइड गैस के उत्सर्जक देश चीन को लेकर चतावनी दे चुके हैं. इसके मुताबिक जलवायु परिवर्तन की वजह से  चीन को हर मौसम की अति का सामना करना पड़ सकता है.