logo-image

Bihar floor test: अंतिम फैसला आज! फ्लोर टेस्ट से पहले जबरदस्त हलचल.. यहां समझें सियासी गणित

बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है... जहां एक ओर आज नीतीश सरकार को बिहार सदन में बहुमत साबित करना है, वहीं दूसरी तरफ सदन के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने पर चर्चा हो सकती है.

Updated on: 12 Feb 2024, 06:41 AM

नई दिल्ली :

बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई है... जहां एक ओर आज नीतीश सरकार को बिहार सदन में बहुमत साबित करना है, वहीं दूसरी तरफ सदन के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाने पर चर्चा हो सकती है. बताया जा रहा है कि, चौधरी का पद पर बने रहना जेडीयू और बीजेपी नेताओं और उनके बहुमत के बीच रोड़ा साबित हो सकता है. हालांकि आरजेडी पूरी सियासी गणित साधते हुए इस कोशिश को नाकाम करने में जुटी हुई है, साथ ही संविधान का हवाला देते हुए इसे नामुमकिन करार दे रही है...

बावजूद इसके नीतीश अपना काम शुरू कर चुके हैं! बकौल सूत्र, खबर है कि फ्लोर टेस्ट से पहले राजभवन में लीगल एडवाइजर की पूरी टीम में बड़ा फेरबदल कर दिया गया है. बिहार के राज्यपाल के विधि सलाहकार की नई टीम में डॉ कृष्ण नंदन सिंह को चीफ लीगल एडवाइजर, राजीव रंजन पाण्डेय को लीगल एडवाइजर कम रिटेनर और जनार्दन प्रसाद सिंह को एडिशनल काउंसिल का पदभार सौंप दिया गया है. 

सियासी चौपाल से हैरतअंगेज खबर...

हालांकि इसी बीच पटना में नीतीश के नेतृत्व में हुई सियासी चौपाल से हैरतअंगेज खबर सामने आई, जहां जेडीयू नेता विजय चौधरी के आवास पर जदयू विधायक दल की बैठक में केवल 39 विधायकों ने हाजिरी लगाई है. जबकि पार्टी के अन्य 6 विधायक, संजीव सिंह, बीमा भारती, सुदर्शन, मनोज यादव, दिलीप राय, अमन हजारी नदारद रहे.  इस घटनाक्रम ने जदयू के अपने विधायकों के टूटने के डर को और मजबूती दी है. हालांकि, हकीकत अभी क्या है इसपर कुछ भी कह पाना मुश्किल है. 

फ्लोर टेस्ट नहीं.. डांस फ्लोर का लुत्फ!

दूसरी ओर आरजेडी नेता फ्लोर टेस्ट से कुछ घंटों पहले डांस फ्लोर का लुत्फ उठा रहे हैं! तेजस्वी यादव ने अपने सभी विधायकों को टूटने से बचाने के लिए आज रात अपने आवास पर ही रोक लिया है. जहां सर्दी में संगीत.. खाने पीने और अलाव का जबरदस्त इंतजाम किया गया है. साथ ही साथ, उनके आवास के बाहर सुरक्षा चाक चौबंद है. 

गौरतलब है कि, बिहार में फ्लोर टेस्ट से पूर्व दोनों मुख्य पार्टियां आरजेडी-जेडीयू तमाम सियासी दावे पेश कर रही है, जहां एक ओर आरजेडी आज बड़ा खेला की ओर इशारा कर रही है, तो वहीं दूसरी तरफ जेडीयू तेजस्वी पर अपने विधायकों पर भरोसा नहीं करने का आरोप लगा रही है. 

बिहार विधानसभा सियासी गणित को समझिए...

कुल सदस्य: 243

बहुमत का आंकड़ा: 122 

महागठबंधन का हिसाब-किताब

राजद: 79 विधायक (सबसे ज्यादा)

कांग्रेस: 19 विधायक

वामदल: 16 विधायक

महागठबंधन में कुल विधायकों की संख्या: 114 

एनडीए का हिसाब-किताब

बीजेपी: 78 विधायक

जदयू: 45 विधायक

हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा-सेक्युलर: 4 विधायक

निर्दलीय: 1 विधायक

एनडीए में कुल विधायकों की संख्या: 128

ये भी समझिए...

यूं तो सुशासन बाबू के लिए कोई परेशानी वाली बात तो नजर नहीं आ रही, मगर अगर एक निर्दलीय समेत जीतन राम मांझी की पार्टी के विधायक, साथ ही साथ जदयू के कुछ विधायकों ने पाला बदला, तो फिर बिहार में नया सियासी महौल पेश आ सकता है.