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Heart Health बेहतर रखने के लिए जरूर खाएं इन चीजों को, जानें वजह

हर दिन आप जो खाते-पीते हैं, वह विभिन्न शारीरिक स्थितियों को प्रभावित करता है और बाद में हृदय रोग का कारण भी बन सकता है. ऐसे में अपने दिल की सेहत में सुधार लाकर उसे चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए इन पांच खाद्य पदार्थों का सेवन तो आपको जरूर करना चाहिए.

Updated on: 14 Oct 2022, 06:01 PM

highlights

  • दिल की बीमारियों की आशंका हेल्दी फूड हैबिट्स से बेहद कम होती है
  • पोषक तत्वों से भरपूर आहार से आप अपने दिल को हेल्दी रख सकते हैं
  • दुनिया भर में होने वाली एक-तिहाई मौत दिल की बीमारियों की वजह से 

नई दिल्ली:

हमारे रोजमर्रा का खान-पान हमारे दिल की सेहत को धीरे-धीरे प्रभावित करता है. जंक फूड, अधिक तेल-चिकनाई वाले खाद्य पदार्थ, प्रोसेस्ड फूड, अधिक मीठे और तेज नमकीन खाद्य पदार्थ निश्चित तौर पर आगे चल कर दिल की सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं. इसमें यदि धूम्रपान, अनियमित जीवनशैली (Lifestyle), असमय खान-पान और शराब के अत्यधिक सेवन को जोड़ लिया जाए तो दिल की बीमारियों (Heart Disease) की आशंका कई गुना बढ़ जाती है. कह सकते हैं कि पोषण और दिल की सेहत का बहुत नजदीकी संबंध है. अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थ हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्राल और जलन का कारण बनते हैं, जबकि फाइबर(Fibre), एंटीऑक्सीडेंट, हेल्थी फैट्स से भरपूर खाद्य पदार्थों और हरी सब्जियों और फलों का सेवन दिल के रक्षक का काम करता है. यहां तक कि दिल से जुड़ी कई बीमारियों से भी बचाता है. दुनिया भर में होने वाली एक-तिहाई मौत दिल की बीमारियों की वजह से होती है. विशेषज्ञों के मुताबिक डाइट (Diet) का दिल की सेहत पर बेहद महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है और दिल की बीमारियों की आशंका हेल्दी फूड हैबिट्स से बेहद कम हो सकती है. यही नहीं, खाने की मात्रा का भी अपना अलग महत्व है. खाने-पीने में अति से बचना चाहिए. वास्तव में आप जिन खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं, वे विभिन्न कारकों पर प्रभाव डाल सकते हैं जो हृदय रोगों का कारण बन सकते हैं. मसलन रक्तचाप, ट्राइग्लिसराइड्स, सूजन और कोलेस्ट्रॉल का स्तर. ऐसे में विशेषज्ञ हृदय के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कुछ खाद्य पदार्थों के सेवन पर खास जोर देते हैं. 

हरी पत्तेदार सब्जियां
इस श्रेणी में पालक और गोभी सबसे ऊपर आते हैं, जिनमें अत्यधिक मात्रा में विटामिन, खनिज पदार्थ और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं. खासकर विटामिन-के ये बेहतरीन स्रोत हैं, जो खून के थक्के बनने से रोक धमनियों की सुरक्षा करते हैं. इसके अतिरिक्त इनमें पर्याप्त मात्रा में डाइटरी नाइट्रेट भी पाए जाते हैं, जो रक्तचाप कम रखने में मददगार होते हैं. इसके साथ ही ये धमनियों को कड़ेपन से बचाकर रक्त वाहिकाओं के लिए सुरक्षा कवच सरीखा काम करने वाली कोशिकाओं की कार्यक्षमता को भी बढ़ावा देते हैं. डाइटीशियंस की मानें तो हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करने से दिल की बीमारियों की 16 पीसदी आशंका कम हो जाती है. और तो और कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम में अच्छी-खासी कमी लाने में भी हरी सब्जियों को भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. 

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साबुत अनाज
साबुत अनाज शरीर को प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. अपने रोजमर्रा के आहार में साबुत अनाज की  1 या 2 अतिरिक्त सर्विंग्स से दिल की बीमारियों के जोखिम को 10 से 20 फीसदी तक कम किया जा सकता है. पौधे आधारित खाद्य पदार्थ, साबुत अनाज, कम वसा वाले डेयरी उत्पादों और मानक सीमा के भीतर नमक के सेवन से हाइपरटेंशन से बचाव और उपचार में भी मदद मिलती है. हालांकि एक सलाह यही दी जाती है कि साबुत अनाज से जुड़े खाद्य पदार्थों को खरीदने से पहले उसके इंग्रीडिएंट्स को अच्छे से पढ़ लिया जाए. ऐसे खाद्य पदार्थ खरीदें जिनके इंग्रीडिएंट्स में 'होल ग्रेन', 'होल व्हीट' लिखा हुआ हो. 'व्हीट फ्लोर' और 'मल्टीग्रेन' इंग्रीडिएंट्स वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना ही बेहतर है. 

बेरी
स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी और रास्पबेरी में पाए जाने वाले आवश्यक पोषक तत्व हृदय को स्वस्थ्य बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. बेरियों में एंथोसियानिंस सरीखे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाते हैं. ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन ही दिल की बीमारियों के वाहक बनते हैं. बहुत सारे जामुन का सेवन करने से हृदय रोगों के कई जोखिम वाले कारणों को कम किया जा सकता है. जामुन एक कम कैलोरी वाला नाश्ता भी साबित हो सकता है. प्रत्येक बेरी कुछ विशेष स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है. ऐसे में अपने आहार में कुछ भिन्न प्रकारों की बेरी को शामिल करने का प्रयास करें.

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मछली और फिश ऑयल
स्थानीय बाजारों में मिलने वाली अलग-अलग किस्म की अधिकांश मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो दिल को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार होता है. अधिक चर्बी वाली मछलियों में पाया जाने वाले ओमेगा -3 फैटी एसिड हृदय रोग के जोखिम को कम करने में अपनी भूमिका तो निभाता ही है, साथ ही अर्थीमिया और सीवीडी का जोखिम भी कम करता है. मछली का सेवन मृत्यु दर, अवसाद और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में भी मददगार है. यदि आप समुद्री भोजन का सेवन नहीं करते हैं, तो रोजमर्रा के खान-पान में मछली के तेल का प्रयोग कर ओमेगा -3 फैटी एसिड की भरपाई कर सकते हैं. यह पूरक मछली का तेल रक्तचाप को कम करने में मदद करता है, दिल का रक्त वाहनियों की क्षमता बढ़ाता है और खून से ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है. यही नहीं, आप क्रिल ऑयल और एल्गल ऑयल जैसे मछली के तेल के विकल्पों को भी अपना सकते हैं.

बीज यानी सीड्स
बीजों में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होता है. दिल के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत लाभकारी होते हैं. अपनी डाइट में बीजों का सेवन बढ़ा कर आप सूजन, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स जैसे दिल की बीमारियों को जन्म देने वाले कारकों को कम कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त अलसी के बीज कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के साथ-साथ स्वस्थ रक्तचाप को भी बढ़ावा देते हैं. जैसे-जैसे अधिक शोध सामने आ रहे हैं, वैसे-वैसे पोषण और हृदय रोग के बीच संबंध मजबूत होता जा रहा है. रक्तचाप, सूजन, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स सहित दिल के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला लगभग हर पहलू आपके आहार से प्रभावित होता है. ऐसे में संतुलित, पोषक तत्वों से भरपूर आहार से न सिर्फ आप अपने दिल को हेल्दी रख सकते हैं, बल्कि स्वस्थ लंबा जीवन भी हासिल कर सकते हैं. तो देर किस बात की है आज से ही अपनी रोजमर्रा की डाइट में इन सुपरफूड्स को शामिल करें.