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BBC का दोहरा चेहराः आलोचना पर स्टार एंकर का निलंबन, अनुराग ठाकुर ने भी सुनाई खरी-खरी... समझें

जानते हैं कि आखिर गैरी लिनेकर कौन हैं, यह पूरा विवाद क्या है और किस तरह इसने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी के इतिहास में एक बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है. इस विवाद में ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक और भारतीय केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी आ जुड़े हैं.

Updated on: 12 Mar 2023, 04:07 PM

highlights

  • दुनिया के सबसे लंबे और लोकप्रिय फुटबॉल शो 'मैच ऑफ द डे' के स्टार एंकर हैं गैरी लिनेकर
  • ब्रिटिश गृह सचिव के अप्रवासियों पर बयान की गैरी लिनेकर ने जर्मनी के नाजी दौर से की तुलना
  • इस पर कॉर्पोरेशन ने कर दिया निलंबित, अनुराग ठाकुर ने भी मसले पर बीबीसी को जमकर लताड़ा

नई दिल्ली:

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी (BBC) के प्रमुख और बेहद लोकप्रिय फुटबॉल हाइलाइट्स शो 'मैच ऑफ द डे' को शनिवार को बीच में रोक कर हटाना पड़ा. इसकी वजह यह रही कि इस शो के प्रेजेंटर गैरी लिनेकर (Gary Lineker) के निलंबन के बाद फुटबॉल विशेषज्ञों और कमेंटेटर्स ने शो में शामिल होने से मना कर दिया. 1999 से शो को प्रेजेंट कर रहे गैरी लिनेकर को शुक्रवार को उनकी एक ट्वीट के कारण निलंबित कर दिया गया. लिनेकर ने यूके सरकार के गृह सचिव के अवैध अप्रवासियों से निपटने के बयान की तुलना जर्मनी में नाजी दौर से कर दी थी. इसके बाद बीबीसी की निष्पक्षता पर छिड़े विवाद के बीच उनसे शो से हटने को कहा गया. इस शो का 1964 में पहली बार प्रसारण हुआ था. 'मैच ऑफ द डे' दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला फुटबॉल टेलीविजन कार्यक्रम है, जो ब्रिटेन में एक सांस्कृतिक प्रतीक बन चुका है. शनिवार को पहली बार इसे बिना किसी प्रेजेंटर, फुटबॉल विशेषज्ञ या कमेंट्री के प्रसारित किया गया था. नतीजतन शो निर्धारित समय से पहले ही रोक दिया गया. हंगामा इस कदर बढ़ गया है कि ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) तक को बयान जारी कर कहना पड़ा कि उम्मीद है कि विवाद जल्द सुलझा लिया जाएगा. बीबीसी के इस विवाद पर भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने भी तंज कसा है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर बीबीसी की प्रेस स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े किए. जानते हैं कि आखिर गैरी लिनेकर कौन हैं, यह पूरा विवाद क्या है और किस तरह इसने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर बीबीसी के इतिहास में एक बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है.

गैरी लिनेकर से जुड़ा विवाद आखिर शुरू कैसे हुआ
इस पूरे विवाद की शुरुआत गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन के 'एनफ इज इनफ' वीडियो से हुई. इस 78 सेकंड के वीडियो में सुएला ने कहा, 'हमें अब नावों को रोकना होगा. ब्रिटेन अप्रवासियों के बोझ तले दबा जा रहा है.' इसके साथ ही सुएला ब्रेवरमैन ने एक अप्रवासी कानून को घोषणा की, जो अनधिकृत अप्रवासियों को राष्ट्र में रहने से रोकेगा. ब्रेवरमैन ने कहा, 'ऐसे अप्रवासियों को उनके गृह राष्ट्र या रवांडा जैसे किसी सुरक्षित तीसरे देश में वापस भेज दिया जाएगा.' इस बयान की गैरी लिनेकर ने जर्मनी के नाजी दौर से तुलना कर दी. इसका बाद लिनेकर को फ्लैगशिप प्रीमियर लीग हाइलाइट्स शो पेश करने से रोक दिया गया. गौरतलब है कि गैरी लिनेकर अपने घरों में शरणार्थियों को रख चुके हैं. उन्होंने ट्वीट की, 'हे भगवान, यह भयानक से परे है.' लिनेकर ने आगे कहा, 'अप्रवासियों की यह कोई बड़ी आमद नहीं है. हम अन्य प्रमुख यूरोपीय देशों की तुलना में बहुत कम शरणार्थियों को लेते हैं. यह भाषा में सबसे कमजोर लोगों को निशाना बनाती एक बेहद क्रूर नीति है, जो 30 के दशक में जर्मनी द्वारा उपयोग की जाने वाली नाजी भाषा से भिन्न नहीं है?'

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बीबीसी की प्रतिक्रिया और असर
इस पूरे प्रकरण पर बीबीसी ने शुक्रवार को कहा, 'इंग्लैंड के सर्वकालिक चौथे सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी ने निष्पक्षता से जुड़े दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है. कॉर्पोरेशन गैरी लिनेकर की शो के जरिये ऑन-स्क्रीन वापसी से पहले उनसे सोशल मीडिया के उपयोग पर एक परस्पर सहमत और स्पष्ट स्थिति की बात करेगा.' इसके बाद ही बीबीसी के टेलीविजन और रेडियो आउटपुट के निर्धारित खेल कार्यक्रमों में हंगामा मच गया. इंग्लैंड के पूर्व स्ट्राइकर इयान राइट और एलन शीयर ने 'मैच ऑफ द डे' पर अपनी भूमिका निभाने से इनकार कर दिया. इनके साथ कार्यक्रम के कमेंटेटर भी आ गए. परिणामस्वरूप विश्व के सबसे लंबे फुटबॉल टेलीविजन कार्यक्रम को पहली बार बिना किसी प्रेजेंटर, विशेषज्ञ या कमेंट्री के प्रसारित किया गया और अंततः रोक दिया गया. इसका असर बीबीसी के वीकएंड शो 'फुटबॉल फोकस' और परिणाम बताने वाले कार्यक्रम 'फाइनल स्कोर' पर भी पड़ा, जो तय शेड्यूल पर प्रसारित नहीं हुए. बीबीसी 'रेडियो 5 लाइव का कवरेज भी बाधित हुई.

आखिर हैं कौन गैरी लिनेकर
पिछले दो दशकों में बीबीसी के लिए खेल प्रसारण का प्रमुख चेहरा बनने से पहले गैरी लिनेकर विश्व कप में इंग्लैंड के लिए गोल करने वाले नायक के रूप में प्रसिद्ध हो चुके थे. 1960 में लीसेस्टर में जन्मे लिनेकर ने अपने सपने को साकार करने के लिए होम टाउन क्लब के साथ पेशेवर फुटबॉल की ओर का कदम बढ़ाया था. उन्होंने फॉक्स में छह वर्षों में 100 से अधिक गोल किए और बाद में उन्हें लीसेस्टर शहर के फ्रीमैन के रूप में सम्मानित किया गया. 1986 का विश्व कप गैरी लिनेकर के प्रोफाइल को एक नए स्तर पर ले गया. इंग्लैंड के बेहद विवादास्पद क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना से हारने से पहले छह गोल ने गैरी लिनेकर को गोल्डन बूट का हकदार बनाया था. उनके प्रदर्शन ने बार्सिलोना क्लब का ध्यान आकर्षित किया, जिसने उस समय के लिहाज से भारी-भरकम राशि 2.8 मिलियन पाउंड्स (3.4 मिलियन डॉलर) के साथ उन्हें अपना बना लिया. गैरी लिनेकर ने कैंप नोउ में तीन साल बिताए और अपनी गजब की फिनिशिंग से 'एल मैटाडोर' की उपाधि हासिल की. उन्होंने 1988 में कोपा डेल रे और एक साल बाद विनर्स कप जीता, लेकिन मुख्य आकर्षण कैटेलोनिया में 1987 में रियल मैड्रिड पर जीत में उनकी 3-2 की हैट्रिक बनी. बार्सिलोना में अच्छा वक्त गुजारने की वजह से लिनेकर धाराप्रवाह स्पेनिश भी बोलते है. इसी खासियत की वजह से उन्हें ला लीगा टीवी के अंग्रेजी चैनल के लिए लाइव मैच प्रस्तुत करने के लिए चुना गया. वह 1989 में टोटेनहम के रूप में  मैनचेस्टर यूनाइटेड को हरा इंग्लैंड लौट आए. खेल प्रसारण के शीर्ष पर पहुंचने की शुरुआत बीबीसी रेडियो और टीवी पर बतौर विशेषज्ञ उनकी उपस्थिति से हुई. फिर 1999 में वह 'मैच ऑफ द डे' के होस्ट बनाए गए. साथ ही अन्य प्रमुख फुटबॉल आयोजनों समेत ओलंपिक खेलों में बीबीसी कवरेज के प्रमुख चेहरे रहे. एक फुटबॉल खिलाड़ी के रूप में गैरी लिनेकर का एक बेहद शानदार और संभवतः कभी नहीं टूटने वाला रिकॉर्ड है. उन्हें अपने 16 साल के करियर के दौरान कभी भी यलो या रेड कार्ड नहीं दिखाया गया है.

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अनुराग ठाकुर की बीबीसी को खरी-खरी
बीबीसी की गुजरात दंगों पर विवादास्द डॉक्यूमेंट्री की याद दिलाते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी ब्रिटिश ब्रॉडकास्टर को जमकर आड़े हाथों लिया. बीबीसी की पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर सवाल उठाते अनुराग ठाकुर ने गैरी लिनेकर की दो खबरों को शेयर कर कटाक्ष किया. उन्होंने ट्वीट किया, 'यह देखना बेहद दिलचस्प है कि पत्रकारिता की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर बड़े-बड़े दावे करने वाले बीबीसी ने अपने स्टार एंकर को उनकी सोशल मीडिया टिप्पणी को लेकर निलंबित कर दिया.' एक के बाद एक की गई कई ट्वीट में अनुराग ठाकुर ने यह भी लिखा कि बीबीसी ने समाज के एक वर्ग को नाराज नहीं करने के लिए एक डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण रोक दिया. फर्जी फैक्ट्स से प्रोपेगेंडा करने वालों से नैतिक समझ या पत्रकारिता की आजादी की उम्मीद नहीं की जा सकती. अनुराग ठाकुर यह कहने से भी नहीं चूके कि फर्जी नेरेटिव बनाना और नैतिक पत्रकारिता अपने आप में ही परस्पर विरोधाभासी हैं.