मॉब लिंचिंग और नाबालिग से रेप पर सजा-ए-मौत मुकर्रर! 4 बिंदु में समझिए लोकसभा में पेश बिल
संसद में पेश हुआ बड़े बदलाव वाला बिल.ये नया विधेयक भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा में कई सुधार करेगा. चलिए विस्तार से समझते हैं...
नई दिल्ली:
खत्म होंगे अंग्रेजों के जमाने के कानून! खबर संसद से है, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बड़े बदलाव वाले बिल लेकर आए हैं. दरअसल मॉनसून सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में बोलते हुए, अमित शाह ने एक साथ तीन विधेयक पेश किए हैं. सरकार इन विधेयकों द्वारा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य विधेयक और भारतीय नागरिक सुरक्षा में सुधार की उम्मीद कर रही है... ऐसे में चलिए विस्तार से समझें इन बदलाव के बिल को, साथ ही जानें आखिर क्या है इसके पीछे सरकार की असल मंशा...
पहले जानें... क्या बोले शाह
लोकसभा में विधेयक की पेशकश करते हुए, गृह मंत्री अमित शाह ने लंबा भाषण दिया. उन्होंने इन विधेयक को आज की जरूरत बताते हुए कई महत्वपूर्ण घटनाओं का जिक्र भी किया. इस दौरान अमित शाह ने देश की फिलहाल की आपराधिक न्याय प्रणाली को अंग्रेजों के जमाने का बताया, साथ ही इनमें बड़े बदलाव के संकेत देते हए आज के मुताल्लिक़ न्याय प्रणाली में बदलाव की जरूरत का जिक्र किया. इसी के तहत शाह ने तीनों कानून (इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड, इंडियन एविडेंस कोड) में सुधार के लिए विधयकों की पेशकश भी की. अब चलिए शाह द्वारा पेश इन विधेयकों के बाद क्या कुछ तबदीली पेश आएगी, वो समझते हैं...
मॉब लिंचिंग-नाबालिग से रेप पर मौत की सजा...
लोकसभा में शाह द्वारा पेश नए विधेयक में नाबालिग से रेप और मॉब लिंचिंग जैसे गंभीर अपराधों पर सजा-ए-मौत मुकर्रर की गई है. दरअसल इन नए विधेयक में मॉब लिंचिंग को जहां हत्या की परिभाषा से जोड़ा गया है, वहीं नाबालिग से रेप को गंभीर से गंभीर आरोप की क्षेणी में रखते हुए मौत की सजा का प्रावधान किया गया है. मॉब लिंचिंग पर इस पेश विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि, जब 5 या 5 से ज्यादा लोगों का एक समूह एकजुट होकर लिंग, जन्म स्थान, भाषा, नस्ल, जाति, समुदाय, व्यक्तिगत विश्वास या किसी अन्य आधार पर हत्या करता है, तो ऐसे समूह को न्यूनतम 7 साल की सजा और अधिकतम मृत्युदंड दिया जा सकता है.
वहीं महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराध और तमाम तरहों की सामाजिक समस्याओं में बेहतरी के लिए ये विधेयक बेहद ही कारगर है. इसी लिहाज से इस विधेयक में नाबालिग से रेप के मामले को गंभीर से गंभीर अपराध की क्षेणी में रखते हुए मृत्यु का प्रावधान तय किया गया है. वहीं इसके साथ ही गैंग रेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है.
आरोपी की गैरमौजूदगी में ट्रायल और सजा
लोकसभा में इस नए विधेयक को पेश करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक ऐतिहासिक फैसले का जिक्र किया है. अब आरोपी की गैरमौजूदगी से मामले में चल रहे ट्रायल और सजा पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अब सेशन कोर्ट द्वारा घोषित भगोड़ों की अनुपस्थिति में भी ट्रायल और सजा पर सुनवाई होगी.
हेट स्पीच पर भी मिलेगा दंड
नए विधेयक के तहत अब किसी भी तरह की हेट स्पीच को भी अपराध माना जाएगा. भड़काऊ भाषण देने वाले अपराधी को तीन साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान किया गया है. इसके अतिरिक्त किसी भी धार्मिक आयोजन में अगर कोई किसी वर्ग, श्रेणी या अन्य धर्म के खिलाफ हेट स्पीच का उपयोग करता है, तो 5 साल तक की सजा हो सकती है.
और भी कई बड़े बदलाव...
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़े बदलाव का बिल लोकसभा में पेश करते हुए, और भी कई बड़े बदलाव का जिक्र किया है. इनमें ऑनलाइन कोर्ट्स, जीरो एफआईआर रजिस्ट्रेशन, गिरफ्तारी पर आरोपी के परिवार को इत्तला और 180 दिन के अंदर-अंदर जांच को खत्म करना बताया गया है.
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