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चीन से तनातनी के बीच जापान ने किया 'फ्लॉपी' के खिलाफ 'युद्ध' का ऐलान, जानें क्यों

जापान के डिजिटल मंत्री तारो कोनो ने कहा है कि सरकार नौकरशाही और उसकी कार्यप्रणाली में सुधार ला आधुनिक बनाने के लिए फ्लॉपी डिस्क समेत पुरानी हो चुकी तकनीक को बाहर करने के खिलाफ युद्धस्तर परकाम कर रही है.

Updated on: 04 Sep 2022, 01:40 PM

highlights

  • तकनीक के लिहाज से जापान वैश्विक स्तर पर स्थापित कई दिग्गज कंपनियों का घर
  • फिर भी जापानियों में कैसेट्स, फ्लॉपी डिस्क जैसी पुरानी तकनीक के प्रति ज्यादा लगाव
  • अब फ्लॉपी डिस्क और चलन से बाहर हो चुकी तकनीक से छुटकारा पाने की मुहिम छिड़ी

नई दिल्ली:

जापान की सरकार ने अब फ्लॉपी डिस्क के खिलाफ युद्ध छेड़ा है. वह भी तब जब वैश्विक स्तर पर चरणबद्ध तरीके से यह मैग्नेटिक स्टोरेज डिस्क दशकों पहले चलन से बाहर हो चुकी हैं. इस कड़ी में जापान के डिजिटल मंत्री तारो कोनो ने फ्लॉपी डिस्क और चलन से बाहर हो चुकी अन्य तकनीकों से छुटकारा पाने के अभियान का ऐलान किया है. तारो कोनो (Taro Kono) इसके पीछे नौकरशाही को आधुनिक बनाने के प्रयासों को एक बड़ा कारण बता रहे हैं. एक प्रेस कांफ्रेंस में डिजिटल मंत्री तारो कोनो ने कहा कि सरकार प्रशासनिक प्रक्रियाओं को ऑनलाइन करने की दिशा में काम कर रही है. इसके बाद उन्होंने अंग्रेजी में ट्वीट किया, 'डिजिटल मंत्रालय का फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disc) के खिलाफ युद्ध का ऐलान.' उन्होंने इस ट्वीट में आगे लिखा, 'डिजिटल एजेंसी नियम-कायदों को बदलने जा रही है ताकि आम लोग प्रशासनिक कामों के लिए ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन (Online) प्रक्रिया अपना सकें.' गौरतलब है कि भले ही जापान (Japan) दुनिया के कुछ प्रमुख दिग्गज कंपनियों का घर हो, लेकिन आम जापानियों को हमेशा से पुरानी तकनीक से ज्यादा लगाव रहा है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक जापान में 2015 तक म्यूजिक कैसेट्स बहुतायत में इस्तेमाल किए जाते रहे. और तो और,  2019 में जापान के साइबर सिक्योरिटी (Cyber Security) मंत्री ने सार्वजनिक तौर पर स्वीकार किया था कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कंप्यूटर (Computer) का इस्तेमाल नहीं किया. 

क्या होती है फ्लॉपी डिस्क
1970 और 1990 के दौरान फ्लॉपी डिस्क का जबर्दस्त प्रचलन था. वास्तव में फ्लॉपी डिस्क कंप्यूटर डेटा और प्रोग्राम को सेव करने के काम आने वाली एक रिमूवेबल स्टोरेज डिस्क को कहते थे. आज के युवाओं ने भले ही इसका इस्तेमाल नहीं किया हो, लेकिन इसका प्रतीक एमएस वर्ड डॉक्यूमेंट के बाएं हिस्से में ऊपरी तरफ आज भी देखा जा सकता है. वर्ड डॉक्यूमेंट में ऊपर की तरफ एनिमेटेड रूप-स्वरूप में फ्लॉपी डिस्क 'सेव' करने का ऑप्शन बताती है. फ्लॉपी डिस्क को सबसे पहले आईबीएम ने विकसित किया, जिसमें 800 केबी डेटा सेव हो सकता था. 800 केबी आज के लिहाज से जीबी का महज 0.00008 फीसद हुआ. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आज ऐसी हार्ड ड्राइव्स हमारे सामने हैं, जिनमें 20 टीबी यानी 20,000 जीबी डेटा सेव करने की क्षमता होती है. 

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ऑनलाइन सिग्नेचर के दौर में सील से मुहर 
खैर एक बार फिर आते हैं तारो कोनो पर. प्रशासनिक सुधार मंत्री के रूप में कोनो 2021 से पुराने जमाने की फैक्स मशीन और हांको सील के खिलाफ अपनी नापसंदगी को लेकर काफी मुखर हैं. पहले के जमाने में जापान के तमाम सरकारी विभागों में फैक्स मशीन और हांको सील मिल जाती थी. हांको सील पुराने जमाने की मुहर सरीखी होती थी, जिसे इंक पैड में दबा कर सरकारी ठेकों और दस्तावेजों पर मुहर लगाने में इस्तेमाल किया जाता था. तारो कोनो ने सरकारी मंत्रालयों को हांको सील का इस्तेमाल बंद करने के लिए कड़े दिशा-निर्देश दिए. खासकर साल के अंत में टैक्स एडजस्टमेंट और टैक्स फाइल करने के दौरान. इसके बावजूद हांको सील और फैक्स मशीन जापान भर में तमाम सरकारी विभागों में आज भी धड़ल्ले से इस्तेमाल में लाई जा रही है. यही वजह है कि अब तारो कोनो फ्लॉपी डिस्क समेत सीडी और मिनी डिस्क का इस्तेमाल भी पूरी तरह खत्म करने की बात कर रहे हैं.  

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पुरानी तकनीक से छुटकारा पाने की क्या है जापान सरकार की योजना
जापान सरकार ने पुरानी तकनीक से निजात पाने के लिए एक समिति का गठन किया. समिति ने पाया कि 1,900 सरकारी प्रक्रियाएं ऐसी हैं, जिनमें खास स्टोरेज डिवाइसों का इस्तेमाल करना जरूरी है. इनमें फ्लॉपी डिस्क, सीडी और मिनी डिस्क शामिल हैं. यही वजह है कि डिजिटल मंत्री को कहना पड़ा कि सरकार पुराने नियम-कायदों को बदलने जा रही है ताकि आम लोग ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन प्रक्रिया अपना सकें. कोनो ने साफतौर पर कहा, 'सरकार पुराने नियम-कायदों की तेजी से समीक्षा कर रही है.' इस कड़ी में तारो कोनो यह जोड़ना भी नहीं भूले कि फ्लॉपी डिस्क और चलन से बाहर हो चुकी तकनीक के खिलाफ 'युद्ध' में उन्हें प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का भी पूरा समर्थन हासिल है. गौर करने वाली बात यह है कि इसके बावजूद फ्लॉपी डिस्क के खिलाफ युद्ध का ऐलान पूरी तरह से परवान चढ़ते नहीं दिख रहा है. द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक तारो कोनो के इस ऐलान के बाद उन पर तमाम सरकारी अधिकारियों का भारी दबाव है. इन अधिकारियों को तर्क है कि ई-मेल की बनिस्पत 'सुरक्षा और विश्वसनीयता' के लिहाज से आज भी फ्लॉपी डिस्क का कोई जोड़ नहीं है. अतः इसका इस्तेमाल बंद नहीं किया जाए.