NASA Mars Mission: इंसान हमेशा से ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए उत्सुक रहा है और उसके लिए दूनिया भर के वैज्ञानिक दिन-रात खोज और शोध कर रहे हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी के अलावा भी ब्रह्मांड के किसी अन्य ग्रह पर भी जीवन मौजूद हो सकता है. इसमें सबसे ज्यादा संभावना मंगल ग्रह पर है. जहां जीवन की ज्यादा संभावना है. क्योंकि मंगल ग्रह पर कई ऐसे सबूत मिले हैं जो इसे पृथ्वी जैसे संकेत देते हैं. नासा समेत दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां मंगल ग्रह पर जाने की तैयारियां कर रही हैं. इनमें सबसे आगे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा है.
मंगल ग्रह पर जाने वाली पहली इंसान बनेंगी एलिसा कार्सन
दरअसल, नासा 2030 में अपना मंगल मिशन लॉन्च करेगा. इस मिशन की खास बात ये है कि इसके जरिए नासा पहली बार किसी इंसान को मंगल पर भेजेगा. इसके लिए नासा ने एक लड़की का चयन किया है. जिसका नाम एलिसा कार्सन है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नासा का ये मिशन एक तरफा है यानी नासा इस मिशन के जरिए एलिसा कार्सन को मंगल पर भेजेगा लेकिन शायद उसे मंगल से वापस लेकर नहीं आएगा. हालांकि नासा ने इसकी अभी तक पुष्टि नहीं की है. यानी इस मिशन में एलिसा कार्सन मंगल ग्रह पर तो जाएंगी लेकिन वो शायद कभी वापस नहीं आएंगी. बावजूद इसके वह अपने मिशन के लिए जबरदस्त तैयारी कर रही हैं.
जानें कौन हैं एलिसा कार्सन?
एलिसा कार्सन अमेरिका की रहने वाली हैं. उनका जन्म 10 मार्च 2001 को लुइसियाना प्रांत के हैमंड में हुआ था. यानी एलिसा फिलहाल 24 साल की हैं, जब वह 30 साल की होंगी तब नासा उन्हें मंगल ग्रह पर भेजेगा. एलिसा कार्सल अमेरिकी की एक अंतरिक्ष उत्साही और डॉक्टरेट छात्रा हैं. मंगल ग्रह पर जाने का उनका सपना बचपन का है. जब वह मात्र तीन साल की थी तभी उन्होंने अंतरिक्ष में जाने का सपना देखा था. एलिसा कार्सन कई अंतरिक्ष शिविरों में भाग ले चुकी हैं. इसके साथ ही उन्होंने नासा के सभी आगंतुक केंद्र का भी दौरा किया है. जो उनके मंगल ग्रह पर जाने के उत्साह के बारे में बताता है.
बता दें कि एलिसा कार्सन अपने माता पिता की इकलौती बेटी हैं. उनके पिता का नाम बर्ट कार्सन है. एलिसा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बैटन रूज इंटरनेशनल स्कूल से पूरी की. उसके बाद उन्होंने फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से 2023 में खगोल विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की. वर्तमान में वह अर्कांसस विश्वविद्यालय से अंतरिक्ष और ग्रह विज्ञान में पीएचडी कर रही हैं.
कई अंतरिक्ष शिविरों में भाग ले चुकी हैं एलिसा
जानकारी के मुताबिक, एलिसा कार्सन जब सिर्फ सात साल की थीं तब उन्होंने हंट्सविले, अलबामा में अपने पहले अंतरिक्ष शिविर में भाग लिया. उसके बाद वह लगातार छह और शिविरों में शामिल हुईं. इसके साथ ही उन्होंने तुर्की और कनाडा सहित नासा के सभी अंतरिक्ष शिविर में भाग लिया है जो दुनिया की एक मात्र छात्र हैं जो नासा के सभी अंतरिक्ष शिविरों में शामिल हुई हैं. यही नहीं एलिसा कार्सन बोस्टन में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सैली राइड समर कैंप में भी हिस्सा ले चुकी हैं.
18 साल की उम्र में हासिल किया पायलट का लाइसेंस
एलिसा कार्सन ने 16 साल की उम्र में एडवांस्ड प्रोजेक्ट पोलर सबऑर्बिटल साइंस इन अपर मेसोस्फीयर (PoSSUM) स्पेस अकादमी में भाग लिया. जब वह 18 साल की थीं तब उन्हें पायलट का लाइसेंस मिल गया. उन्होंने जल अस्तित्व, जी बल प्रशिक्षण यानी उच्च गुरुत्वाकर्षण, सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण उड़ानें, स्कूबा प्रमाणन प्राप्त करना और डीकंप्रेसन प्रशिक्षण जैसे कई सर्टिफिकेट हासिल किए हैं. इसके साथ ही एलिसा कार्सन ने एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी में अंतरिक्ष शरीर क्रिया विज्ञान पर केंद्रित प्रशिक्षण कक्षाओं में भी भाग लिया है.
बता दें कि फिलहाल एलिसा कार्सन नासा के मंगल मिशन पर जाने का प्रशिक्षण और अपनी पीएचडी पूरी कर रही हैं. जब 2030 में वह मंगल ग्रह पर जाएंगी उसके बाद ही उनकी वापस को लेकर कुछ कहा जा सकता है, नासा ने अभी तक उनकी वापसी को लेकर कुछ भी नहीं कहा है.