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'पुतिन का दिमाग' एलेक्जेंडर दुगिन... जानें रूस में क्या है हैसियत और क्यों

60 वर्षीय एलेक्जेंडर दुगिन राजनीतिक दार्शनिक, प्रभावशाली लेखक और विश्लेषक हैं. कहा जाता है कि दुगिन की बुद्धिमता और दूरदृष्टि के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी कायल हैं. संभवतः इसीलिए एलेक्जेंडर को 'पुतिन का दिमाग' कहा जाता है.

Updated on: 22 Aug 2022, 03:08 PM

highlights

  • मजबूत और आक्रामक एकीकृत रूस के पैरोकार हैं एलेक्जेंडर
  • यूक्रेन-रूस युद्ध के पीछे भी दुगिन का ही दिमाग माना जाता है
  • रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रेरक दार्शनिक भी हैं एलेक्जेंडर 

नई दिल्ली:

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बेहद शक्तिशाली सहयोगी राष्ट्रवादी विचारक और एलेक्जेंडर दुगिन (Aleksander Dugin) की बेटी दारया शनिवार रात को मॉस्को के बाहरी इलाके में एक कार बम धमाके में मारी गई. 29 साल की दारया टोयोटा प्रादो कार में थी, जिसके इंजन को स्टार्ट करते ही धमाका हो गया. रूस की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसयूवी दारया के पिता एलेक्जेंडर के नाम दर्ज थी, जिन्होंने ऐन मौके दूसरी कार से जाने का फैसला किया था. दोनों बाप-बेटी एक सांस्कृतिक समारोह में शामिल होकर लौट रहे थे. समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन (Ukraine) के शहर दोनेत्सक पीपुल्स रिपब्लिक के अलगाववादी नेता और रूस के प्रॉक्सी नेता करार दिए जाने वाले डेनिस पुश्लिन ने यूक्रेन के आतंकियों को इस धमाके के लिए जिम्मेदार ठहराया है. टेलीग्राम पर डेनिस ने लिखा है, 'वे (आतंकवादी) एलेक्जेंडर दुगिन को खत्म करने के प्रयास में थे, लेकिन धमाके में उनकी बेटी को मार दिया.'

'पुतिन का दिमाग' बताए जाते हैं एलेक्जेंडर
60 वर्षीय एलेक्जेंडर प्रभावशाली लेखक, राजनीतिक दार्शनिक और विश्लेषक हैं. माना जाता है कि दुगिन की बुद्धिमता और दूरदृष्टि के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी कायल हैं. संभवतः इसीलिए एलेक्जेंडर को 'पुतिन का दिमाग' या 'पुतिन का रासपुतिन' या 'पुतिन का दार्शनिक' भी कहा जाता है. मॉस्को में जन्मे एलेक्जेंडर ने 30 से अधिक किताबें लिखी हैं. एलेक्जेंडर को लेकर रूस में दो तरह के विचार लोगों के हैं. एक वर्ग उनकी विशिष्ट पहचान का समर्थक है, वहीं दूसरा वर्ग उन्हें बेहद सामान्य शख्स करार देता है, जो किस्मत से 'चमकता सितारा' बन गया है. द वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक दुगिन धुर दक्षिणपंथी अखबार 'डेन' के लिए स्तंभ लिखने के दौरान 1990 के दशक में रूस के राष्ट्रीय फलक पर धूमकेतु की तरह उभरे. एलेक्जेंडर 'टारग्राड टीवी' के चीफ एडिटर भी रहे हैं, जो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च का कट्टर समर्थक है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस की राजनीति में कोई आधिकारिक पद नहीं होने के बावजूद एलेक्जेंडर दुगिन को रूस की राजनीति का प्रतीकात्मक चेहरा माना जाता है. 

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एलेक्जेंडर के राजनीतिक विचार
माना जाता है कि रूस की वर्तमान राजनीतिक विचारधारा के मूल में एलेक्जेंडर दुगिन के ही विचार हैं. अति राष्ट्रवादी, पश्चिम विरोधी विचारधारा और बेहद शक्तिशाली और आक्रामक रूस के समर्थक एलेक्जेंडर दुगिन रूसी बोलने वाले प्रांतों के एकीकरण के प्रबल पक्षधर हैं. दुगिन चाहते हैं कि इस तरह एक नया रूसी साम्राज्य खड़ा किया जाए. मई में 'द वॉशिंगटन पोस्ट' में प्रकाशित एक लेख में कहा गया था,  ''डेन' समाचारपत्र में 'द ग्रेट वॉर ऑफ द कांटीनेंट्स' के रूप में 1991 में एक श्रृंखला विस्तार से प्रकाशित हुई थी. इस श्रृंखला में एलेक्जेंडर की रूस को लेकर दृष्टि को सामने लाया गया था. इसमें दुगिन ने रूस की तुलना 'शाश्वत रोम' से की थी, जो एकलवादी और भौतिकतावादी पश्चिम का सामना अकेले कर रहा है.' 1997 में प्रकाशित एलेक्जेंडर दुगिन की 'फॉउंडेशन ऑफ जियोपॉलिटिक्सः द जियोपॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ रशिया' किताब को साम्यवादी दौर के बाद की बेहद प्रभावशाली किताब करार दिया जाता है. इसे 'फॉरेन पॉलिसी' पत्रिका ने रूसी कट्टरपंथियों के एक बड़े वर्ग के लिए 'पोल स्टार' यानी ध्रुव तारे की संज्ञा दी थी. 'फॉरेन पॉलिसी' पत्रिका के मुताबिक, 'दुगिन के तर्कों के मूल में कार्ल हॉशोफर्स के विचार हैं. इसके तहत एलेक्जेंडर पूरे विश्वास के साथ मानते हैं कि 'अटलांटिसिज्म' की साजिश को नाकाम करने की महती जरूरत है, जिसका अमेरिका और नाटो के सदस्य देश नेतृत्व कर रहे हैं. 'अटलांटिसिज्म' का मकसद रूस को हर लिहाज से कमजोर कर उसे दबा कर रखना है. एलेक्जेंडर के मुताबिक अमेरिका और नाटो की साजिश को नाकाम करने के लिए सोवियत संघ को वापस लाना होगा और फिर चतुर कूटनीति का इस्तेमाल करना होगा. इस कूटनीति के मूल में जापान, ईरान और जर्मनी से साझेदारी बढ़ा गठबंधन को और मजबूती देने का भाव मजबूती से निहित होना चाहिए. इसके बाद ही अमेरिका और उसके कृपापात्र 'अटलांटिसिज्म' को महाद्वीप से बाहर किया जा सकेगा.'

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यूक्रेन रूस युद्ध में एलेक्जेंडर की भूमिका
यूक्रेन से रूस के युद्ध छेड़ने के व्लादिमीर पुतिन के विचार के एलेक्जेंडर दुगिन धुर समर्थक हैं. पूर्वी यूक्रेन के आतंकियों से संबंधों की वजह से दुगिन पर अमेरिका प्रतिबंध भी थोप चुका है. नए रूस के गठन के प्रबल पैरोकार एलेक्जेंडर दुगिन को ही पुतिन की यूक्रेन रणनीति का सूत्रधार माना जाता है. दुगिन का मानना है कि स्वतंत्र यूक्रेन यूरेशिया के लिए एक बड़ा खतरा है. ऐसे में काला सागर के उत्तरी तट पर सामरिक और राजनीतिक कब्जा रूस की भू-राजनीति के लिहाज से पूरी तरह जरूरी है. न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक निबंध के मुताबिक एलेक्जेंडर दुगिन ने ही यूक्रेन को रूस के केंद्रीयकृत राज्य का प्रशासनिक क्षेत्र बनाने का विचार पुतिन को दिया था.